पानी में तैरता जयपुर का जलमहल - Jal Mahal

पानी में तैरता जयपुर का जलमहल - Jal Mahal, इसमें जयपुर में मानसागर झील के अंदर पानी में तैरते खूबसूरत जल महल या वाटर पेलेस के बारे में जानकारी दी है।

Jal Mahal

गुलाबी नगरी जयपुर में मानसागर झील के बीच में तैरता हुआ एक शानदार महल है जो जलमहल, वाटर पेलेस और आई बॉल के नाम से काफी प्रसिद्ध है। चाँदनी रात में यह महल काफी खूबसूरत लगता है।

यह महल अपनी अनोखी डिजाइन और राजसी वैभव की वजह से सभी को अपनी तरफ आकर्षित करने के साथ जयपुर में फोटोग्राफी के लिए बेस्ट डेस्टिनेशन है।

अगर हम जलमहल के इतिहास के बारे में बात करें तो इसका निर्माण 18वीं शताब्दी में जयपुर के संस्थापक महाराजा सवाई जय सिंह द्वितीय के शासनकाल में शुरू हुआ था। आपको बता दें कि सवाई जय सिंह ने 1727 ईस्वी में जयपुर की स्थापना की थी।


ऐसा भी बताया जाता है कि 1799 ईस्वी के आसपास महाराजा प्रताप सिंह ने जलमहल का पुनर्निर्माण और विस्तार करवाया था। 

इस महल के निर्माण का मुख्य उद्देश्य गर्मी के मौसम में राजपरिवार के रहने के साथ-साथ शिकार का आनंद लेना था। 

जिस झील के बीच में जलमहल बना हुआ है उसका नाम मानसागर है जो कि आमेर के राजा मान सिंह प्रथम के नाम पर है। राजा मान सिंह ने 16वीं शताब्दी में इस झील को गर्भावती नदी पर बनवाया था।

उस समय इस झील से जयपुर शहर को पीने का पानी तो मिलता ही था, साथ में कई तरह के पक्षियों और वन्यजीवों को रहने की जगह मिलती थी।

ऐसा बताया जाता है कि सवाई जय सिंह ने जलमहल का उपयोग अश्वमेध यज्ञ जैसे शाही अनुष्ठान के बाद स्नान और दूसरे उत्सवों के लिए भी किया था।

आमतौर पर जलमहल की सबसे ऊपरी मंजिल झील के पानी के ऊपर दिखाई देती है और निचली मंजिलें पानी में डूबी रहती हैं। ज्यादातर समय पानी में डूबा रहने की वजह से ऐसा लगता है जैसे ये महल पानी पर तैर रहा हो।

लाल बलुआ पत्थरों से बना हुआ जलमहल एक तीन मंजिला इमारत है, जो राजपूत और मुगल स्थापत्य कला का एक बेहतरीन उदाहरण है।

महल वर्गाकार आकृति में बना हुआ है जिसके चारों कोनों पर चार अष्टकोणीय छतरियाँ बनी हैं। इन छतरियों के बीच में चार बारादरियाँ यानी तिबारियाँ बनी हुई हैं।

महल की छत पर एक शानदार बगीचा बना हुआ है। महल की दीवारों पर कलात्मक नक्काशी, शीशे का काम और मार्बल के स्तम्भ उस समय की कारीगरी को दर्शाते हैं।

महल से झील और अरावली की पहाड़ियाँ बड़ी खूबसूरत लगती हैं। महल में सूर्योदय और सूर्यास्त का समय बहुत खास होता है।

जलमहल की मैप लोकेशन - Map location of Jal Mahal



जलमहल का वीडियो - Video of Jal Mahal



डिस्क्लेमर (Disclaimer)

इस लेख में शैक्षिक उद्देश्य के लिए दी गई जानकारी विभिन्न ऑनलाइन एवं ऑफलाइन स्रोतों से ली गई है जिनकी सटीकता एवं विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। आलेख की जानकारी को पाठक महज सूचना के तहत ही लें क्योंकि इसे आपको केवल जागरूक करने के उद्देश्य से लिखा गया है। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।
रमेश शर्मा

मेरा नाम रमेश शर्मा है। मैं एक रजिस्टर्ड फार्मासिस्ट हूँ। मेरी क्वालिफिकेशन M Pharm (Pharmaceutics), MSc (Computer Science), MA (History), PGDCA और CHMS है। मुझे ऐतिहासिक धरोहरों को करीब से देखना, इनके इतिहास के बारे में जानना और प्रकृति के करीब रहना बहुत पसंद है। मैं अक्सर किसी किले, महल, मंदिर, बावड़ी, छतरी, नदी, झरने, पहाड़, झील आदि के करीब चला जाता हूँ। मुझे अनजाने ऐतिहासिक तथ्यों की जानकारी देने के साथ ऐसी छोटी कविताएँ लिखने का भी शौक है जिनमें कुछ सन्देश छिपा हो। इसके अलावा, एक रजिस्टर्ड फार्मासिस्ट होने के नाते मुझे डिजीज, मेडिसिन्स, लाइफस्टाइल और हेल्थकेयर आदि के बारे में भी जानकारी है। अपनी शिक्षा और शौक की वजह से जो कुछ भी मैं जानता हूँ, मैं उसकी जानकारी ब्लॉग आर्टिकल और वीडियो के माध्यम से सभी को देता रहता हूँ। आप ShriMadhopur.com ब्लॉग से जुड़कर मेरे आर्टिकल पढ़ सकते हैं, साथ ही सभी सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर @ShriMadhopurWeb पर फॉलो भी कर सकते हैं।

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