भीमलत झरने का उद्गम है भीमलत बाँध - Bhimlat Dam

भीमलत झरने का उद्गम है भीमलत बाँध - Bhimlat Dam, इसमें मांगली नदी पर मौजूद भीमलत झरने के उद्गम स्थल भीमलत बाँध के बारे में जानकारी दी गई है।

Bhimlat Dam

Image Credit - Google Map

राजस्थान के प्रसिद्ध भीमलत झरने में जो पानी बहता है वह भीमलत बाँध से आता है। जब ये बाँध ओवरफ्लो हो जाता है तो इसका पानी भीमलत झरने के रूप में पहाड़ी से नीचे गिरता है।

इस बाँध की सबसे ज्यादा खास बात ये है कि ये भीलवाड़ा जिले आता है और भीमलत झरना बूंदी जिले में आता है। बाँध की जिम्मेदारी भीलवाड़ा प्रशासन की और झरने की जिम्मेदारी बूंदी प्रशासन की रहती है।

36 फीट भराव क्षमता वाले भीमलत बाँध का निर्माण 1957-58 में हुआ था। इस बाँध में मांगली नदी का पानी आता है जो मेज नदी की सहायक नदी है।


यह बाँध एक ऐसा बाँध है जिसमें कोई नहरी तंत्र नहीं है यानी इस बाँध का पानी सिंचाई के काम में नहीं लिया जाता है बल्कि केवल जमीन के वाटर लेवल को बढ़ाने के काम में आता है।

इस बाँध का पानी सीधा सिंचाई के काम में ना आकर अभयपुरा बाँध के जरिए काम में आता है। जब इस बाँध से पानी छोड़ा जाता है तो वह भीमलत झरने से होकर अभयपुरा बाँध में जाता है।

अभयपुरा बाँध नहरों से जुड़ा हुआ है इसलिए यहाँ से यह पानी नहरों के द्वारा सिंचाई के काम आता है। इस सिंचाई परियोजना को भीमलत-अभयपुरा के नाम से जाना जाता है।

भीमलत झरने की सबसे बड़ी खास बात यह है कि जब-जब सिंचाई के लिए भीमलत बाँध का पानी अभयपुरा बाँध के लिए छोड़ा जाता है तब-तब भीमलत झरना बहने लग जाता है। इस वजह से ये झरना बारिश के मौसम के अलावा सर्दी के मौसम में भी बहता हुआ दिखाई दे जाता है।

भीमलत बाँध की लोकेशन - Location of Bhimlat Dam



डिस्क्लेमर (Disclaimer)

इस लेख में शैक्षिक उद्देश्य के लिए दी गई जानकारी विभिन्न ऑनलाइन एवं ऑफलाइन स्रोतों से ली गई है जिनकी सटीकता एवं विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। आलेख की जानकारी को पाठक महज सूचना के तहत ही लें क्योंकि इसे आपको केवल जागरूक करने के उद्देश्य से लिखा गया है। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।
रमेश शर्मा

नमस्ते! मेरा नाम रमेश शर्मा है। मैं एक रजिस्टर्ड फार्मासिस्ट हूँ और मेरी शैक्षिक योग्यता में M Pharm (Pharmaceutics), MSc (Computer Science), MA (History), PGDCA और CHMS शामिल हैं। मुझे भारत की ऐतिहासिक धरोहरों और धार्मिक स्थलों को करीब से देखना, उनके पीछे छिपी कहानियों को जानना और प्रकृति की गोद में समय बिताना बेहद पसंद है। चाहे वह किला हो, महल, मंदिर, बावड़ी, छतरी, नदी, झरना, पहाड़ या झील – हर जगह मेरे लिए इतिहास और आस्था का अनमोल संगम है। इतिहास का विद्यार्थी होने की वजह से प्राचीन धरोहरों, स्थानीय संस्कृति और इतिहास के रहस्यों में मेरी गहरी रुचि है। मुझे खास आनंद तब आता है जब मैं कलियुग के देवता बाबा खाटू श्याम और उनकी पावन नगरी खाटू धाम से जुड़ी ज्ञानवर्धक और उपयोगी जानकारियाँ लोगों तक पहुँचा पाता हूँ। एक फार्मासिस्ट होने के नाते मुझे रोग, दवाइयाँ, जीवनशैली और हेल्थकेयर से संबंधित विषयों की भी अच्छी जानकारी है। अपनी शिक्षा और रुचियों से अर्जित ज्ञान को मैं ब्लॉग आर्टिकल्स और वीडियो के माध्यम से आप सभी तक पहुँचाने का प्रयास करता हूँ। 📩 किसी भी जानकारी या संपर्क के लिए आप मुझे यहाँ लिख सकते हैं: ramesh3460@gmail.com

एक टिप्पणी भेजें

और नया पुराने