मेनाल के मंदिरों को मिनी खजुराहो क्यों कहा जाता है? - Menal Temples Mini Khajuraho

मेनाल के मंदिरों को मिनी खजुराहो क्यों कहा जाता है? - Menal Temples Mini Khajuraho, इसमें मेनाल के महानालेश्वर और सुहावेश्वर मंदिर की जानकारी दी गई है।

Menal Temples Mini Khajuraho

Image Credit - Google Map

भीलवाड़ा में बिजौलिया के पास 150 फीट की ऊँचाई से गिरने वाला मेनाल का प्रसिद्ध झरना है जो तीन नदियों के संगम पर है। इस त्रिवेणी संगम में मेनाली नदी में कोयला कुंडी खाल और मिंडकी महादेव खाल नदियाँ आकर मिलती हैं।

त्रिवेणी संगम के पास मेनाल के झरने के दोनों किनारों पर यानी नदी के दोनों किनारों पर भोलेनाथ के मंदिरों के दो समूह बने हैं जिनमें से एक महानालेश्वर मंदिर समूह और दूसरा सुहावेश्वर मंदिर समूह है।

इस जगह के मंदिरों की शिल्पकला और मूर्तिकला में खजुराहो के मंदिरों जैसी भव्यता होने के कारण इस जगह को मिनी खजुराहो कहा जाता है।

महानालेश्वर (Mahanaleshwar)) मंदिर समूह परिसर में शैव मठ के साथ कई मंदिरों के अवशेष मौजूद हैं। इस जगह के सबसे प्रमुख मंदिर को मेनाल शिव मंदिर, महानाल मंदिर या महाबलेश्वर मंदिर कहा जाता है।

मंदिर की दीवारों पर देवी-देवताओं, अप्सराओं और पौराणिक कथाओं को उकेरा गया है। महानाल का यह मंदिर 11वीं शताब्दी में चौहान राजाओं के शासनकाल में शैव संप्रदाय का एक बड़ा केंद्र था जिसका महत्व एक तीर्थ स्थल के रूप में हुआ करता था।


मंदिर के पास गणेश और गौरी को समर्पित दो छोटे मंदिर मौजूद हैं जिन्हें 8वीं शताब्दी का बना हुआ माना जाता है यानी ये मंदिर इस जगह पर सबसे पुराने हैं। परिसर में चामुंडा, विष्णु आदि के मंदिर भी मौजूद हैं।

पास ही रहने के काम आने वाला शैव मठ है जिसका निर्माण 12 वीं शताब्दी में पृथ्वीराज चौहान द्वितीय के समय संत भावब्रह्मा ने करवाया था। मंदिर परिसर के मुख्य द्वार के सामने हनुमान जी का मंदिर भी आस्था का केंद्र है।

झरने के दूसरी तरफ बने सुहावेश्वर (Suhaveshwar) मंदिर समूह है जिसमें बारिश के मौसम में नदी बहने के कारण जाना मुश्किल हो जाता है। इस परिसर में शिव मंदिर और मठ मौजूद है।

इस जगह के मंदिर को 12 वीं शताब्दी में पृथ्वीराज चौहान द्वितीय की पत्नी सुहिया देवी या सुहाव देवी ने करवाया था। यहाँ पर मौजूद मठ भी ठहरने के लिए काम में आता था।

मेनाल के मंदिरों की लोकेशन - Location of Menal Temples Mini Khajuraho



मेनाल के मंदिरों का वीडियो - Video of Menal Temples Mini Khajuraho



लेखक (Writer)

रमेश शर्मा {एम फार्म, एमएससी (कंप्यूटर साइंस), पीजीडीसीए, एमए (इतिहास), सीएचएमएस}

डिस्क्लेमर (Disclaimer)

इस लेख में शैक्षिक उद्देश्य के लिए दी गई जानकारी विभिन्न ऑनलाइन एवं ऑफलाइन स्रोतों से ली गई है जिनकी सटीकता एवं विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। आलेख की जानकारी को पाठक महज सूचना के तहत ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।
रमेश शर्मा

मेरा नाम रमेश शर्मा है। मैं एक रजिस्टर्ड फार्मासिस्ट हूँ। मेरी क्वालिफिकेशन M Pharm (Pharmaceutics), MSc (Computer Science), MA (History), PGDCA और CHMS है। मुझे पुरानी ऐतिहासिक धरोहरों को करीब से देखना, इनके इतिहास के बारे में जानना और प्रकृति के करीब रहना बहुत पसंद है। जब भी मुझे मौका मिलता है, मैं इनसे मिलने के लिए घर से निकल जाता हूँ। जिन धरोहरों को देखना मुझे पसंद है उनमें प्राचीन किले, महल, बावड़ियाँ, मंदिर, छतरियाँ, पहाड़, झील, नदियाँ आदि प्रमुख हैं। जिन धरोहरों को मैं देखता हूँ, उन्हें ब्लॉग और वीडियो के माध्यम से आप तक भी पहुँचाता हूँ ताकि आप भी मेरे अनुभव से थोड़ा बहुत लाभ उठा सकें। जैसा कि मैंने आपको बताया कि मैं एक रजिस्टर्ड फार्मासिस्ट भी हूँ इसलिए मैं लोगों को वीडियो और ब्लॉग के माध्यम से स्वास्थ्य संबंधी उपयोगी जानकारियाँ भी देता रहता हूँ। आप ShriMadhopur.com ब्लॉग से जुड़कर ट्रैवल और हेल्थ से संबंधित मेरे लेख पढ़ सकते हैं।

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