राजस्थान में सबसे ज्यादा दरवाजों वाला बाँध - Matrikundiya Dam, इसमें परशुराम जी की पाप मुक्ति स्थली मातृकुंडिया में बने बाँध के बारे में जानकारी दी है।
आज हम आपको राजस्थान के सबसे ज्यादा दरवाजों वाले बाँध के बारे में बताने जा रहे हैं जो चित्तौड़गढ़ के पास बनास नदी के किनारे मातृकुंडिया नाम की जगह पर बना हुआ है।
राशमी एरिया में मातृकुंडिया में बना यह डैम तीन जिलों, राजसमंद, भीलवाड़ा और चित्तौड़गढ़ का जल जंक्शन है। इसका ज्यादातर कैचमेंट एरिया राजसमंद जिले में है।
इस जगह पर एक प्राचीन कुंड भी मौजूद है जहाँ पर भगवान परशुरामजी ने स्नान करके अपनी माता की हत्या के पाप से मुक्ति पाई थी।
यह कुंड अब भी बनास नदी के तल में मौजूद है। आपको बता दें कि बनास नदी ही वह नदी है जिसके उद्गम स्थल पर एक गुफा में भगवान परशुराम ने महाबली कर्ण को शिक्षा दी थी।
मातृकुंडिया के इस प्राचीन कुंड के पास एक काफी बड़ा बाँध बना हुआ है जिसे बनास नदी के पानी को रोककर बनाया गया है। इस बाँध को मेजा जलपूरक बाँध भी कहते हैं जिसका निर्माण 1980 में हुआ था।
बाँध की पूर्ण भराव क्षमता साढ़े सत्ताईस फीट है लेकिन इसे साढ़े बाईस फीट तक ही भरा जाता है। बाँध से पानी की निकासी के लिए 52 गेट बने हुए हैं जो राजस्थान के सभी बाँधों में सबसे ज्यादा है।
बाँध में पानी की आवक इसके कैचमेंट एरिया के साथ नाथद्वारा के पास स्थित नंदसमंद बाँध के छलकने पर होती है। इस बाँध का पानी छलकने पर बनास नदी के साथ-साथ 58 किलोमीटर लंबे मेजा फीडर द्वारा मेजा बाँध में जाता है।
डिस्क्लेमर (Disclaimer)
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