एशिया में मीठे पानी की सबसे बड़ी मानव निर्मित झील - Jaisamand Jheel

एशिया में मीठे पानी की सबसे बड़ी मानव निर्मित झील - Jaisamand Jheel, इसमें उदयपुर के पास मौजूद ढेबर यानी जयसमंद झील के बारे में जानकारी दी गई है।

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उदयपुर के पास मौजूद जयसमंद झील को ढेबर झील भी कहा जाता है जो जब बनी थी तब एशिया में मीठे पानी की सबसे बड़ी मानव निर्मित झील हुआ करती थी लेकिन जब से गोविन्द वल्लभ पंत सागर झील बनी है तब से इस झील का स्थान दूसरा हो गया है।

यह झील इतनी ज्यादा बड़ी है कि इसके बीच में सात टापू मौजूद हैं और जिनमें कुछ पर आदिवासी परिवार रहते हैं। बारिश के मौसम में इस झील में 9 नदियों और 99 नालों का पानी आता है।

झील की पाल की निचली सीढ़ियों के आगे मार्बल के सुंदर हाथी बने हुए हैं। झील का पानी जब अंतिम छोर के हाथी के पैरों की जंजीर तक पहुँचता है तब झील ओवरफ्लो होकर छलकने लग जाती है।

बताते हैं कि पुराने समय में जब पानी हाथियों की उठी हुई सूंड तक पहुँचता था तब यह झील ओवरफ्लो होती थी लेकिन एक बार झील के निचले इलाकों में पानी भरने के बाद इसकी ऊँचाई कम कर दी गई।

पाल के ऊपर सफेद रंग की 6 छतरियाँ बनी हैं जिनके बीच में यानी 3 छतरियों के बाद महाराणा जयसिंह का बनवाया हुआ नर्बदेश्‍वर महादेव मंदिर मौजूद है।

चारों तरफ से अरावली की पहाड़ियों से घिरी झील के पास एक वाइल्ड लाइफ सेंचुरी भी मौजूद है जिसमें कई तरह के दुर्लभ जीव जन्तु रहते है।

अगर हम जयसमंद झील के इतिहास के बारे में बात करें तो इसका निर्माण 17वीं शताब्दी में महाराणा जयसिंह ने गोमती नदी के पानी को रोककर करवाया था।

ऐसा बताया जाता है कि इसके उद्घाटन के दिन महाराणा जय सिंह ने अपने वजन के बराबर सोना तुलवाकर दान में दिया था। इस झील को विजय का महासागर या राजस्थान का समुद्र कहा जाता है।

डिस्क्लेमर (Disclaimer)

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रमेश शर्मा

नमस्ते! मेरा नाम रमेश शर्मा है। मैं एक रजिस्टर्ड फार्मासिस्ट हूँ और मेरी शैक्षिक योग्यता में M Pharm (Pharmaceutics), MSc (Computer Science), MA (History), PGDCA और CHMS शामिल हैं। मुझे भारत की ऐतिहासिक धरोहरों और धार्मिक स्थलों को करीब से देखना, उनके पीछे छिपी कहानियों को जानना और प्रकृति की गोद में समय बिताना बेहद पसंद है। चाहे वह किला हो, महल, मंदिर, बावड़ी, छतरी, नदी, झरना, पहाड़ या झील – हर जगह मेरे लिए इतिहास और आस्था का अनमोल संगम है। इतिहास का विद्यार्थी होने की वजह से प्राचीन धरोहरों, स्थानीय संस्कृति और इतिहास के रहस्यों में मेरी गहरी रुचि है। मुझे खास आनंद तब आता है जब मैं कलियुग के देवता बाबा खाटू श्याम और उनकी पावन नगरी खाटू धाम से जुड़ी ज्ञानवर्धक और उपयोगी जानकारियाँ लोगों तक पहुँचा पाता हूँ। एक फार्मासिस्ट होने के नाते मुझे रोग, दवाइयाँ, जीवनशैली और हेल्थकेयर से संबंधित विषयों की भी अच्छी जानकारी है। अपनी शिक्षा और रुचियों से अर्जित ज्ञान को मैं ब्लॉग आर्टिकल्स और वीडियो के माध्यम से आप सभी तक पहुँचाने का प्रयास करता हूँ। 📩 किसी भी जानकारी या संपर्क के लिए आप मुझे यहाँ लिख सकते हैं: ramesh3460@gmail.com

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