उदयपुर में जरूर देखें उदय सागर झील - Udai Sagar Lake in Hindi, इसमें महाराणा उदय सिंह द्वारा बनवाई गई उदय सागर झील के बारे में जानकारी दी गई है।
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आज हम आपको उस जगह के बारे में बताते हैं जहाँ पर हल्दीघाटी के युद्ध से पहले आमेर का राजकुमार मानसिंह महाराणा प्रताप से मिलने के लिए आया था।
इस जगह पर एक ऐसी बड़ी झील है जिसे महाराणा प्रताप के पिता महाराणा उदय सिंह ने उदयपुर शहर की स्थापना के समय बनवाया था।
झील के पास कुछ महलों के साथ कई मंदिरों के खंडहर आज भी इस जगह के ऐतिहासिक महत्व की कहानी कहते हुए नजर आते हैं।
तो चलिए आज हम महाराणा प्रताप और उनके पिता से जुड़ी इस ऐतिहासिक महत्व की जगह और इसके इतिहास के बारे में जानते हैं, आइए शुरू करते हैं।
उदयसागर झील की विशेषताएँ - Features of Udaisagar Lake
इस जगह का नाम उदयसागर झील है जिसकी लंबाई 4 किलोमीटर, चौड़ाई 2.5 किलोमीटर और गहराई 24 फीट है। झील पर बने बाँध की पाल की चौड़ाई लगभग 180 फीट है।
यह झील गोगुंदा से आने वाली आयड़ नदी के पानी को बाँध के रूप में रोक कर बनाई गई है। जब स्वरूपसागर और फतहसागर झील छलक जाती है तब उनका पानी आयड़ नदी के रास्ते इस झील में आता है।
जब ये झील छलकती है तो इसका पानी वल्लभनगर बाँध में जाता है। उदय सागर से निकलने के बाद इस नदी का नाम बेड़च हो जाता है जो आगे बनास नदी में मिल जाती है।
झील की पाल के एक किनारे पर उदयश्याम मंदिर, संकट मोचन हनुमान मंदिर और शिव मंदिर बने हुए हैं। ऐसा बताया जाता है कि ये मंदिर झील के निर्माण के समय ही बनाए गए थे।
इन तीनों मंदिरों में उदयश्याम मंदिर की बाहरी दीवारों और छत पर बहुत सी कलात्मक मूर्तियाँ उकेरी हुई हैं। मंदिर में भगवान विष्णु विराजित हैं और मंदिर के बाहर उनका वाहन गरुड़ मौजूद है।
उदयश्याम मंदि के बाहर हनुमान जी का प्राचीन मंदिर बना हुआ है। मंदिर के बगल में एक शिव मंदिर बना हुआ है। इस जगह महंत ऊँकार दास जी खाकी ने साल 1985 में विष्णु महायज्ञ का आयोजन करवाया था।
पाल पर कुछ छतरियाँ बनी हुई हैं। इन छतरियों के आगे कालिका माता का मंदिर बना हुआ है जिसमें माता की भव्य प्रतिमा विराजित है।
इस मंदिर के पास एक दूसरे प्राचीन मंदिर का खंडहर मौजूद है। पाल के आसपास कुछ और मंदिरों के खंडहर मौजूद हैं। ऐसा बताया जाता है कि इन मंदिरों को महाराणा राज सिंह के समय औरंगजेब ने तुड़वा दिया था।
पाल से आगे जाने पर उदयसागर भेरूनाथ जी और नारसिंह माता का मंदिर बना हुआ है। इस मंदिर के पीछे की तरफ झील के गेट बने हुए हैं। इन गेट के पास सिंचाई के लिए राइट और लेफ्ट साइड में दो नहरें निकलती हैं।
जब झील में पानी छलक जाता है तब इसके गेट खोल दिए जाते हैं। उस समय ये जगह एक पिकनिक स्पॉट में बदल जाती है। गेट से बहता पानी बड़ा सुंदर लगता है जिसे देखने के लिए लोगों की भीड़ लग जाती है।
झील के गेट से जाने वाली लेफ्ट साइड की नहर पर थोड़ा आगे की तरफ महाराणा जगत सिंह द्वारा बनवाए गए दो महल मौजूद हैं। अब ये महल पूरी तरह खंडहर में बदल चुके हैं।
