बास्केटबॉल खिलाड़ी राधेश्याम बिजारनियाँ, Basketball Player Radheshyam Bijarniya

arjun awardee basketball player radheshyam bijarniya

कहते हैं कि पूत के पैर पालने में ही दिखने लग जाते हैं। कुछ ऐसा ही जीवन अर्जुन पुरस्कार विजेता अंतर्राष्ट्रीय बास्केटबॉल खिलाड़ी श्री राधेश्याम बिजारनियाँ का रहा है जिन्होंने अपनी मेहनत और लगन से बास्केटबॉल खेल में यह मुकाम हासिल किया।

Radheshyam bijarniya early life


श्री राधेश्याम बिजारनिया श्रीमाधोपुर कस्बे की मोद्यावाली ढ़ाणी के रहने वाले थे। उनका जन्म 1953 में चौधरी श्री जग्गू राम बिजारनियाँ के घर पर हुआ।

बचपन से ही उनकी सभी खेलों में बहुत रूचि थी तथा उन खेलों में बास्केटबॉल उनको सबसे अधिक प्रिय था। उनकी कद काठी बहुत मजबूत थी तथा लम्बाई लगभग छः फीट पाँच इंच थी।

Radheshyam bijarniya basketball career in army


सेकेंडरी तक शिक्षा ग्रहण करने के पश्चात वे 1971 में भारतीय सेना में शामिल हुए। सेना में राजपुताना रेजिमेंट की छठी बटालियन में बतौर राइफलमैन शामिल होने के पश्चात उन्होंने अपने खेल जीवन की तरफ विशेष ध्यान देना शुरू किया।

उन्होंने 1975 में अन्तर सर्विसेज बास्केटबॉल चैंपियनशिप में भारतीय सेना की तरफ से भाग लिया था तथा टीम के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी का सम्मान पाया। 1977 में कुआलालंपुर, मलेशिया में आयोजित नौवी एशियन बास्केटबॉल कॉन्फ़ेडरेशन चैंपियनशिप में भाग लेकर उन्होंने अच्छा प्रदर्शन किया।

1979 में कोलम्बो में भारतीय सेना की तरफ से प्रतिनिधित्व किया। इसी वर्ष ही उन्होंने नागोया, जापान में आयोजित दसवीं एशियन बास्केटबॉल कॉन्फ़ेडरेशन चैंपियनशिप में भाग लेकर अच्छा प्रदर्शन किया तथा भारतीय टीम ने पाँचवा स्थान प्राप्त किया।

Radheshyam bijarniya in Moscow Olympic and Asian games


श्री बिजारनियाँ ने 1980 में मोस्को, रूस में आयोजित समर ओलंपिक में तथा 1982 में नई दिल्ली में आयोजित एशियन गेम्स में भारतीय बास्केटबॉल टीम का प्रतिनिधित्व किया। इनको 1975 से 1985 तक कई बार भारतीय सेना के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी का सम्मान मिला।

श्री राधेश्याम बिजारनियाँ के बास्केटबॉल खेल में दिए गए अभूतपूर्व योगदान और उपलब्धियों की वजह से उन्हें 1982 में अर्जुन अवार्ड से सम्मानित किया गया था।


1986 में इन्होने सेना से स्वेच्छिक सेवानिवृति लेने के पश्चात अपनी मृत्यु पर्यन्त श्रीमाधोपुर क्षेत्र की प्रतिभाओं को तराश कर खेलों में अपना योगदान जारी रखा।

एक खिलाड़ी के पश्चात एक कोच की भूमिका निभाते हुए 2006 में हृदयाघात की वजह से उन्होंने इस दुनिया से रुखसत ली।

Radheshyam bijarniya memorial basketball ground


राधेश्याम बिजारनियाँ के पुत्रों ने श्रीमाधोपुर के राजकीय आदर्श उच्च माध्यमिक विद्यालय में अपने पिता की याद में बास्केटबॉल का कोर्ट बनवाकर उनकी स्मृति को जन सामान्य में जीवित रखा है।

राधेश्याम बिजारनियाँ बास्केटबॉल के एक अन्तरराष्ट्रीय खिलाड़ी थे तथा उन्होंने बास्केटबॉल को जनसामान्य में बहुत लोकप्रिय बनाया। भावी पीढ़ियाँ उनके खेल जीवन से हमेशा प्रेरित होती रहेंगी।

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Ramesh Sharma
M Pharm, MSc (Computer Science), MA (History), PGDCA, CHMS

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