हजार साल से ज्यादा प्राचीन सूर्य मंदिर - Surya Mandir Udaipur

हजार साल से ज्यादा प्राचीन सूर्य मंदिर - Surya Mandir Udaipur, इसमें उदयपुर के मंदेसर में मौजूद कलात्मक मूर्तियों वाले प्राचीन मंदिर की जानकारी दी है।

Surya Mandir Udaipur

आज हम आपको एक ऐसी जगह पर लेकर जाने वाले हैं जो किसी समय अकाल और बारिश की भविष्यवाणी का मुख्य केंद्र हुआ करती थी।

चारों तरफ कलात्मक मूर्तियों से घिरी ये जगह कई बार मुस्लिम आक्रान्ताओं से नष्ट होकर फिर आबाद हुई और आज भी अपनी जगह पर खामोशी के साथ मौजूद है।

पिछले एक हजार साल से मेवाड़ की एक मुख्य नदी के किनारे पर मौजूद ये जगह अभी तक लोगों की निगाह में ज्यादा नहीं आई है जिस वजह से यहाँ पर पर्यटकों का आना जाना काफी कम है।

यह जगह भगवान सूर्य को समर्पित एक सूर्य मंदिर है जिसे 10 वीं शताब्दी का बना हुआ माना जाता है। इसे मेवाड़ के उस समय के शासकों ने बनवाया था।

उदयसागर से निकलने वाली बेड़च नदी के किनारे पर मौजूद यह सूर्य मंदिर महाराणा प्रताप एयरपोर्ट के पीछे मंदेसर गाँव में मौजूद है।

मंदिर के सामने नदी का पानी रोकने के लिए एक छोटा सा ऐनिकट बनाया हुआ है। बारिश के मौसम में जब यह ऐनिकट छलक जाता है तब इस जगह की सुंदरता काफी ज्यादा बढ़ जाती है।

मंदिर एक ऊँची जगती यानी प्लेटफॉर्म पर बना हुआ है। वैसे देखने में मंदिर कोई बहुत ज्यादा बड़ा नहीं लगता है लेकिन प्राचीन जरूर दिखाई देता है।

मंदिर में प्रवेश मंडप, सभा मंडप और गर्भगृह तीनों मौजूद हैं लेकिन इसका शिखर नहीं है। मंदिर में चारों तरफ काफी सुंदर और कलात्मक मूर्तियाँ मौजूद थी जिनमें से अब काफी कम बची हैं।



लेखक (Writer)

रमेश शर्मा {एम फार्म, एमएससी (कंप्यूटर साइंस), पीजीडीसीए, एमए (इतिहास), सीएचएमएस}

डिस्क्लेमर (Disclaimer)

इस लेख में शैक्षिक उद्देश्य के लिए दी गई जानकारी विभिन्न ऑनलाइन एवं ऑफलाइन स्रोतों से ली गई है जिनकी सटीकता एवं विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। आलेख की जानकारी को पाठक महज सूचना के तहत ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।
रमेश शर्मा

नमस्ते! मेरा नाम रमेश शर्मा है। मैं एक रजिस्टर्ड फार्मासिस्ट हूँ और मेरी शैक्षिक योग्यता में M Pharm (Pharmaceutics), MSc (Computer Science), MA (History), PGDCA और CHMS शामिल हैं। मुझे भारत की ऐतिहासिक धरोहरों और धार्मिक स्थलों को करीब से देखना, उनके पीछे छिपी कहानियों को जानना और प्रकृति की गोद में समय बिताना बेहद पसंद है। चाहे वह किला हो, महल, मंदिर, बावड़ी, छतरी, नदी, झरना, पहाड़ या झील – हर जगह मेरे लिए इतिहास और आस्था का अनमोल संगम है। इतिहास का विद्यार्थी होने की वजह से प्राचीन धरोहरों, स्थानीय संस्कृति और इतिहास के रहस्यों में मेरी गहरी रुचि है। मुझे खास आनंद तब आता है जब मैं कलियुग के देवता बाबा खाटू श्याम और उनकी पावन नगरी खाटू धाम से जुड़ी ज्ञानवर्धक और उपयोगी जानकारियाँ लोगों तक पहुँचा पाता हूँ। एक फार्मासिस्ट होने के नाते मुझे रोग, दवाइयाँ, जीवनशैली और हेल्थकेयर से संबंधित विषयों की भी अच्छी जानकारी है। अपनी शिक्षा और रुचियों से अर्जित ज्ञान को मैं ब्लॉग आर्टिकल्स और वीडियो के माध्यम से आप सभी तक पहुँचाने का प्रयास करता हूँ। 📩 किसी भी जानकारी या संपर्क के लिए आप मुझे यहाँ लिख सकते हैं: ramesh3460@gmail.com

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