नमक के रेगिस्तान में हो चुकी है कई फिल्मों की शूटिंग - Sambhar Jheel

नमक के रेगिस्तान में हो चुकी है कई फिल्मों की शूटिंग - Sambhar Jheel, इसमें जयपुर के पास नमक के रेगिस्तान यानी सांभर झील के बारे में जानकारी दी गई है।

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क्या आपको पता है कि जयपुर के पास सांभर में भारत की सबसे बड़ी खारे पानी की झील है जहाँ पर प्राकृतिक रूप से देश का सबसे ज्यादा नमक पैदा होता है?

खारे पानी की इस झील को सांभर झील के नाम से जाना जाता है जो 90 वर्ग मील यानी लगभग 225 वर्ग किलोमीटर में फैली हुई है। इस झील में कई नदियों का पानी आता है जिसमें मेड़ता, सामोद, मंथा, रूपनगढ़, खारी और खंडेला आदि शामिल हैं।

यह झील खारे पानी और उथले खारे दलदलों से बनी है जिसमें 10 से 20 प्रतिशत तक लवणता है यानि खारापन है। झील के पानी से नमक बनाने और बेचने का काम सांभर साल्ट्स लिमिटेड नाम की कंपनी कर रही है।

इस झील के पानी से हजारों सालों से नमक पैदा किया जा रहा है। मुगल काल में दिल्ली में बैठे मुगल बादशाहों के लिए नमक की आपूर्ति भी इस झील से ही होती थी।

यह झील रामसर साइट होने की वजह से फ्लेमिंगो, पेलिकन, क्रेन जैसे कई प्रवासी जल पक्षियों के लिए आवास भी है।

यह झील कच्छ के रण जैसी सुंदर होने की वजह से एक टूरिस्ट प्लेस होने के साथ-साथ पक्षी प्रेमियों की भी पसंदीदा जगह है। पर्यटकों को लुभाने के लिए इस जगह सांभर महोत्सव का भी आयोजन किया जाता है।

झील में जब पानी की कमी हो जाती है तब लोग इसमें अपनी कार और बाइक को इधर उधर सरपट दौड़ाकर मजे करते हैं। गाड़ियों के चलने से इनके पीछे नमकीन रेतीला गुबार उड़ता है जो देखने में काफी आकर्षक लगता है।

झील में बने नमक को स्टोरेज एरिया तक पहुँचाने के लिए अंग्रेजों ने झील के बीच में पटरियों को बिछाकर रेल चलाई थी। आज सांभर झील में लगभग 45 किलोमीटर मीटर गेज और 25 किलोमीटर नैरो गेज पटरियाँ मौजूद हैं।

झील में आने वाले पर्यटक झील को देखने के साथ-साथ नमक की इस अनोखी रेल को भी देखते हैं। झील और ट्रेन दोनों दिल्ली 6, रामलीला, शेर, गुलाल, जोधा अकबर, द्रोणा, हाइवे और वीर जैसी फिल्मों में दिखाई दे चुकी हैं।



लेखक (Writer)

रमेश शर्मा {एम फार्म, एमएससी (कंप्यूटर साइंस), पीजीडीसीए, एमए (इतिहास), सीएचएमएस}

डिस्क्लेमर (Disclaimer)

इस लेख में शैक्षिक उद्देश्य के लिए दी गई जानकारी विभिन्न ऑनलाइन एवं ऑफलाइन स्रोतों से ली गई है जिनकी सटीकता एवं विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। आलेख की जानकारी को पाठक महज सूचना के तहत ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।
रमेश शर्मा

नमस्ते! मेरा नाम रमेश शर्मा है। मैं एक रजिस्टर्ड फार्मासिस्ट हूँ और मेरी शैक्षिक योग्यता में M Pharm (Pharmaceutics), MSc (Computer Science), MA (History), PGDCA और CHMS शामिल हैं। मुझे भारत की ऐतिहासिक धरोहरों और धार्मिक स्थलों को करीब से देखना, उनके पीछे छिपी कहानियों को जानना और प्रकृति की गोद में समय बिताना बेहद पसंद है। चाहे वह किला हो, महल, मंदिर, बावड़ी, छतरी, नदी, झरना, पहाड़ या झील, हर जगह मेरे लिए इतिहास और आस्था का अनमोल संगम है। इतिहास का विद्यार्थी होने की वजह से प्राचीन धरोहरों, स्थानीय संस्कृति और इतिहास के रहस्यों में मेरी गहरी रुचि है। मुझे खास आनंद तब आता है जब मैं कलियुग के देवता बाबा खाटू श्याम और उनकी पावन नगरी खाटू धाम से जुड़ी ज्ञानवर्धक और उपयोगी जानकारियाँ लोगों तक पहुँचा पाता हूँ। इसके साथ मुझे अलग-अलग एरिया के लोगों से मिलकर उनके जीवन, रहन-सहन, खान-पान, कला और संस्कृति आदि के बारे में जानना भी अच्छा लगता है। साथ ही मैं कई विषयों के ऊपर कविताएँ भी लिखने का शौकीन हूँ। एक फार्मासिस्ट होने के नाते मुझे रोग, दवाइयाँ, जीवनशैली और हेल्थकेयर से संबंधित विषयों की भी अच्छी जानकारी है। अपनी शिक्षा और रुचियों से अर्जित ज्ञान को मैं ब्लॉग आर्टिकल्स और वीडियो के माध्यम से आप सभी तक पहुँचाने का प्रयास करता हूँ। 📩 किसी भी जानकारी या संपर्क के लिए आप मुझे यहाँ लिख

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