एक साथ तीन देवताओं की अनोखी मूर्ति - Harihar Mandir Badrana Udaipur

एक साथ तीन देवताओं की अनोखी मूर्ति - Harihar Mandir Badrana Udaipur, इसमें उदयपुर में बदराणा के अनोखे हरीहर महादेव मंदिर के बारे में जानकारी दी गई है।

Harihar Mandir Badrana Udaipur

आज हम आपको दुनिया के ऐसे इकलौते मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं जहाँ पर एक ही मूर्ति में भगवान विष्णु के साथ-साथ भगवान शिव और कृष्ण के दर्शन होते हैं।

इस मूर्ति को हरिहर के नाम से जाना जाता है क्योंकि इसमें हरी यानी विष्णु और हर यानी शंकर दोनों एक साथ है। इसमें विष्णु के ही एक रूप श्रीकृष्ण भी शामिल हैं।

हरिहर जी की मूर्ति काले रंग के एक ही पाषाण में बनी हुई है जिसमें एक मूर्ति के अंदर तीन मूर्तियाँ हैं। इन मूर्तियों के बीच में बनी हुई सबसे बड़ी मूर्ति भगवान विष्णु की है जिसके चार भुजाएँ हैं।

प्रतिमा के नीचे लेफ्ट साइड में छोटी कृष्ण की मूर्ति है जिनके शीश पर मोर मुकुट है। ऊपर की तरफ हाथ में चक्र है और नीचे की तरफ शंख है।

मंदिर के बाहर गरुड़ की दो प्रतिमाएँ हैं जिनमें से एक प्रतिमा उसी समय की है जिस समय की मूर्ति है। गरुड़ की दूसरी प्रतिमा मंदिर के जीर्णोद्धार के समय मेवाड़ के महाराणा राज सिंह ने स्थापित करवाई थी।

गरुड़ प्रतिमा के शिलालेख के अनुसार यह मूर्ति विक्रम संवत 1111 में मानसी और रोवली नदी (छोटा नाला) के संगम स्थल पर मिली थी।

महाराणा प्रताप ने अपने हल्दीघाटी के योद्धा झाला बींदा (झाला मान) के बलिदान की याद में इस स्थान का नाम बींदाराणा रखा। समय के साथ यह नाम बदलकर बदराणा हो गया।

मंदिर में आषाढ़ी पूर्णिमा के तोल की परंपरा भी सैकड़ों वर्षों से चली आ रही है। आषाढ़ी तोल की परंपरा से बारिश कैसी होगी, इस बात का संकेत मिल जाता है।



लेखक (Writer)

रमेश शर्मा {एम फार्म, एमएससी (कंप्यूटर साइंस), पीजीडीसीए, एमए (इतिहास), सीएचएमएस}

डिस्क्लेमर (Disclaimer)

इस लेख में शैक्षिक उद्देश्य के लिए दी गई जानकारी विभिन्न ऑनलाइन एवं ऑफलाइन स्रोतों से ली गई है जिनकी सटीकता एवं विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। आलेख की जानकारी को पाठक महज सूचना के तहत ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।
रमेश शर्मा

मेरा नाम रमेश शर्मा है। मैं एक रजिस्टर्ड फार्मासिस्ट हूँ। मेरी क्वालिफिकेशन M Pharm (Pharmaceutics), MSc (Computer Science), MA (History), PGDCA और CHMS है। मुझे ऐतिहासिक धरोहरों को करीब से देखना, इनके इतिहास के बारे में जानना और प्रकृति के करीब रहना बहुत पसंद है। मैं अक्सर किसी किले, महल, मंदिर, बावड़ी, छतरी, नदी, झरने, पहाड़, झील आदि के करीब चला जाता हूँ। मुझे अनजाने ऐतिहासिक तथ्यों की जानकारी देने के साथ ऐसी छोटी कविताएँ लिखने का भी शौक है जिनमें कुछ सन्देश छिपा हो। इसके अलावा, एक रजिस्टर्ड फार्मासिस्ट होने के नाते मुझे डिजीज, मेडिसिन्स, लाइफस्टाइल और हेल्थकेयर आदि के बारे में भी जानकारी है। अपनी शिक्षा और शौक की वजह से जो कुछ भी मैं जानता हूँ, मैं उसकी जानकारी ब्लॉग आर्टिकल और वीडियो के माध्यम से सभी को देता रहता हूँ। आप ShriMadhopur.com ब्लॉग से जुड़कर मेरे आर्टिकल पढ़ सकते हैं, साथ ही सभी सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर @ShriMadhopurWeb पर फॉलो भी कर सकते हैं।

एक टिप्पणी भेजें

और नया पुराने