मेवाड़ की अंतिम सती एजन बाई का महल - Ajan Bai Mahal Goverdhan Vilas Udaipur

मेवाड़ की अंतिम सती एजन बाई का महल - Ajan Bai Mahal Goverdhan Vilas Udaipur, इसमें उदयपुर के गोवर्धन विलास इलाके के एजन बाई महल के बारे में जानकारी है।

Ajan Bai Mahal Udaipur

उदयपुर से अहमदाबाद हाईवे पर गोवर्धन विलास झील से कुछ पहले लेफ्ट साइड में एक गली में गोवर्धन विलास महल मौजूद हैं। इन महलों को महाराणा स्वरूप सिंह ने बनवाया था।

ये वही महाराणा स्वरूप सिंह हैं जिन्होंने गोवर्धन विलास झील बनवाई थी। ऐसा बताया जाता है कि इन्होंने अपने जीवन का कुछ समय इन महलों में बिताया था।

महाराणा स्वरूप सिंह ने 1844 ईस्वी में कन्या वध, 1853 ईस्वी में डाकन प्रथा और समाधि प्रथा के साथ 1861 ईस्वी में सती प्रथा पर रोक लगाई।

बताया जाता है कि इस महल में महाराणा की सेवा के लिए उनके साथ उनकी पासवान एजन बाई या एंजाबाई रहा करती थी। एजन बाई 1861 ईस्वी में महाराणा की मृत्यु के बाद उनके साथ सती हो गई थी। 

महाराणा स्वरूप सिंह ने इसी साल सती प्रथा पर रोक लगा दी थी इसलिए एजन बाई मेवाड़ के इतिहास की अंतिम सती थी। एजन बाई की वजह से समय के साथ गोवर्धन विलास के इन महलों को एजन बाई महल कहा जाने लगा।

महल के चौक में सुंदर कुंड बना है और सामने कमरों की दीवारों पर भित्ति चित्र बने हैं। महल में मौजूद पुरानी पेटिंग, गोखड़े, शीश महल और पुराने लकड़ी के दरवाजे या तो नष्ट हो चुके हैं या नष्ट होने की कगार पर हैं।



लेखक (Writer)

रमेश शर्मा {एम फार्म, एमएससी (कंप्यूटर साइंस), पीजीडीसीए, एमए (इतिहास), सीएचएमएस}

डिस्क्लेमर (Disclaimer)

इस लेख में शैक्षिक उद्देश्य के लिए दी गई जानकारी विभिन्न ऑनलाइन एवं ऑफलाइन स्रोतों से ली गई है जिनकी सटीकता एवं विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। आलेख की जानकारी को पाठक महज सूचना के तहत ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।
रमेश शर्मा

नमस्ते! मेरा नाम रमेश शर्मा है। मैं एक रजिस्टर्ड फार्मासिस्ट हूँ और मेरी शैक्षिक योग्यता में M Pharm (Pharmaceutics), MSc (Computer Science), MA (History), PGDCA और CHMS शामिल हैं। मुझे भारत की ऐतिहासिक धरोहरों और धार्मिक स्थलों को करीब से देखना, उनके पीछे छिपी कहानियों को जानना और प्रकृति की गोद में समय बिताना बेहद पसंद है। चाहे वह किला हो, महल, मंदिर, बावड़ी, छतरी, नदी, झरना, पहाड़ या झील – हर जगह मेरे लिए इतिहास और आस्था का अनमोल संगम है। इतिहास का विद्यार्थी होने की वजह से प्राचीन धरोहरों, स्थानीय संस्कृति और इतिहास के रहस्यों में मेरी गहरी रुचि है। मुझे खास आनंद तब आता है जब मैं कलियुग के देवता बाबा खाटू श्याम और उनकी पावन नगरी खाटू धाम से जुड़ी ज्ञानवर्धक और उपयोगी जानकारियाँ लोगों तक पहुँचा पाता हूँ। एक फार्मासिस्ट होने के नाते मुझे रोग, दवाइयाँ, जीवनशैली और हेल्थकेयर से संबंधित विषयों की भी अच्छी जानकारी है। अपनी शिक्षा और रुचियों से अर्जित ज्ञान को मैं ब्लॉग आर्टिकल्स और वीडियो के माध्यम से आप सभी तक पहुँचाने का प्रयास करता हूँ। 📩 किसी भी जानकारी या संपर्क के लिए आप मुझे यहाँ लिख सकते हैं: ramesh3460@gmail.com

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