श्रीमाधोपुर की गलियों में कविता - Shrimadhopur Ki Galiyon Mein Poem

Shrimadhopur Ki Galiyon Mein Poem, इसमें श्रीमाधोपुर की गलियों में नामक शीर्षक की कविता के माध्यम से श्रीमाधोपुर को भावपूर्ण तरीके से याद किया गया है।

Shrimadhopur Ki Galiyon Mein

श्रीमाधोपुर की गलियों में कविता के बोल - Lyrics of Shrimadhopur Ki Galiyon Mein Poem


श्रीमाधोपुर की गलियों में, बचपन मेरा मुस्काए
मिट्टी की खुशबू दिल में, मीठी सी धुन बन जाए
छत पर बैठ के चाँद को, कितनी रातें निहारी
श्रीमाधोपुर ओ प्यारे नगर, तू यादों की फुलवारी।

ओ मेरे श्रीमाधोपुर… ओ मेरे प्यारे शहर
दिल ये तुझपे ही अटका, चाहे मैं जाऊँ किधर
तेरी राहें पुकारें, तेरी हवाएँ गुनगुनाएँ
श्रीमाधोपुर, श्रीमाधोपुर… दिल को खुश कर जाए।

बाज़ारों की चहल-पहल में, हँसी के रंग खिलें
मंदिर की घंटियों में जैसे, सपनों के सुर मिलें
दोस्तों की बातें मीठी, मौसम भी लगता न्यारा
श्रीमाधोपुर ओ प्यारे नगर, तू ही दिल का सहारा।


तेरी गली में गूँजे
दिल की धक-धक तेरे संग ही चले
जैसे पुरानी यादें
हर मोड़ पे तू फिर से मुझे मिले।

ओ मेरे श्रीमाधोपुर… तू ही मेरी जान
तेरी मिट्टी की खुशबू से है मेरी पहचान
जहाँ भी जाऊँ, लौटूँ, तेरे ही सपनों में
श्रीमाधोपुर, श्रीमाधोपुर… तू हरदम मेरे मन में।

श्रीमाधोपुर की शामें, दिल में मीठा सा उजाला
नाम तेरा लेते ही जैसे, कोई छेड़े सुर न्यारा
ओ मेरे श्रीमाधोपुर… तू ही मेरा नगर
तू रहे धड़कनों में जब तक चले मेरा सफर।

श्रीमाधोपुर की गलियों में कविता का वीडियो - Video of Shrimadhopur Ki Galiyon Mein Poem



अस्वीकरण (Disclaimer):

इस कविता की समस्त रचनात्मक सामग्री रमेश शर्मा की मौलिक रचना है। कविता में व्यक्त विचार, भावनाएँ और दृष्टिकोण लेखक के स्वयं के हैं। इस रचना की किसी भी प्रकार की नकल, पुनर्प्रकाशन या व्यावसायिक उपयोग लेखक की लिखित अनुमति के बिना वर्जित है।
Ramesh Sharma

नमस्ते! मेरा नाम रमेश शर्मा है। मैं एक रजिस्टर्ड फार्मासिस्ट हूँ और मेरी शैक्षिक योग्यता में M Pharm (Pharmaceutics), MSc (Computer Science), MA (History), PGDCA और CHMS शामिल हैं। मुझे भारत की ऐतिहासिक धरोहरों और धार्मिक स्थलों को करीब से देखना, उनके पीछे छिपी कहानियों को जानना और प्रकृति की गोद में समय बिताना बेहद पसंद है। चाहे वह किला हो, महल, मंदिर, बावड़ी, छतरी, नदी, झरना, पहाड़ या झील, हर जगह मेरे लिए इतिहास और आस्था का अनमोल संगम है। इतिहास का विद्यार्थी होने की वजह से प्राचीन धरोहरों, स्थानीय संस्कृति और इतिहास के रहस्यों में मेरी गहरी रुचि है। मुझे खास आनंद तब आता है जब मैं कलियुग के देवता बाबा खाटू श्याम और उनकी पावन नगरी खाटू धाम से जुड़ी ज्ञानवर्धक और उपयोगी जानकारियाँ लोगों तक पहुँचा पाता हूँ। इसके साथ मुझे अलग-अलग एरिया के लोगों से मिलकर उनके जीवन, रहन-सहन, खान-पान, कला और संस्कृति आदि के बारे में जानना भी अच्छा लगता है। साथ ही मैं कई विषयों के ऊपर कविताएँ भी लिखने का शौकीन हूँ। एक फार्मासिस्ट होने के नाते मुझे रोग, दवाइयाँ, जीवनशैली और हेल्थकेयर से संबंधित विषयों की भी अच्छी जानकारी है। अपनी शिक्षा और रुचियों से अर्जित ज्ञान को मैं ब्लॉग आर्टिकल्स और वीडियो के माध्यम से आप सभी तक पहुँचाने का प्रयास करता हूँ। 📩 किसी भी जानकारी या संपर्क के लिए आप मुझे यहाँ लिख

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