हजारों साल पुराने मंदिर में अनोखा शिवलिंग - Amrakh Mahadev Mandir Udaipur, इसमें उदयपुर के अंबेरी में मौजूद प्राचीन अमरख महादेव मंदिर की जानकारी दी है।
उदयपुर में अंबेरी और चीरवा घाटी के पास के जंगल में दो ढाई हजार साल पुराना अमरख महादेव मंदिर मौजूद है।
ऐसा बताया जाता है कि उस समय अपने सांसारिक सुखों को त्यागकर आए राजा अंबरीश ने इस जगह पर शिवलिंग स्थापित किया ताकि वो भोलेनाथ की पूजा आराधना कर सके।
कहते हैं कि भोलेनाथ का अभिषेक करने के लिए अंबरीश अपनी तपस्या के बल पर रोजाना गंगा नदी से जल लाया करते थे।
इनकी आस्था और भक्ति से गंगा माता इतनी ज्यादा खुश हुई कि वो मंदिर के पास एक कुंड में जलधारा के रूप में प्रकट हो गई। गंगाजी की वजह से अब इस कुंड को अमर गंगा कुंड कहा जाता है।
राजा अंबरीश ने अपनी तपस्या के बल पर कई सिद्धियाँ प्राप्त की और अमर ऋषि के नाम से प्रसिद्ध सन्यासी हुए। बाद में महादेव का यह मंदिर इनके नाम पर अमरख महादेव कहलाया।
अमरख महादेव का यह मंदिर एक ऊँचे चबूतरे पर पंचायतन शैली में बना हुआ है। मुख्य मंदिर के गर्भगृह में सफेद पत्थर का चतुर्मुखी शिवलिंग मौजूद है।
शिवलिंग के चार मुखों में से एक, शिव मुख पर गणेश, कार्तिकेय और गौरी माता विराजमान है। शिवलिंग पर इन तीनों के विराजमान होने की वजह से ये प्रतिमा विश्व में सबसे अनोखी और एकमात्र मानी जाती है।
इस जगह पर लेपर्ड की भरमार होने की वजह से अब इस जगह को लेपर्ड कंजर्वेशन रिजर्व के रूप में विकसित किया जा रहा है ताकि उदयपुर आने वाले पर्यटक लेपर्ड सफारी का आनंद भी उठा पाएँ।
लेखक (Writer)
रमेश शर्मा {एम फार्म, एमएससी (कंप्यूटर साइंस), पीजीडीसीए, एमए (इतिहास), सीएचएमएस}
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