रामगढ़ के साथ ही सूख गया कालख बाँध - Kalakh Dam

रामगढ़ के साथ ही सूख गया कालख बाँध - Kalakh Dam, इसमें जयपुर जोबनेर रोड़ पर कालख गाँव के पास ऐतिहासिक कालख बाँध के बारे में जानकारी दी गई है।

Kalakh Dam

जयपुर जोबनेर रोड़ पर जोबनेर से लगभग 10 किलोमीटर पहले पहाड़ियों के बीच में कालख गाँव के पास छः शताब्दियों पुराना कालख बाँध बना हुआ है।

बाँध का निर्माण लगभग 600 साल पहले कालख ठिकाने के जागीरदार ठाकुर बेरीसाल सिंह ने पेयजल और खेती के लिए पानी की जरूरत को पूरा करने के लिए करवाया था। कालख ठिकाना उस समय आमेर रियासत के अधीन हुआ करता था।

28 फीट भराव क्षमता वाला यह बाँध लगभग 700 बीघा में फैला हुआ है जिसका कैचमेंट एरिया 586 वर्ग किलोमीटर है। पूरा भरने पर बाँध की लंबाई 6 किलोमीटर और चौड़ाई साढ़े तीन किलोमीटर हुआ करती थी।

इस बाँध को भरने के लिए पानी का मुख्य स्त्रोत सामोद की पहाड़ियों से आने वाला पानी था। सामोद की पहाड़ियों का पानी बांडी नदी के जरिए जलोई बाँध होता हुआ कालख बाँध में आता था।

साल 1981-82 से पहले तक यह बाँध पानी से लबालब भरा रहता था। उस समय इस बाँध का पानी नहर के द्वारा दूदू, फागी तहसीलों से होता हुआ रेनवाल माजी तक जाता था। 

बाँध में अंतिम बार 1981 में चादर चली थी और साल 1984 तक इसमें पानी आया। उसके बाद बाँध के बहाव एरिया में अतिक्रमण होने के कारण इसमें पानी आना बंद हो गया और यह बाँध भी रामगढ़ बाँध की तरह सूख कर विलुप्त हो गया।

दरअसल सामोद की पहाड़ी से कालवाड़, माचवा होकर आने वाली बांडी नदी के बहाव एरिया में लोगों ने अतिक्रमण करके बड़े-बड़े फार्म हाउस के साथ कॉलोनियाँ काट दी, जिस वजह से बाँध में आने वाला पानी पूरी तरह से रुक गया।

बाँध के पास कुछ मंदिर बने हैं जिनमें बजरंगबली का मंदिर काफी प्रसिद्ध है। यहाँ पर मौजूद गणेशजी और भोलेनाथ के मंदिर में भी लोग दर्शन करने आते हैं।

बाँध के पास मौजूद पहाड़ी पर कालख फोर्ट बना हुआ है जो किसी समय यहाँ के जागीरदार का गढ़ हुआ करता था। अगर बाँध में पानी भरा हो तो यह जगह काफी सुंदर होकर देखने लायक बन जाएगी।


कालख बाँध का वीडियो - Video of Kalakh Dam



कालख बाँध की फोटो - Photos of Kalakh Dam


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लेखक (Writer)

रमेश शर्मा {एम फार्म, एमएससी (कंप्यूटर साइंस), पीजीडीसीए, एमए (इतिहास), सीएचएमएस}

डिस्क्लेमर (Disclaimer)

इस लेख में शैक्षिक उद्देश्य के लिए दी गई जानकारी विभिन्न ऑनलाइन एवं ऑफलाइन स्रोतों से ली गई है जिनकी सटीकता एवं विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। आलेख की जानकारी को पाठक महज सूचना के तहत ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।
रमेश शर्मा

मेरा नाम रमेश शर्मा है। मैं एक रजिस्टर्ड फार्मासिस्ट हूँ। मेरी क्वालिफिकेशन M Pharm (Pharmaceutics), MSc (Computer Science), MA (History), PGDCA और CHMS है। मुझे पुरानी ऐतिहासिक धरोहरों को करीब से देखना, इनके इतिहास के बारे में जानना और प्रकृति के करीब रहना बहुत पसंद है। जब भी मुझे मौका मिलता है, मैं इनसे मिलने के लिए घर से निकल जाता हूँ। जिन धरोहरों को देखना मुझे पसंद है उनमें प्राचीन किले, महल, बावड़ियाँ, मंदिर, छतरियाँ, पहाड़, झील, नदियाँ आदि प्रमुख हैं। जिन धरोहरों को मैं देखता हूँ, उन्हें ब्लॉग और वीडियो के माध्यम से आप तक भी पहुँचाता हूँ ताकि आप भी मेरे अनुभव से थोड़ा बहुत लाभ उठा सकें। जैसा कि मैंने आपको बताया कि मैं एक रजिस्टर्ड फार्मासिस्ट भी हूँ इसलिए मैं लोगों को वीडियो और ब्लॉग के माध्यम से स्वास्थ्य संबंधी उपयोगी जानकारियाँ भी देता रहता हूँ। आप ShriMadhopur.com ब्लॉग से जुड़कर ट्रैवल और हेल्थ से संबंधित मेरे लेख पढ़ सकते हैं।

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