उदयसागर झील के पास घनी हरियाली है जिसकी वजह से यह झील काफी ज्यादा सुंदर नजर आती है। यह झील कई तरह के प्रवासी पक्षियों का घर भी है और आप यहाँ पर क्रेन, पेलिकन और किंगफिशर जैसे पक्षियों को देख सकते हैं।
उदयसागर झील का इतिहास - History of Udaisagar Lake
अगर हम इस झील के इतिहास के बारे में बात करें तो इसका निर्माण महाराणा उदय सिंह ने 1559 ईस्वी में शुरू करवाया था। झील के साथ ही उन्होंने उदयश्याम मंदिर और संकट मोचन हनुमान मंदिर भी बनवाया था।
कहते हैं कि बाँध के ऊपर बनी पहाड़ी पर एक सिद्ध संत निवास करते थे जिनकी प्रेरणा से ही महाराणा उदय सिंह ने बाँध के पास भेरुजी का मंदिर, डबोक में धूणी माता का मंदिर और नांदवेल में शिव मंदिर बनवाया था।
झील के गेट के पास नहर के बगल में महाराणा जगत सिंह ने महल बनवाया था। महाराणा राज सिंह के समय औरंगजेब ने झील के आसपास बने कुछ मंदिर तुड़वा दिए थे।
महाराणा फतह सिंह ने झील के पास लकड़वास गाँव की मेड़ी मगरी पर उदयनिवास महल और शिकार के लिए कुछ बुर्ज बनवाई थी। मेड़ी मगरी आहड़ सभ्यता का स्थल है जहाँ से आहड़ सभ्यता के मृदभाण्डों के अवशेष मिले हैं।
उदय सागर झील की पाल ही वो जगह है जहाँ पर हल्दीघाटी के युद्ध से पहले 1573 ईस्वी में महाराणा प्रताप से समझौता करने के लिए आए आमेर के युवराज मानसिंह के लिए भोज का आयोजन हुआ।
इस भोज में महाराणा प्रताप की जगह उनके पुत्र कुँवर अमर सिंह आए थे। महाराणा प्रताप के नहीं आने पर मानसिंह काफी नाराज हुआ था।
उदयसागर झील के पास घूमने की जगह - Places to visit near Udaisagar Lake
अगर हम उदयसागर झील के पास घूमने की जगह के बारे में बात करें तो आप पास ही देबारी में राजराजेश्वर मंदिर के साथ देबारी दरवाजा देख सकते हैं।
उदयसागर झील कैसे जाएँ? - How to reach Udaisagar Lake?
अब हम बात करते हैं कि उदयसागर झील कैसे जाएँ? उदयसागर झील उदयपुर रेलवे स्टेशन से 17 किलोमीटर दूर देबारी के पास में है। यहाँ तक जाने के लिए पक्की सड़क बनी हुई है।
उदयपुर रेलवे स्टेशन से इस झील तक जाने के लिए आपको उदयपुर चित्तौड़गढ़ हाईवे पर देबारी घाटी उतरकर राइट टर्न लेना है। इसके बाद हिंदुस्तान जिंक के ऑफिस के सामने से होते हुए झील की पाल तक जाना है।
अगर आप उदयपुर घूमने गए हैं या फिर उदयपुर में ही वीकेंड पर अपनी फैमिली या फ्रेंड़स के साथ क्वालिटी टाइम बिताना चाहते हैं तो आपके लिए ये एक बेहतरीन जगह है।
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उदयसागर झील की मैप लोकेशन - Map location of Udai Sagar Lake
उदयसागर झील का वीडियो - Video of Udai Sagar Lake
उदयसागर झील की फोटो - Photos of Udai Sagar Lake
लेखक (Writer)
रमेश शर्मा {एम फार्म, एमएससी (कंप्यूटर साइंस), पीजीडीसीए, एमए (इतिहास), सीएचएमएस}
डिस्क्लेमर (Disclaimer)
इस लेख में शैक्षिक उद्देश्य के लिए दी गई जानकारी विभिन्न ऑनलाइन एवं ऑफलाइन स्रोतों से ली गई है जिनकी सटीकता एवं विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। आलेख की जानकारी को पाठक महज सूचना के तहत ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।