नींदड़ के किले का अनजाना इतिहास - Nindar Fort

नींदड़ के किले का अनजाना इतिहास - Nindar Fort, इसमें जयपुर की बारा कोटड़ियों में एक नींदड़ के किले के अनजाने इतिहास के बारे में जानकारी दी गई है।

Nindar Fort

प्राचीन आमेर रियासत की बारह कोटड़ी यानी आमेर रियासत के बारह प्रमुख ठिकानों में से एक नींदड़ ठिकाने में पहाड़ी पर एक फोर्ट है जिसे नींदड़ फोर्ट कहते हैं।

स्क्वायर शेप में बने हुए इस फोर्ट के चारों कोनों पर चार गोल बुर्ज हैं। फोर्ट के बीच में ज्यादातर जगह खाली है। फोर्ट में पानी के लिए एक पुराना टांका अब भी मौजूद है।

फोर्ट की बनावट देखकर लगता है कि यह शायद सैनिक गतिविधियों के काम में आता होगा। फोर्ट से पूरा नींदड़ कस्बा दिखाई देता है। फोर्ट के पास ही भक्तावर सिंह भोमिया जी का मंदिर बना है।

पहाड़ी के नीचे महलनुमा हवेली है जिसमें नींदड़ ठिकाने के ठिकानेदार रहा करते थे। इस महल की हालत अच्छी दिखाई देती है और शायद ये आज भी काम में आता है।


अगर हम नींदड़ के इतिहास के बारे में बात करें तो इसे 14वीं शताब्दी में आमेर के राजा उदयकरण के एक पुत्र राव शिवब्रह्म या श्योब्रह्म ने बसाया था जिन्हें नींदड़ और इसके आसपास के 51 गाँव जागीर के रूप में मिले थे।

राव श्योब्रह्म के वंशज श्योब्रह्मपोता कहलाते हैं। नींदड़ में रावत गोपालदास हुए जिन्होंने आमेर के महाराजा मानसिंह के साथ अफगानिस्तान में कई युद्ध लड़े।

इनके युद्ध कौशल से प्रभावित होकर इन्हें पीढ़ी दर पीढ़ी के लिए रावत टाइटल का अधिकार दिया गया। ऐसा बताया जाता है कि नींदड़ के किले का निर्माण रावत गोपालदास ने ही करवाया था।

नींदड़ के रावत जोरावर सिंह भी एक कुशल योद्धा थे और इन्होंने भी कई युद्धों में भाग लिया। महाराजा सवाई जय सिंह ने इन्हें अपनी सेना के लिए मीर बक्शी नियुक्त किया था। बताया जाता है कि जयपुर का जोरावर सिंह गेट इनके नाम पर ही है।

नींदड़ फोर्ट की लोकेशन - Location of Nindar Fort



नींदड़ फोर्ट का वीडियो - Video of Nindar Fort



लेखक (Writer)

रमेश शर्मा {एम फार्म, एमएससी (कंप्यूटर साइंस), पीजीडीसीए, एमए (इतिहास), सीएचएमएस}

डिस्क्लेमर (Disclaimer)

इस लेख में शैक्षिक उद्देश्य के लिए दी गई जानकारी विभिन्न ऑनलाइन एवं ऑफलाइन स्रोतों से ली गई है जिनकी सटीकता एवं विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। आलेख की जानकारी को पाठक महज सूचना के तहत ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।
रमेश शर्मा

मेरा नाम रमेश शर्मा है। मैं एक रजिस्टर्ड फार्मासिस्ट हूँ। मेरी क्वालिफिकेशन M Pharm (Pharmaceutics), MSc (Computer Science), MA (History), PGDCA और CHMS है। मुझे पुरानी ऐतिहासिक धरोहरों को करीब से देखना, इनके इतिहास के बारे में जानना और प्रकृति के करीब रहना बहुत पसंद है। जब भी मुझे मौका मिलता है, मैं इनसे मिलने के लिए घर से निकल जाता हूँ। जिन धरोहरों को देखना मुझे पसंद है उनमें प्राचीन किले, महल, बावड़ियाँ, मंदिर, छतरियाँ, पहाड़, झील, नदियाँ आदि प्रमुख हैं। जिन धरोहरों को मैं देखता हूँ, उन्हें ब्लॉग और वीडियो के माध्यम से आप तक भी पहुँचाता हूँ ताकि आप भी मेरे अनुभव से थोड़ा बहुत लाभ उठा सकें। जैसा कि मैंने आपको बताया कि मैं एक रजिस्टर्ड फार्मासिस्ट भी हूँ इसलिए मैं लोगों को वीडियो और ब्लॉग के माध्यम से स्वास्थ्य संबंधी उपयोगी जानकारियाँ भी देता रहता हूँ। आप ShriMadhopur.com ब्लॉग से जुड़कर ट्रैवल और हेल्थ से संबंधित मेरे लेख पढ़ सकते हैं।

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