पानी में डूबे महादेव कहलाते हैं न्याय के देवता - Chandreshwar Mahadev Mandir Udaipur

पानी में डूबे महादेव कहलाते हैं न्याय के देवता - Chandreshwar Mahadev Mandir Udaipur, इसमें उदयपुर के झाड़ोल के चन्दवास में मौजूद मंदिर की जानकारी है।

Chandreshwar Mahadev Mandir Udaipur

उदयपुर के झाड़ोल में भोलेनाथ का एक ऐसा मंदिर है जिसमें साल में चार पाँच महीने शिवलिंग पानी में डूबा रहता है। इस मंदिर को चंद्रेश्वर महादेव के नाम से जाना जाता है।

कई सदियों से यह मंदिर मानसी नदी के किनारे पर था लेकिन साल 2005 में इस नदी पर मानसी वाकल बाँध बनने के कारण यह इस बाँध के डूब क्षेत्र में आ गया।

अब हर साल बारिश के मौसम में जैसे-जैसे इस बाँध में पानी आता है वैसे-वैसे यह मंदिर पानी में डूबने लगता है। बाँध के ओवरफ्लो होने की स्थिति में यह मंदिर करीब 10 फीट तक पानी में डूब जाता है।

बाद में समय के साथ जैसे-जैसे बाँध का जलस्तर कम होता है यह मंदिर पानी से बाहर आ जाता है। मार्च के महीने तक मंदिर पानी से पूरी तरह से बाहर आ जाता है।


एक मोटे तौर पर देखें तो सावन के महीने से लेकर शिवरात्रि के त्योहार तक मंदिर में पानी भरा रहता है जिस वजह से भक्तजन भोलेनाथ के दर्शन नहीं कर पाते हैं।

भक्तों की इस समस्या को दूर करने के लिए इस मंदिर के पास ही महादेव का एक नया मंदिर बनवाया गया जिसमें भोलेनाथ विराजमान हैं।

जब मंदिर के पानी में डूबने की शुरुआत होती है तब गर्भगृह में शिवलिंग के आसपास मछलियाँ ही मछलियाँ दिखाई देने लगती है जो शिवलिंग को अलौकिक बना देती हैं।

कहते हैं कि महादेव के इस प्राचीन मंदिर को 16 वीं शताब्दी में एक बंजारे ने बनवाया था। जब से यह मंदिर बना है तब से चंद्रेश्वर महादेव को न्याय के देवता के रूप में पूजा जाता है।

आपसी विवाद की स्थिति में दोनों पक्षों को शिवलिंग पर हाथ रखकर कसम दिलाई जाती है। ऐसा माना जाता है कि शिवलिंग पर हाथ रखने के बाद कोई झूठी कसम नहीं खाता है। अगर कोई झूठी कसम खाता है तो उसे शारीरिक, मानसिक और आर्थिक परेशानियों को भोगना पड़ता है।

चंद्रेश्वर महादेव मंदिर की लोकेशन - Location of Chandreshwar Mahadev Mandir Udaipur



चंद्रेश्वर महादेव मंदिर का वीडियो - Video of Chandreshwar Mahadev Mandir Udaipur



लेखक (Writer)

रमेश शर्मा {एम फार्म, एमएससी (कंप्यूटर साइंस), पीजीडीसीए, एमए (इतिहास), सीएचएमएस}

डिस्क्लेमर (Disclaimer)

इस लेख में शैक्षिक उद्देश्य के लिए दी गई जानकारी विभिन्न ऑनलाइन एवं ऑफलाइन स्रोतों से ली गई है जिनकी सटीकता एवं विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। आलेख की जानकारी को पाठक महज सूचना के तहत ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।
रमेश शर्मा

मेरा नाम रमेश शर्मा है। मैं एक रजिस्टर्ड फार्मासिस्ट हूँ। मेरी क्वालिफिकेशन M Pharm (Pharmaceutics), MSc (Computer Science), MA (History), PGDCA और CHMS है। मुझे पुरानी ऐतिहासिक धरोहरों को करीब से देखना, इनके इतिहास के बारे में जानना और प्रकृति के करीब रहना बहुत पसंद है। जब भी मुझे मौका मिलता है, मैं इनसे मिलने के लिए घर से निकल जाता हूँ। जिन धरोहरों को देखना मुझे पसंद है उनमें प्राचीन किले, महल, बावड़ियाँ, मंदिर, छतरियाँ, पहाड़, झील, नदियाँ आदि प्रमुख हैं। जिन धरोहरों को मैं देखता हूँ, उन्हें ब्लॉग और वीडियो के माध्यम से आप तक भी पहुँचाता हूँ ताकि आप भी मेरे अनुभव से थोड़ा बहुत लाभ उठा सकें। जैसा कि मैंने आपको बताया कि मैं एक रजिस्टर्ड फार्मासिस्ट भी हूँ इसलिए मैं लोगों को वीडियो और ब्लॉग के माध्यम से स्वास्थ्य संबंधी उपयोगी जानकारियाँ भी देता रहता हूँ। आप ShriMadhopur.com ब्लॉग से जुड़कर ट्रैवल और हेल्थ से संबंधित मेरे लेख पढ़ सकते हैं।

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