कल का सरजू सागर आज है कोट बाँध - Kot Dam Udaipurwati in Hindi, इसमें शाकंभरी माता के मंदिर के पास में स्थित कोट बाँध के बारे में जानकारी दी गई है।
उदयपुरवाटी से शाकम्भरी माता के मार्ग पर कोट ग्राम के निकट एक बड़ा बाँध स्थित है जिसका वास्तविक नाम सरजू सागर बाँध था लेकिन कोट ग्राम के नजदीक स्थित होने की वजह से अब इसे कोट बाँध के नाम से जाना जाता है।
चारों तरफ से अरावली की पहाड़ियों से घिरी होने की वजह से यह जगह प्राकृतिक सुन्दरता का एक नायाब उदाहरण है। वर्षा ऋतु में यहाँ की प्राकृतिक सुन्दरता देखते ही बनती है।
बाँध के सामने की तरफ विभिन्न प्रकार के घने वृक्ष सुन्दर वाटिका का सा अहसास कराते हैं। इन पेड़ों की घनी छाया में बैठकर शरीर ही नहीं अंतर्मन भी शीतल हो जाता है।
बारिश के मौसम में कई बार बाँध लबालब भर जाता है, तब इस पर चादर चलने लग जाती है। उस समय यहाँ पर पर्यटकों की भारी आवाजाही हो जाती है।
बाँध में नहाना वर्जित है लेकिन फिर भी लोग इसमें नहाने के लिए उतर जाते हैं, नतीजन आये दिन यहाँ पर दुर्घटना घटने की सूचना अख़बारों में आती रहती है।
यह बाँध शाकम्भरी माता मंदिर के पास वाली पहाड़ियों के पानी से भरता है और जब यह ओवरफ्लो हो जाता है तो इसका पानी उदयपुरवाटी नदी के रूप में बहता है।
बाँध की भराव क्षमता के संदर्भ में अगर बात करें तो इसकी ऊँचाई 7.6 मीटर यानी 25 फीट और लम्बाई 80 मीटर यानी 260 फीट है।
बाँध के बगल में पहाड़ी पर योगीश्वर महादेव सिद्धपीठ स्थित है जहाँ पर शिव मंदिर बना हुआ है। इस मंदिर एवं बाँध का निर्माण साथ-साथ हुआ था।
कोट बाँध का इतिहास - History of Kot Dam
बाँध के समीप लगे लेख से इसके निर्माण के बारे में जानकारी मिलती है। इस लेख के अनुसार कोट बाँध और इसके निकट स्थित शिवालय का निर्माण विक्रम संवत् 1981 यानी 1924 ईस्वी में खंडेला बड़ा पाना के शेखावत वंशी महाराज श्री 108 हम्मीर सिंह जी भूप ने करवाया था।
उस समय इस बाँध और शिवालय के निर्माण पर लगभग एक लाख रुपये खर्च हुए थे। लेख में यह भी लिखा है कि बाँध में पहाड़ों से बहकर आने वाला पानी शाकम्भरी माता की गंगा है जिसमें पानी पीने वाले जानवरों का शिकार करना पाप है।
इस लेख से यह स्पष्ट होता है कि प्राचीन समय में शाकम्भरी माता का यह सम्पूर्ण क्षेत्र खंडेला राज दरबार के क्षेत्राधिकार में आता था। गौरतलब है कि शाकम्भरी माता के मंदिर के निर्माण का सम्बन्ध खंडेला के साथ रहा है।
कोट बाँध कैसे जाएँ? - How to reach Kot Dam?
यहाँ पर जाने के दो रास्ते हैं, एक रास्ता उदयपुरवाटी होकर एवं दूसरा रास्ता जयपुर सीकर हाईवे पर सीकर से पहले रानोली कस्बे से होकर जाता है।
उदयपुरवाटी से इस बाँध की दूरी लगभग 12 किलोमीटर एवं रानोली से इसकी दूरी लगभग 27 किलोमीटर है। जयपुर से जाने वालों के लिए रानोली वाला रास्ता छोटा पड़ता है।
अगर आप शाकम्भरी माता के दर्शनों के लिए जा रहे हैं और प्राकृतिक स्थलों को देखने में रुचि रखते हैं तो आपको कोट बाँध पर अवश्य जाना चाहिए।
कोट बाँध की मैप लोकेशन, Kot Baandh Ki Map Location
कोट बाँध का वीडियो - Video of Kot Dam
डिस्क्लेमर (Disclaimer)
इस लेख में शैक्षिक उद्देश्य के लिए दी गई जानकारी विभिन्न ऑनलाइन एवं ऑफलाइन स्रोतों से ली गई है जिनकी सटीकता एवं विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। आलेख की जानकारी को पाठक महज सूचना के तहत ही लें क्योंकि इसे आपको केवल जागरूक करने के उद्देश्य से लिखा गया है। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।
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