स्वतंत्रता सेनानी बालूराम सैनी - Freedom Fighter Baluram Saini in Hindi

स्वतंत्रता सेनानी बालूराम सैनी - Freedom Fighter Baluram Saini in Hindi, इसमें श्रीमाधोपुर के स्वतंत्रता सेनानी बालूराम सैनी के बारे में जानकारी है।

Freedom Fighter Baluram Saini in Hindi

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श्री बालूराम सैनी का जन्म 12 जनवरी 1922 को श्रीमाधोपुर के पुष्पनगर में हुआ था। इनके पिता का नाम श्री भीखाराम सैनी था।

इनकी शिक्षा मिडिल स्तर तक हुई थी। प्रारंभिक शिक्षा के दौरान ही ये गांधीजी के विचारों से बहुत प्रभावित हुए तथा इन्होंने बचपन से ही प्रजा मंडल तथा चरखा संघ के माध्यम से स्वतंत्रता आन्दोलन में भाग लेना शुरू कर दिया।

मात्र बारह वर्ष की आयु से ही इन्होंने स्वतंत्रता संग्राम में अपना सक्रिय योगदान प्रदान करना शुरू कर दिया था। इन्होंने गांधीजी के जयपुर प्रवास के दौरान भी स्वतंत्रता आन्दोलन में अपनी अहम भूमिका निभाई।

बाद में इनको गोपनीय डाक पहुँचाने की जिम्मेदारी दी गई जिसे इन्होंने बखूबी निभाया। वर्ष 1942 में इन्हें पंजाब में अंग्रेजों ने गिरफ्तार कर लिया तथा दो वर्ष के लिए जेल में डाल दिया गया। जेल से रिहा होने के पश्चात ये पुनः आजादी की लड़ाई में कूद पड़े।

इन्होंने स्वतंत्रता आन्दोलन के साथ-साथ एक कुशल राजनीतिज्ञ तथा समाज सेवक के रूप में भी अपनी सेवाएँ प्रदान की है। इन्होंने जनकल्याण के विभिन्न कार्यों में हमेशा अपना प्रत्यक्ष तथा अप्रत्यक्ष योगदान दिया है।

राजनीतिक क्रियाकलापों में रुचि होने के कारण ये 1958 में जयरामपुरा ग्राम पंचायत के सरपंच निर्वाचित हुए। वर्ष 1959 में ये श्रीमाधोपुर पंचायत समिति के प्रथम प्रधान चुने गए तथा इन्हें श्रीमाधोपुर पंचायत समिति के प्रथम प्रधान बनने का गौरव हासिल हुआ।

इन्होंने बहुत वर्षों तक जालपाली तथा हाँसपुर ग्राम पंचायतों के सरपंच के रूप में भी अपनी सेवाएँ प्रदान की है। इनका जीवन बहुत ही साधारण रहा परन्तु इनके विचार सदा उच्च रहे हैं। ये हमेशा समाज के गरीब तथा पिछड़े तबके के लोगों को मुख्य धारा में लाने के लिए प्रयासरत रहे हैं।


इनके अथक प्रयासों से 1963 में आदर्श बस्ती, पुष्पनगर का शिलान्यास राजस्थान राज्य समाज कल्याण सलाहकार बोर्ड की तत्कालीन अध्यक्षा श्रीमती इन्दुबाला सुखाड़िया ने किया जिसके कारण पुष्पनगर में न्यू कॉलोनी की बसावट शुरू हुई।

इन्होंने राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय, पुष्पनगर में अपनी धर्मपत्नी की पुण्य स्मृति में विद्यार्थियों की पढ़ाई के लिए एक कक्ष का निर्माण करवाकर शिक्षा कल्याण क्षेत्र में भी अपना योगदान देने का प्रयास किया।

इनके प्रयासों की वजह से 1995 में इसी विद्यालय परिसर के गांधी पार्क में महात्मा गांधी की प्रतिमा का अनावरण ठाकुर सुगन सिंह शेखावत की अध्यक्षता में हुआ।

स्वतंत्रता सेनानी, समाज सेवक तथा राजनीतिज्ञ के रूप में समाज को प्रदान की गई सेवाओं को ध्यान में रखते हुए केंद्र तथा राज्य सरकार ने समय-समय पर इनको सम्मानित भी किया है। इसी क्रम में वर्ष 1987 में इनको राज्य के मुख्यमंत्री श्री हरिदेव जोशी द्वारा ताम्रपत्र प्रदान किया गया।

अभी हाल ही में 9 अगस्त 2017 को भारत के राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद ने इन्हें राष्ट्रपति भवन में आयोजित एट होम समारोह में निजी सन्देश के साथ इलेक्ट्रिक केतली भेंट कर सम्मानित किया है।

स्वतंत्रता सेनानी बालूराम सैनी की फोटो - Photo of Freedom Fighter Baluram Saini


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लेखक (Writer)

रमेश शर्मा {एम फार्म, एमएससी (कंप्यूटर साइंस), पीजीडीसीए, एमए (इतिहास), सीएचएमएस}

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डिस्क्लेमर (Disclaimer)

इस लेख में शैक्षिक उद्देश्य के लिए दी गई जानकारी विभिन्न ऑनलाइन एवं ऑफलाइन स्रोतों से ली गई है जिनकी सटीकता एवं विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। आलेख की जानकारी को पाठक महज सूचना के तहत ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।
रमेश शर्मा

मेरा नाम रमेश शर्मा है। मैं एक रजिस्टर्ड फार्मासिस्ट हूँ। मेरी क्वालिफिकेशन M Pharm (Pharmaceutics), MSc (Computer Science), MA (History), PGDCA और CHMS है। मुझे पुरानी ऐतिहासिक धरोहरों को करीब से देखना, इनके इतिहास के बारे में जानना और प्रकृति के करीब रहना बहुत पसंद है। जब भी मुझे मौका मिलता है, मैं इनसे मिलने के लिए घर से निकल जाता हूँ। जिन धरोहरों को देखना मुझे पसंद है उनमें प्राचीन किले, महल, बावड़ियाँ, मंदिर, छतरियाँ, पहाड़, झील, नदियाँ आदि प्रमुख हैं। जिन धरोहरों को मैं देखता हूँ, उन्हें ब्लॉग और वीडियो के माध्यम से आप तक भी पहुँचाता हूँ ताकि आप भी मेरे अनुभव से थोड़ा बहुत लाभ उठा सकें।

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