उदयपुर में जहाज वाली झील - Goverdhan Sagar Pannadhay Museum Udaipur

उदयपुर में जहाज वाली झील - Goverdhan Sagar Pannadhay Museum Udaipur, इसमें उदयपुर की गोवर्धन सागर लेक और जहाजनुमा पन्नाधाय म्यूजियम की जानकारी दी है।

Goverdhan Sagar Pannadhay Museum Udaipur

गोवर्धन सागर झील उदयपुर का एक उभरता टूरिस्ट डेस्टिनेशन है जो अपनी सुंदरता, बोटिंग, गार्डन और जहाज की आकृति के म्यूजियम के लिए प्रसिद्ध है। इस झील का निर्माण महाराणा स्वरूप सिंह ने सन् 1855 में करवाया था।

झील के अंदर एक टापू पर जहाज की शेप में तीन मंजिला पन्नाधाय दीर्घा म्यूजियम बना है जो किसी अजूबे से कम नहीं है। यह म्यूजियम 40 फीट चौड़ा है जो लगभग 800 वर्ग फीट एरिया में फैला हुआ है।

गोवर्धन सागर झील में खड़ा यह जहाज झील में घुमाता तो नहीं है लेकिन यहाँ आने वाले टूरिस्टों को मेवाड़ के गौरवशाली इतिहास के साथ पन्नाधाय के जीवन के दर्शन जरूर करवाता है।

जहाज के सबसे नीचे वाले हिस्से में पन्नाधाय दीर्घा म्यूजियम है जिसमें मॉडल्स के द्वारा पन्नाधाय के बलिदान को दर्शाया गया है। इसमें पन्नाधाय की वीरगाथा से जुड़ी 20 मिनट की फिल्म भी दिखाई जाती है।

ऊपर की मंजिल पर एक रेस्टोरेंट है जहाँ पर टूरिस्ट खाने पीने का आनंद ले सकते हैं। जहाज की सबसे ऊपरी मंजिल एक फोटोग्राफी पाइंट है जहाँ से झील का शानदार नजारा दिखता है। 

गोवर्धन सागर झील के एक किनारे पर डी पार्क बनाया गया है जिसे पन्नाधाय पार्क के नाम से जाना जाता है। इस पार्क में पन्नाधाय के साथ उनके पुत्र चंदन और कुँवर उदय सिंह की प्रतिमा लगी हुई है।

पन्नाधाय की प्रतिमा 9.6 फीट, उदयसिंह की प्रतिमा 5.6 फीट और पन्नाधाय के पुत्र चंदन की प्रतिमा 4.11 फीट की है। तीनों प्रतिमाओं का कुल वजन 1130 किलो है।



डिस्क्लेमर (Disclaimer)

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रमेश शर्मा

नमस्ते! मेरा नाम रमेश शर्मा है। मैं एक रजिस्टर्ड फार्मासिस्ट हूँ और मेरी शैक्षिक योग्यता में M Pharm (Pharmaceutics), MSc (Computer Science), MA (History), PGDCA और CHMS शामिल हैं। मुझे भारत की ऐतिहासिक धरोहरों और धार्मिक स्थलों को करीब से देखना, उनके पीछे छिपी कहानियों को जानना और प्रकृति की गोद में समय बिताना बेहद पसंद है। चाहे वह किला हो, महल, मंदिर, बावड़ी, छतरी, नदी, झरना, पहाड़ या झील – हर जगह मेरे लिए इतिहास और आस्था का अनमोल संगम है। इतिहास का विद्यार्थी होने की वजह से प्राचीन धरोहरों, स्थानीय संस्कृति और इतिहास के रहस्यों में मेरी गहरी रुचि है। मुझे खास आनंद तब आता है जब मैं कलियुग के देवता बाबा खाटू श्याम और उनकी पावन नगरी खाटू धाम से जुड़ी ज्ञानवर्धक और उपयोगी जानकारियाँ लोगों तक पहुँचा पाता हूँ। एक फार्मासिस्ट होने के नाते मुझे रोग, दवाइयाँ, जीवनशैली और हेल्थकेयर से संबंधित विषयों की भी अच्छी जानकारी है। अपनी शिक्षा और रुचियों से अर्जित ज्ञान को मैं ब्लॉग आर्टिकल्स और वीडियो के माध्यम से आप सभी तक पहुँचाने का प्रयास करता हूँ। 📩 किसी भी जानकारी या संपर्क के लिए आप मुझे यहाँ लिख सकते हैं: ramesh3460@gmail.com

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