संत के बुलाने पर आई हिंगलाज माता - Ambika Mata Mandir Kanwat in Hindi

संत के बुलाने पर आई हिंगलाज माता - Ambika Mata Mandir Kanwat in Hindi, इसमें काँवट के पास हिंगलाज माता का स्वरूप अम्बे माता के मंदिर की जानकारी है।

Ambika Mata Mandir Kanwat in Hindi

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नीमकाथाना जयपुर मार्ग पर कांवट क़स्बा स्थित है। प्राचीन समय में इस कस्बे को कान्हा निर्वाण की ढाणी के नाम से जाना जाता था।

उस समय यह क़स्बा नदी के तट पर स्थित था जिसके तीनों तरफ नदी बहा करती थी। नदी तट पर बसे होने की वजह से धीरे-धीरे इसका नाम कांवट पड़ गया। यह क़स्बा धार्मिक एवं व्यापारिक केंद्र के रूप में विख्यात था।

कालांतर में नदी पूरी तरह से सूख गई लेकिन कस्बे के धार्मिक स्थल जैसे अम्बिका माता का मंदिर, जमवाय माता का मंदिर, गढ़ बालाजी का मंदिर, सीताराम जी का मंदिर आदि आज भी मौजूद है।

आज हम यहाँ के उस प्रमुख मंदिर के सम्बन्ध में बात करते हैं जिसके साथ एक किंवदंती भी जुडी हुई है, यह मंदिर है अम्बिका माता का मंदिर।

अम्बिका माता का मंदिर कांवट कस्बे में रेलवे स्टेशन रोड पर एक पहाड़ी पर स्थित है। यह मंदिर 300 वर्ष पुराना बताया जाता है।

मंदिर से जुडी एक किंवदंती के अनुसार वर्षों पूर्व इस पहाड़ी पर सिंहाजी या सिंगाजी नामक तपोनिष्ट संत रहा करते थे। ये हिंगलाज माता के परम भक्त थे।

सिंहाजी अपने तपोबल से रोज हिंगलाज माता के दर्शनों के लिए हिंगलाज जाया करते थे। वृद्धावस्था में जाने में अक्षम होने के कारण इन्होंने माता से यहीं कांवट कस्बे में ही दर्शन देने की विनती की।


माता ने इनकी विनती स्वीकार कर इन्हें कांवट की एक पहाड़ी पर पत्थर रूप में स्वयं प्रकट होकर दर्शन दिए। बाद में इस स्थान पर भामाशाहों की मदद से मंदिर का निर्माण करवाया गया।

कालांतर में कई श्रद्धालुओं की मन्नत पूर्ण होने पर समय-समय पर मंदिर के जीर्णोद्धार के साथ-साथ मंदिर तक जाने के लिए सीढ़ियाँ बनाई गई।

ऊपर मंदिर तक जाने के लिए 185 सीढ़ियाँ चढ़नी पड़ती है। यहाँ पर आसोज नवरात्र शुक्ल पक्ष नवमी को विशाल मेले का आयोजन होता है।

पहाड़ी के ऊपर से कांवट कस्बे का विहंगम दृश्य दिखाई देता है। अगर आप इस कस्बे में आये हैं तो आपको माता के दर्शन अवश्य करने चाहिए।

अम्बिका माता मंदिर की मैप लोकेशन - Map Location of Ambika Mata Mandir



अम्बिका माता मंदिर का वीडियो - Video of Ambika Mata Mandir



डिस्क्लेमर (Disclaimer)

इस लेख में शैक्षिक उद्देश्य के लिए दी गई जानकारी विभिन्न ऑनलाइन एवं ऑफलाइन स्रोतों से ली गई है जिनकी सटीकता एवं विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। आलेख की जानकारी को पाठक महज सूचना के तहत ही लें क्योंकि इसे आपको केवल जागरूक करने के उद्देश्य से लिखा गया है। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।
रमेश शर्मा

मेरा नाम रमेश शर्मा है। मैं एक रजिस्टर्ड फार्मासिस्ट हूँ। मेरी क्वालिफिकेशन M Pharm (Pharmaceutics), MSc (Computer Science), MA (History), PGDCA और CHMS है। मुझे ऐतिहासिक धरोहरों को करीब से देखना, इनके इतिहास के बारे में जानना और प्रकृति के करीब रहना बहुत पसंद है। मैं अक्सर किसी किले, महल, मंदिर, बावड़ी, छतरी, नदी, झरने, पहाड़, झील आदि के करीब चला जाता हूँ। मुझे अनजाने ऐतिहासिक तथ्यों की जानकारी देने के साथ ऐसी छोटी कविताएँ लिखने का भी शौक है जिनमें कुछ सन्देश छिपा हो। इसके अलावा, एक रजिस्टर्ड फार्मासिस्ट होने के नाते मुझे डिजीज, मेडिसिन्स, लाइफस्टाइल और हेल्थकेयर आदि के बारे में भी जानकारी है। अपनी शिक्षा और शौक की वजह से जो कुछ भी मैं जानता हूँ, मैं उसकी जानकारी ब्लॉग आर्टिकल और वीडियो के माध्यम से सभी को देता रहता हूँ। आप ShriMadhopur.com ब्लॉग से जुड़कर मेरे आर्टिकल पढ़ सकते हैं, साथ ही सभी सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर @ShriMadhopurWeb पर फॉलो भी कर सकते हैं।

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