सलूम्बर का गौरवशाली इतिहास - Salumber Ka Itihas

सलूम्बर का गौरवशाली इतिहास - Salumber Ka Itihas, इसमें मेवाड़ के सोलह ठिकानों में से एक सलूम्बर के भीलों से चुंडावतों तक के इतिहास की जानकारी दी गई है।

Salumber Ka Itihas

सलूम्बर मेवाड़ रियासत का एक मुख्य ठिकाना था जो इसकी प्रथम श्रेणी की 16 जागीरों में से एक था। यह कस्बा हाड़ी रानी की वजह से पूरे भारत में प्रसिद्ध है और हाड़ी रानी की नगरी कहलाता है।

सरनी नदी के किनारे पर बसा हुआ सलूम्बर कस्बा बहुत प्राचीन है। 12 वीं शताब्दी से पहले इस एरिया में भील शासकों का शासन था। उस समय यहाँ पर सोनारिया नाम की बस्ती मौजूद थी जिसे सोनारा भील की राजधानी माना जाता है।

12 वीं शताब्दी के आसपास राठौड़ राजपूतों ने सोनारिया पर आक्रमण किया जिसमें सोनारा भील मारा गया। सलूम्बर के इस अंतिम भील शासक सोनारा भील की मृत्यु पर उसकी पत्नी उसके साथ सती हुई थी।

रावत केसर सिंह की दूसरी पत्नी ने इनकी याद में सलूम्बर के पास उत्तर-पूर्व दिशा की सबसे ऊँची पहाड़ी पर सोनार माता के नाम से मंदिर बनवाया था जो आज भी मौजूद है।

सोनारा भील के बाद इस जगह पर राठौड़ शासकों का अधिकार हुआ जिन्होंने विधिवत रूप से सलूम्बर कस्बे को बसाया।

इन्होंने महलों के निर्माण के साथ कस्बे की सुरक्षा के लिए शहरकोट और सोनार माता मंदिर वाली पहाड़ी पर किले का निर्माण करवाया।

12 वीं शताब्दी से 16 वीं शताब्दी के अंत तक सलूम्बर पर राठौड़ राजाओं का शासन रहा। इन राठौड़ राजाओं में अंतिम राजा सिंहा राठौड़ था जिसे सिंह सलूम्बरिया के नाम से जाना जाता था।

बेगूँ के रावत कृष्णदास चुंडावत ने महाराणा प्रताप की आज्ञा से 1584 ईस्वी में सिंहा राठौड़ को हराकर सलूम्बर को अपनी राजस्थली बनाया। इसके बाद सलूम्बर पर चुंडावत राजाओं का शासन रहा।

इन चुंडावत राजाओं ने सलूम्बर का काफी विकास किया और यहाँ पर मंदिर, महल, परकोटा और तालाब आदि का निर्माण करवाया।


सलूम्बर की मैप लोकेशन - Map location of Salumber



सलूम्बर के इतिहास का वीडियो - Video of Salumber History



डिस्क्लेमर (Disclaimer)

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रमेश शर्मा

नमस्ते! मेरा नाम रमेश शर्मा है। मैं एक रजिस्टर्ड फार्मासिस्ट हूँ और मेरी शैक्षिक योग्यता में M Pharm (Pharmaceutics), MSc (Computer Science), MA (History), PGDCA और CHMS शामिल हैं। मुझे भारत की ऐतिहासिक धरोहरों और धार्मिक स्थलों को करीब से देखना, उनके पीछे छिपी कहानियों को जानना और प्रकृति की गोद में समय बिताना बेहद पसंद है। चाहे वह किला हो, महल, मंदिर, बावड़ी, छतरी, नदी, झरना, पहाड़ या झील – हर जगह मेरे लिए इतिहास और आस्था का अनमोल संगम है। इतिहास का विद्यार्थी होने की वजह से प्राचीन धरोहरों, स्थानीय संस्कृति और इतिहास के रहस्यों में मेरी गहरी रुचि है। मुझे खास आनंद तब आता है जब मैं कलियुग के देवता बाबा खाटू श्याम और उनकी पावन नगरी खाटू धाम से जुड़ी ज्ञानवर्धक और उपयोगी जानकारियाँ लोगों तक पहुँचा पाता हूँ। एक फार्मासिस्ट होने के नाते मुझे रोग, दवाइयाँ, जीवनशैली और हेल्थकेयर से संबंधित विषयों की भी अच्छी जानकारी है। अपनी शिक्षा और रुचियों से अर्जित ज्ञान को मैं ब्लॉग आर्टिकल्स और वीडियो के माध्यम से आप सभी तक पहुँचाने का प्रयास करता हूँ। 📩 किसी भी जानकारी या संपर्क के लिए आप मुझे यहाँ लिख सकते हैं: ramesh3460@gmail.com

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