Ek Baar Jaipur Aa Ke Dekh Poem, इसमें एक बार जयपुर आ के देख नामक शीर्षक की कविता के माध्यम से गुलाबी नगरी जयपुर के पर्यटन को बताने की कोशिश है।
एक बार जयपुर आ के देख कविता के बोल - Lyrics of Ek Baar Jaipur Aa Ke Dekh Poem
एक बार जयपुर आ के देख
दिल में जयपुर बस जाएगा
पिंकसिटी से खट्टी-मीठी
यादें साथ लेकर जाएगा
जयसिंह की गुलाबी नगरी
हम सब की राजधानी
इसकी गलियों में गूँजे
गौरव से भरी कहानी
एक बार जयपुर आ के देख
सब कुछ भूल जाएगा
किलों, महलों, बाजारों में
दिल गुम हो जाएगा
एक बार जयपुर आ के देख
दिल में भर के अरमान
यादों में तू ले जाएगा
पिंकसिटी का अभिमान
सिटी पैलेस, जंतर-मंतर
हवा महल, जल महल
गैटोर की सीढ़ियों से
सीधा गढ़ गणेश मंदिर
तंग गलियाँ, शहर के बाज़ार
हर चौपड़ एक कहानी
त्रिपोलिया, अजमेरी गेट
सरगासूली अनजानी
एक बार जयपुर आ के देख
कर इसकी पहचान
जाते जाते दिल ये कहेगा
गुलाबी नगरी मेरी जान
आमेर से जयगढ़
सागर झील की पाल
चौबीसों पहर लगेगा ऐसे
हर लम्हा है कमाल
नाहरगढ़ की ऊँचाई
मानसून में इठलाए
गोविंद के चरणों में
मन श्रद्धा से भर जाए
आमागढ़ और गलताजी
चूलगिरी का एहसास
जयपुर बन जाता है
सभी जगहों में खास
जीवन में कम से कम
एक बार जयपुर घूम लो
सपनों के पंख लगाकर
पिंकसिटी में झूम लो
एक बार जयपुर आ के देख
खुद को जान जाएगा
सपनों की इस नगरी को
यादों से ना मिटा पाएगा
Hmm… hmm…
जयपुर… जयपुर…
एक बार जयपुर आ के देख कविता का वीडियो - Video of Ek Baar Jaipur Aa Ke Dekh Poem
अस्वीकरण (Disclaimer):
इस कविता की समस्त रचनात्मक सामग्री रमेश शर्मा की मौलिक रचना है। कविता में व्यक्त विचार, भावनाएँ और दृष्टिकोण लेखक के स्वयं के हैं। इस रचना की किसी भी प्रकार की नकल, पुनर्प्रकाशन या व्यावसायिक उपयोग लेखक की लिखित अनुमति के बिना वर्जित है।
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Poetry
