विजयपुरा गढ़ का इतिहास - Vijaypura Fort in Hindi, इसमें श्रीमाधोपुर के पास विजयपुरा गाँव के गढ़ के बारे में इतिहास सहित सभी जानकारियाँ दी गई है।
राजस्थान की पहचान ऐतिहासिक धरोहरों की वजह से सम्पूर्ण भारत में है। यहाँ पर हर तीस चालीस किलोमीटर की दूरी पर कोई न कोई महल, गढ़ या किला बना हुआ है।
सीकर जिला भी इस क्रम में राजस्थान के किसी अन्य जिले से पीछे नहीं है। आज हम आपको सीकर जिले के श्रीमाधोपुर कस्बे के पास में स्थित विजयपुरा के गढ़ के सम्बन्ध में बताते हैं।
यह गढ़ श्रीमाधोपुर रेलवे स्टेशन से लगभग 6 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। एक बड़ी हवेली जितने आकार का यह गढ़ रेत के टीले के ऊपर बना हुआ है।
बताया जाता है कि इस गढ़ में विजयपुरा के जागीरदार का निवास था। आस पास के कई गाँव इस जागीरदार के अधिकार क्षेत्र में आते थे। अब यह गढ़ काफी जर्जर हालत में है। इसके अन्दर प्रवेश करने पर सामने एक चौक बना नजर आता है।
इस चौक के एक तरफ शायद किसी ने खजाने के लालच में खुदाई की है। चौक के चारों तरफ कमरे बने हुए हैं जिनमे से कुछ पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए हैं। सीढ़ियों से ऊपर जाने पर पीछे की तरफ कुछ भव्य कमरे बने हुए हैं।
एक कमरे में सुन्दर झरोखा बना हुआ है तथा दीवारों पर नीचे की तरफ बेल बूँटे आदि बने हुए हैं। ऊपर के कमरों में शायद इस गढ़ की मालकिन का निवास रहा होगा।
जैसे कि अधिकांश गढ़ चूने और पत्थर के बने होते हैं ठीक उसी प्रकार इस गढ़ के निर्माण में भी चूने और पत्थर का ही उपयोग किया गया है। यह दुर्भाग्य की बात है कि राजस्थान के अधिकांश छोटे बड़े गढ़ों का लिखित इतिहास मौजूद नहीं है।
उपेक्षा के कारण जिस प्रकार इन गढ़ों की दुर्दशा हो रही है ठीक उसी प्रकार इनके प्रामाणिक इतिहास की भी कोई जानकारी नहीं है।
यह गढ़ श्रीमाधोपुर कस्बे के इतना निकट है लेकिन फिर भी श्रीमाधोपुर के अधिकाँश निवासियों को इसके विषय में पता तक नहीं है। अगर आप ऐतिहासिक धरोहरों को निकट से देखने में रुचि रखते हैं तो आप इसे एक बार देख सकते हैं।
विजयपुरा गढ़ का वीडियो - Video of Vijaypura Fort
डिस्क्लेमर (Disclaimer)
इस लेख में शैक्षिक उद्देश्य के लिए दी गई जानकारी विभिन्न ऑनलाइन एवं ऑफलाइन स्रोतों से ली गई है जिनकी सटीकता एवं विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। आलेख की जानकारी को पाठक महज सूचना के तहत ही लें क्योंकि इसे आपको केवल जागरूक करने के उद्देश्य से लिखा गया है। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।
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