सामोद महल में हो चुकी है कई फिल्मों की शूटिंग - Samod Mahal

सामोद महल में हो चुकी है कई फिल्मों की शूटिंग - Samod Mahal, इसमें जयपुर के चौमूँ के पास सामोद कस्बे में मौजूद प्रसिद्ध महल के बारे में जानकारी दी है।

Samod Mahal

चौमूँ के पास सामोद कस्बा अपनी ऐतिहासिक धरोहरों और संस्कृति के कारण पूरे भारत में प्रसिद्ध है। यहाँ पर भव्य सामोद महल, सामोद बाग के साथ एक पुराना किला भी स्थित है।

मुख्य महल परिसर कई चौक की बहुमंजिला हवेली के रूप में बना हुआ है। हर चौक के चारों तरफ बहुमंजिला निर्माण है जिसमें गलियारे और कक्ष बने हुए हैं।

तीन चौक के बाद में भव्य शीश महल बना हुआ है। वर्तमान में जो सामोद महल है उसका निर्माण 1550 ईस्वी में सामोद कस्बे की स्थापना के समय ही हुआ था। शुरुआती सालों में यह महल एक किले के रूप में ही हुआ करता था लेकिन बाद में इसे हवेलीनुमा महल में बदल दिया गया।

इस किले के निर्माण की शुरुआत आमेर रियासत के कछवाहा राजा पृथ्वीराज सिंह (प्रथम) के पुत्र रावल श्योसिंह ने की थी। ऐसा बताया जाता है कि श्योसिंह ही सामोद ठिकाने के प्रथम रावल थे।

सामोद महल के निर्माण में महारावल उपाधि वाले बिहारीदास का भी बड़ा योगदान था। इस तरह से इस किले के निर्माण में कई राजाओं का योगदान रहा है।

उन्नीसवीं शताब्दी में रावल बेरीसाल ने इसे किले की जगह एक शानदार महल के रूप में बदलवा दिया। रावल बेरीसाल के बाद में रावल श्योसिंह ने महल का विस्तार करवाकर इसमें दरबार हाल, गलियारा और शीश महल का निर्माण करवाया।

महल के इस विस्तार ने इसकी भव्यता में चार चाँद लगा दिए। दरबार हाल में जहाँ हाथों से बनी हुई पेंटिंग्स हैं वहीं शीश महल में शीशे की भव्य नक्काशी है।

महल के पास ही पहाड़ पर पुराना किला बना हुआ है। कहते हैं कि इस महल से एक गुप्त रास्ता उस किले तक जाता है। ऊपर किले तक जाने के लिए लगभग तीन सौ सीढ़ियाँ बनी हुई है। किले के आगे यह रास्ता वीर हनुमान जी के प्रसिद्ध मंदिर तक जाता है।

डिस्क्लेमर (Disclaimer)

इस लेख में शैक्षिक उद्देश्य के लिए दी गई जानकारी विभिन्न ऑनलाइन एवं ऑफलाइन स्रोतों से ली गई है जिनकी सटीकता एवं विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। आलेख की जानकारी को पाठक महज सूचना के तहत ही लें क्योंकि इसे आपको केवल जागरूक करने के उद्देश्य से लिखा गया है। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।
रमेश शर्मा

मेरा नाम रमेश शर्मा है। मैं एक रजिस्टर्ड फार्मासिस्ट हूँ। मेरी क्वालिफिकेशन M Pharm (Pharmaceutics), MSc (Computer Science), MA (History), PGDCA और CHMS है। मुझे ऐतिहासिक धरोहरों को करीब से देखना, इनके इतिहास के बारे में जानना और प्रकृति के करीब रहना बहुत पसंद है। मैं अक्सर किसी किले, महल, मंदिर, बावड़ी, छतरी, नदी, झरने, पहाड़, झील आदि के करीब चला जाता हूँ। मुझे अनजाने ऐतिहासिक तथ्यों की जानकारी देने के साथ ऐसी छोटी कविताएँ लिखने का भी शौक है जिनमें कुछ सन्देश छिपा हो। इसके अलावा, एक रजिस्टर्ड फार्मासिस्ट होने के नाते मुझे डिजीज, मेडिसिन्स, लाइफस्टाइल और हेल्थकेयर आदि के बारे में भी जानकारी है। अपनी शिक्षा और शौक की वजह से जो कुछ भी मैं जानता हूँ, मैं उसकी जानकारी ब्लॉग आर्टिकल और वीडियो के माध्यम से सभी को देता रहता हूँ। आप ShriMadhopur.com ब्लॉग से जुड़कर मेरे आर्टिकल पढ़ सकते हैं, साथ ही सभी सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर @ShriMadhopurWeb पर फॉलो भी कर सकते हैं।

एक टिप्पणी भेजें

और नया पुराने