एक बार उदयपुर आ के देख कविता - Ek Baar Udaipur Aa Ke Dekh Poem

Ek Baar Udaipur Aa Ke Dekh Poem, इसमें एक बार उदयपुर आ के देख नामक शीर्षक की कविता के माध्यम से झीलों की नगरी उदयपुर के पर्यटन को बताने की कोशिश है।

Ek Baar Udaipur Aa Ke Dekh

एक बार उदयपुर आ के देख कविता के बोल - Lyrics of Ek Baar Udaipur Aa Ke Dekh Poem


एक बार उदयपुर आ के देख
तेरा दिल यहीं रह जाएगा
ज़िंदगी की खट्टी-मीठी
यादों से नाता बन जाएगा

मेवाड़ का वो स्वाभिमान
और प्यार की सौगात
झीलों की इस नगरी में
बीते हर दिन, हर रात

एक बार उदयपुर आ के देख
सब कुछ भूल जाएगा
झीलों, महलों, गलियों में
दिल फिर मुस्काएगा

एक बार उदयपुर आ के देख
सपनों को पहचान
ज़िंदगी भर साथ चलेगा
मेवाड़ का अभिमान

सिटी पैलेस, पिछोला झील
जगनिवास, जगमंदिर
दूध तलाई की सीढ़ियों से
सीधा करणी माता मंदिर

तंग गलियाँ, शहर का बाज़ार
हर मोड़ एक कहानी
अमराई, गणगौर घाट
बागोर की रवानी


एक बार उदयपुर आ के देख
दिल फिर गुनगुनाएगा
हर तस्वीर, हर एहसास
गीत बनता जाएगा

गुलाब बाग से पिछोला
फतेहसागर की पाल
सुबह, दोपहर, शाम यहाँ
हर लम्हा है कमाल

सज्जनगढ़ की ऊँचाई
मानसून की फुहार
बड़ी तालाब पर बाहुबली
यादें बनें उपहार

मोती मगरी, नीमच माता
रोमांस का एहसास
उदयपुर बस जाता है
सीधा दिल के पास

जीवन में कम से कम
एक बार ये कर लो
कुछ दिन इस शहर में
खुद से फिर मिल लो

एक बार उदयपुर आ के देख
खुद को जान जाएगा
झीलों की इस नगरी को
कभी ना भूल पाएगा

Hmm… hmm…
उदयपुर… उदयपुर…

एक बार उदयपुर आ के देख कविता का वीडियो - Video of Ek Baar Udaipur Aa Ke Dekh Poem




अस्वीकरण (Disclaimer):

इस कविता की समस्त रचनात्मक सामग्री रमेश शर्मा की मौलिक रचना है। कविता में व्यक्त विचार, भावनाएँ और दृष्टिकोण लेखक के स्वयं के हैं। इस रचना की किसी भी प्रकार की नकल, पुनर्प्रकाशन या व्यावसायिक उपयोग लेखक की लिखित अनुमति के बिना वर्जित है।
Ramesh Sharma

नमस्ते! मेरा नाम रमेश शर्मा है। मैं एक रजिस्टर्ड फार्मासिस्ट हूँ और मेरी शैक्षिक योग्यता में M Pharm (Pharmaceutics), MSc (Computer Science), MA (History), PGDCA और CHMS शामिल हैं। मुझे भारत की ऐतिहासिक धरोहरों और धार्मिक स्थलों को करीब से देखना, उनके पीछे छिपी कहानियों को जानना और प्रकृति की गोद में समय बिताना बेहद पसंद है। चाहे वह किला हो, महल, मंदिर, बावड़ी, छतरी, नदी, झरना, पहाड़ या झील, हर जगह मेरे लिए इतिहास और आस्था का अनमोल संगम है। इतिहास का विद्यार्थी होने की वजह से प्राचीन धरोहरों, स्थानीय संस्कृति और इतिहास के रहस्यों में मेरी गहरी रुचि है। मुझे खास आनंद तब आता है जब मैं कलियुग के देवता बाबा खाटू श्याम और उनकी पावन नगरी खाटू धाम से जुड़ी ज्ञानवर्धक और उपयोगी जानकारियाँ लोगों तक पहुँचा पाता हूँ। इसके साथ मुझे अलग-अलग एरिया के लोगों से मिलकर उनके जीवन, रहन-सहन, खान-पान, कला और संस्कृति आदि के बारे में जानना भी अच्छा लगता है। साथ ही मैं कई विषयों के ऊपर कविताएँ भी लिखने का शौकीन हूँ। एक फार्मासिस्ट होने के नाते मुझे रोग, दवाइयाँ, जीवनशैली और हेल्थकेयर से संबंधित विषयों की भी अच्छी जानकारी है। अपनी शिक्षा और रुचियों से अर्जित ज्ञान को मैं ब्लॉग आर्टिकल्स और वीडियो के माध्यम से आप सभी तक पहुँचाने का प्रयास करता हूँ। 📩 किसी भी जानकारी या संपर्क के लिए आप मुझे यहाँ लिख

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