राजस्थान का प्रसिद्ध मेनाल का झरना - Menal Waterfall, इसमें भीलवाड़ा के बिजोलिया उपखंड के मेनाल के शानदार झरने के बारे में पूरी जानकारी दी गई है।
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भीलवाड़ा में बिजौलिया के पास मेनाल का प्रसिद्ध झरना मौजूद है जिसकी जलधारा 150 फीट गहरी घाटी में गिरती है। केरल के अथिरापल्ली वाटरफॉल जैसा यह झरना बिजौलिया उपखंड का सबसे बेहतरीन झरना है जिसका जिक्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 28 जून 2015 को मन की बात में भी किया था।
बारिश के मौसम में हरियाली की चादर ओढ़े इस गहरी घाटी में पानी की कलकल प्रकृति प्रेमियों के लिए जन्नत से कम नहीं होती है।
यह झरना मेनाल के पास मेनाली नदी में कोयला कुंडी खाल और मिंडकी महादेव खाल नदियों के मिलने से बने त्रिवेणी संगम के संयुक्त पानी से बनता है।
इन तीनों नदियों का मिला जुला पानी 150 फीट की ऊँचाई से खाई में झरने के रूप में नीचे गिरकर जंगल में बहता हुआ गोवटा बाँध में चला जाता है।
गोवटा बाँध से मेनाली नदी का बहता हुआ ये पानी बीगोद के पास बेड़च और बनास के साथ त्रिवेणी संगम बनाता हुआ बनास नदी के जरिए बीसलपुर बाँध में चला जाता है।
आपको बता दें कि मेनाली नदी का उद्गम स्थल बिजोलिया उपखंड में आरोली पंचायत नीमड़ी गुआ गाँव के पास की पहाड़ी है। इस पहाड़ी से बहने वाला आधा पानी मेनाली नदी और बाकी आधा ऐरू नदी में जाता है।
झरने के पास मेनाली नदी के दोनों किनारों पर दो प्राचीन मंदिर समूह हैं जिनमें एक महानालेश्वर मंदिर समूह और दूसरा सुहावेश्वर मंदिर समूह कहलाता है।
महानालेश्वर मंदिर को मेनाल शिव मंदिर, महानाल मंदिर या महाबलेश्वर मंदिर भी कहा जाता है। इस जगह को मिनी खजुराहो भी कहा जाता है। बारिश के मौसम के अलावा इस जगह पर हरियाली अमावस्या के दिन काफी ज्यादा भीड़ रहती है।
चित्तौड़ के बेगूं में स्थित मेनाल का झरना चित्तौड़गढ़-कोटा हाईवे पर मेनाल चौराहे के पास मौजूद है जिसकी भीलवाड़ा से दूरी 70 किलोमीटर, चित्तौड़गढ़ से 90 किलोमीटर, कोटा से 80 किलोमीटर और बिजोलिया से 20 किलोमीटर है।
मेनाल के झरने की लोकेशन - Location of Menal Waterfall
मेनाल के झरने का वीडियो - Video of Menal Waterfall
लेखक (Writer)
रमेश शर्मा {एम फार्म, एमएससी (कंप्यूटर साइंस), पीजीडीसीए, एमए (इतिहास), सीएचएमएस}
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