झील की पाल के नीचे गुफा में गुप्तेश्वर महादेव - Gupteshwar Mahadev Mandir Rajsamand

झील की पाल के नीचे गुफा में गुप्तेश्वर महादेव - Gupteshwar Mahadev Mandir Rajsamand, इसमें राजसमंद झील की पाल के नीचे शिव मंदिर की जानकारी दी गई है।

Gupteshwar Mahadev Mandir Rajsamand

आज हम आपको भारत के 7 प्राचीन मंदिरों में शामिल कांकरोली के गुप्तेश्वर महादेव मंदिर की यात्रा करवाने वाले हैं जो इंसानों द्वारा बनाई गई राजस्थान की मीठे पानी की दूसरी सबसे बड़ी राजसमंद झील के नीचे एक गुफा में बना हुआ है।

गुफा के अंदर जाने के लिए रास्ता बना हुआ है। सुरंग जैसी इस गुफा की लंबाई 135 फीट है। अंदर जाने पर यह गुफा काफी चौड़ी और गोलाकार आकृति में बदल जाती है।

इस गोलाकार जगह के बीच में मंदिर बना हुआ है। मंदिर के अंदर काले रंग का प्राचीन शिवलिंग स्थापित है। इस शिवलिंग को अपने आप बना हुआ यानी स्वयंभू माना जाता है।

शिवलिंग को इस मंदिर में इस तरीके से स्थापित किया गया है कि झील को भरने वाली गोमती नदी के जल से इस शिवलिंग का जलाभिषेक पूरे साल अपने आप होता रहे।

जलाभिषेक की इस व्यवस्था के लिए झील की पाल को इस तरीके से डिजाइन किया गया कि गोमती नदी की जलधारा हमेशा महादेव तक पहुँचकर उनका अभिषेक करें।

गुप्तेश्वर महादेव का यह स्वयंभू शिवलिंग विक्रम संवत 1107 यानी 1050 ईस्वी में प्रकट हुआ था जिसे संत गुप्त गिरी महाराज स्थापित करवाया।

कसी सदियों के बाद महाराणा राज सिंह ने विक्रम संवत् 1718 यानी 1661 ईस्वी में राजसमंद झील का निर्माण करवाते समय इस झील की पाल के नीचे मंदिर का निर्माण करवाकर शिवलिंग को गुप्तेश्वर महादेव के नाम से स्थापित करवाया।



लेखक (Writer)

रमेश शर्मा {एम फार्म, एमएससी (कंप्यूटर साइंस), पीजीडीसीए, एमए (इतिहास), सीएचएमएस}

डिस्क्लेमर (Disclaimer)

इस लेख में शैक्षिक उद्देश्य के लिए दी गई जानकारी विभिन्न ऑनलाइन एवं ऑफलाइन स्रोतों से ली गई है जिनकी सटीकता एवं विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। आलेख की जानकारी को पाठक महज सूचना के तहत ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।
रमेश शर्मा

मेरा नाम रमेश शर्मा है। मैं एक रजिस्टर्ड फार्मासिस्ट हूँ। मेरी क्वालिफिकेशन M Pharm (Pharmaceutics), MSc (Computer Science), MA (History), PGDCA और CHMS है। मुझे पुरानी ऐतिहासिक धरोहरों को करीब से देखना, इनके इतिहास के बारे में जानना और प्रकृति के करीब रहना बहुत पसंद है। जब भी मुझे मौका मिलता है, मैं इनसे मिलने के लिए घर से निकल जाता हूँ। जिन धरोहरों को देखना मुझे पसंद है उनमें प्राचीन किले, महल, बावड़ियाँ, मंदिर, छतरियाँ, पहाड़, झील, नदियाँ आदि प्रमुख हैं। जिन धरोहरों को मैं देखता हूँ, उन्हें ब्लॉग और वीडियो के माध्यम से आप तक भी पहुँचाता हूँ ताकि आप भी मेरे अनुभव से थोड़ा बहुत लाभ उठा सकें। जैसा कि मैंने आपको बताया कि मैं एक रजिस्टर्ड फार्मासिस्ट भी हूँ इसलिए मैं लोगों को वीडियो और ब्लॉग के माध्यम से स्वास्थ्य संबंधी उपयोगी जानकारियाँ भी देता रहता हूँ। आप ShriMadhopur.com ब्लॉग से जुड़कर ट्रैवल और हेल्थ से संबंधित मेरे लेख पढ़ सकते हैं।

एक टिप्पणी भेजें

और नया पुराने