शारदीय नवरात्रि में क्या करें और क्या नहीं? - What to do in Sharadiya Navratri?

शारदीय नवरात्रि में क्या करें और क्या नहीं? - What to do in Sharadiya Navratri? इसमें नवरात्रि के दिनों में क्या करने और क्या नहीं करने की जानकारी है।

What to do in Sharadiya Navratri

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शारदीय नवरात्रि, नौ दिनों का एक ऐसा पावन पर्व है, जो माँ दुर्गा के नौ दिव्य स्वरूपों की आराधना का अवसर लेकर आता है। यह पर्व बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक है और हिन्दू धर्म में इसका विशेष महत्व है। यह केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि आत्म-शुद्धि, संयम और साधना का भी सुनहरा अवसर है।


इस दौरान, जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करने और माँ दुर्गा का आशीर्वाद पाने के लिए कुछ नियमों का पालन करना अनिवार्य माना गया है। आइए, जानते हैं कि इन नौ दिनों में हमें क्या करना चाहिए और किन बातों से बचना चाहिए।

नवरात्रि में क्या करें? - What to do in Navratri?


1. कलश स्थापना और पूजा-अर्चना:


नवरात्रि के पहले दिन, शुभ मुहूर्त में विधिवत कलश स्थापना करें। यह घर में सुख-समृद्धि और शांति का प्रतीक है। इसके बाद, माँ दुर्गा के नौ रूपों की प्रतिदिन विधि-विधान से पूजा करें।

2. सात्विक जीवनशैली और उपवास:


नवरात्रि का मुख्य उद्देश्य मन और शरीर को शुद्ध करना है। इसलिए, इन नौ दिनों में सात्विक भोजन ही ग्रहण करें। यदि आप व्रत रख रहे हैं, तो केवल फलाहार या व्रत के लिए विशेष रूप से बनाए गए भोजन जैसे साबूदाना, कुट्टू या सिंघाड़े के आटे का सेवन करें। लहसुन और प्याज का उपयोग बिलकुल न करें।

3. मंत्र जाप और धार्मिक पाठ:


मन की शांति और सकारात्मकता के लिए माँ दुर्गा के मंत्रों का जाप करें। इसके अलावा, दुर्गा सप्तशती, देवी कवच, स्तुति या चालीसा का पाठ करना अत्यंत शुभ माना जाता है। यदि संभव हो, तो घर में अखंड ज्योति जलाएँ, जो आपके संकल्प और अटूट आस्था को दर्शाती है।

4. स्वच्छता और पवित्रता:


माँ दुर्गा के आगमन से पहले, घर और पूजा स्थल की अच्छी तरह से सफाई करें। पूजा के दौरान मन और शरीर को भी शुद्ध रखें। अपने आचरण को नियंत्रित करें और नकारात्मक विचारों से दूर रहें।

5. कन्या पूजन और दान:


अष्टमी या नवमी के दिन कन्या पूजन अवश्य करें। नौ छोटी कन्याओं को देवी का रूप मानकर उन्हें प्रेमपूर्वक भोजन कराएँ और अपनी श्रद्धा अनुसार दक्षिणा या उपहार दें। इसके अतिरिक्त, जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र या धन का दान करना भी पुण्य का काम माना जाता है।

नवरात्रि में क्या नहीं करें? - What not to do in Navratri?


1. मांसाहार और नशा:


नवरात्रि के दौरान माँस, मछली, अंडा, शराब और तंबाकू का सेवन वर्जित है। यह तामसिक आहार माना जाता है, जो आपकी साधना में बाधा उत्पन्न कर सकता है।

2. झूठ और अपशब्द:


मन और वाणी की पवित्रता बनाए रखना बहुत ज़रूरी है। इन नौ दिनों में किसी भी व्यक्ति के प्रति बुरे विचार मन में न लाएँ, झूठ न बोलें और अपशब्दों का प्रयोग बिलकुल न करें।

3. बाल और नाखून काटना:


परंपरा के अनुसार, नवरात्रि के नौ दिनों तक बाल, दाढ़ी और नाखून काटने से बचना चाहिए।

4. चमड़े की चीज़ें और काले कपड़े:


पूजा के दौरान या घर में चमड़े से बनी वस्तुओं, जैसे बेल्ट या पर्स, का उपयोग न करें। साथ ही, काले रंग के कपड़े पहनने से बचें, क्योंकि इसे अशुभ माना जाता है।

5. दिन में सोना:


व्रत रखने वाले लोगों को दिन में सोने से बचना चाहिए, क्योंकि यह व्रत की पवित्रता को भंग कर सकता है। अपने समय का उपयोग पूजा और भक्ति में करें।

निष्कर्ष:


शारदीय नवरात्रि केवल नौ दिनों का त्योहार नहीं है, बल्कि यह एक अवसर है अपनी अंतरात्मा से जुड़ने और अपनी शक्तियों को जागृत करने का।

इन नियमों का पालन करके आप न केवल माँ दुर्गा की कृपा प्राप्त कर सकते हैं, बल्कि अपने जीवन में अनुशासन, शांति और सकारात्मकता भी ला सकते हैं। इस पावन पर्व को पूरी श्रद्धा, संयम और भक्ति के साथ मनाएँ।

डिस्क्लेमर (Disclaimer)

इस लेख में शैक्षिक उद्देश्य के लिए दी गई जानकारी विभिन्न ऑनलाइन एवं ऑफलाइन स्रोतों से ली गई है जिनकी सटीकता एवं विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। आलेख की जानकारी को पाठक महज सूचना के तहत ही लें क्योंकि इसे आपको केवल जागरूक करने के उद्देश्य से लिखा गया है। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।
रमेश शर्मा

मेरा नाम रमेश शर्मा है। मैं एक रजिस्टर्ड फार्मासिस्ट हूँ। मेरी क्वालिफिकेशन M Pharm (Pharmaceutics), MSc (Computer Science), MA (History), PGDCA और CHMS है। मुझे ऐतिहासिक धरोहरों को करीब से देखना, इनके इतिहास के बारे में जानना और प्रकृति के करीब रहना बहुत पसंद है। मैं अक्सर किसी किले, महल, मंदिर, बावड़ी, छतरी, नदी, झरने, पहाड़, झील आदि के करीब चला जाता हूँ। मुझे अनजाने ऐतिहासिक तथ्यों की जानकारी देने के साथ ऐसी छोटी कविताएँ लिखने का भी शौक है जिनमें कुछ सन्देश छिपा हो। इसके अलावा, एक रजिस्टर्ड फार्मासिस्ट होने के नाते मुझे डिजीज, मेडिसिन्स, लाइफस्टाइल और हेल्थकेयर आदि के बारे में भी जानकारी है। अपनी शिक्षा और शौक की वजह से जो कुछ भी मैं जानता हूँ, मैं उसकी जानकारी ब्लॉग आर्टिकल और वीडियो के माध्यम से सभी को देता रहता हूँ। आप ShriMadhopur.com ब्लॉग से जुड़कर मेरे आर्टिकल पढ़ सकते हैं, साथ ही सभी सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर @ShriMadhopurWeb पर फॉलो भी कर सकते हैं।

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