खाटूश्यामजी में बनेगा भव्य मंदिर कॉरिडोर - Khatu Shyam Ji Mandir Corridor, इसमें में अयोध्या और काशी विश्वनाथ जैसे बनने वाले कॉरिडोर की जानकारी है।
राजस्थान के सीकर जिले में स्थित खाटूश्यामजी मंदिर, बाबा श्याम के भक्तों का प्रमुख आस्था केंद्र, अब भव्य स्वरूप में नजर आएगा। केंद्र सरकार की स्वदेश दर्शन 2.0 योजना के तहत अयोध्या और काशी विश्वनाथ की तर्ज पर मंदिर कॉरिडोर बनेगा।
परियोजना की लागत 87.87 करोड़ रुपये है, जिसमें राजस्थान सरकार ने 100 करोड़ रुपये अतिरिक्त दिए, कुल बजट 187.87 करोड़ रुपये है। यह कॉरिडोर धार्मिक महत्व बढ़ाएगा और खाटूश्यामजी को वैश्विक धार्मिक पर्यटन के नक्शे पर स्थापित करेगा।
**परियोजना का उद्देश्य**
कॉरिडोर का लक्ष्य श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधाएँ देना और धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देना है। यह दर्शन को सुगम, सुरक्षित और आरामदायक बनाएगा, साथ ही स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करेगा। पर्यटन, होटल, परिवहन और रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे।
**कॉरिडोर की विशेषताएँ**
**डिजिटल म्यूजियम**: 11.51 करोड़ रुपये की लागत से बनेगा, जो बाबा श्याम की गाथाओं को अत्याधुनिक तकनीक से प्रदर्शित करेगा।
**वेटिंग हॉल और शेड्स**: गर्मी व बरसात में राहत के लिए बैठने की व्यवस्था।
**पार्किंग और पैदल रास्ते**: 27.42 हेक्टेयर पर विशाल पार्किंग और सुव्यवस्थित रास्ते।
**फूड कोर्ट और कैफेटेरिया**: भोजन और ठहरने की सुविधा।
**सुरक्षा और भीड़ प्रबंधन**: सीसीटीवी, हाईटेक काउंटिंग सिस्टम और कमांड सेंटर।
**अन्य सुविधाएँ**: शुद्ध पेयजल, टॉयलेट, साइन बोर्ड, ओपन एयर थिएटर, लाइट एंड साउंड शो।
**प्रगति और समयसीमा**
परियोजना की देखरेख RSRDC और पर्यटन विभाग कर रहे हैं। डिप्टी सीएम दिया कुमारी ने जल्द शुरू करने के निर्देश दिए। टेंडर प्रक्रिया पूरी हो चुकी है, निर्माण 15 अगस्त 2025 से शुरू होकर जुलाई 2026 तक पूरा होगा। भूमि अधिग्रहण और स्थानीय सहमति जैसे मुद्दों के कारण देरी की आशंका है।
**चुनौतियाँ और समाधान**
भूमि अधिग्रहण, स्थानीय दुकानदारों और मंदिर ट्रस्ट से सहमति, और तकनीकी मूल्यांकन चुनौतियाँ हैं। डिप्टी सीएम ने इन्हें जल्द हल करने का आश्वासन दिया। डीपीआर को केंद्र की गाइडलाइंस के अनुसार संशोधित किया गया है।
**भविष्य की संभावनाएँ**
कॉरिडोर के पूरा होने पर खाटूश्यामजी अंतरराष्ट्रीय धार्मिक पर्यटन केंद्र बनेगा। स्थानीय व्यापार, होटल और परिवहन को बढ़ावा मिलेगा, हजारों रोजगार सृजित होंगे। यह आध्यात्मिक और आधुनिक अनुभव का संगम होगा।
**निष्कर्ष**
खाटूश्यामजी मंदिर कॉरिडोर परियोजना ऐतिहासिक कदम है। यह धार्मिक आस्था को मजबूत करेगा और खाटूश्यामजी को प्रमुख तीर्थ स्थल बनाएगा। अयोध्या-काशी की तर्ज पर यह कॉरिडोर आधुनिकता और आध्यात्मिकता का अनूठा मेल होगा, जो श्रद्धालुओं की यात्रा को सुखद बनाएगा।
डिस्क्लेमर (Disclaimer)
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