आज भी शापित है नटनी का चबूतरा - Natni Ka Chabutra, इसमें उदयपुर की प्रसिद्ध पिछोला झील में मौजूद शापित नटनी के चबूतरे के बारे में जानकारी दी गई है।
Image Credit - Meta AI
उदयपुर में पिछोला झील में एक चबूतरा बना हुआ है जिसे नटनी का चबूतरा कहा जाता है। यह चबूतरा ना केवल एक ऐतिहासिक स्थल है बल्कि साहस और विश्वासघात की एक दुखद कहानी का सिंबल भी है।
पिछोला झील के इतिहास से कुछ लोककथाएँ जुड़ी हुई हैं हैं जिनमें से एक नटनी के चबूतरे के बारे में है। आपको बता दें कि उदयपुर की पिछोला झील को 14वीं शताब्दी में महाराणा लाखा के समय पिच्छू नाम के एक बंजारे ने बनवाया था।
बाद में 16वीं शताब्दी में महाराणा प्रताप के पिता महाराणा उदय सिंह ने इस झील के किनारे राजमहल बनवाकर उदयपुर शहर की स्थापना की थी।
सदियों से नटनी के चबूतरे से जुड़ी हुई लोककथा के अनुसार उदयपुर के एक महाराणा के दरबार में रस्सी पर चलने का खेल दिखाने वाली एक नटनी आई।
उसने महाराणा से कहा कि अगर वह रस्सी पर चलकर पिछोला झील को पार कर ले तो उसे क्या इनाम मिलेगा।
महाराणा ने सोचा कि रस्सी पर चलकर पिछोला जैसी विशाल झील को पार करना नामुमकिन है, इसलिए उन्होंने नटनी से कह दिया कि अगर वह ऐसा कर लेती है तो वो उसे मेवाड़ का आधा राज्य दे देंगे।
नटनी ने महाराणा के इस प्रस्ताव को मंजूर कर लिया और पिछोला झील के दोनों किनारों के बीच एक रस्सी बाँधी गई। नटनी ने रस्सी पर चलना शुरू किया और चलते-चलते आधा रास्ता पार कर लिया।
नटनी को आधा रास्ता पार करता देखकर महाराणा और उनके मंत्रियों को चिंता हुई कि अगर इसने पूरा रास्ता पार कर लिया तो इसे मेवाड़ का आधा राज्य देना पड़ेगा।
ऐसे में महाराणा ने अपने मंत्रियों की सलाह पर रस्सी का एक हिस्सा कटवा दिया ताकि उनको अपना आधा राज्य ना देना पड़े। जब रस्सी काटी गई तो नटनी झील में गिरी और डूब कर मर गई।
बाद में महाराणा को अपनी गलती पर पछतावा हुआ और उन्होंने उस नटनी की याद में झील में एक चबूतरा बनवाया जो आज भी नटनी के चबूतरे के नाम से प्रसिद्ध है।
ऐसा भी बताया जाता है कि अब जिसे नटनी का चबूतरा कहा जाता है उस जगह पर पहले एक चट्टान हुआ करती थी। इस चट्टान पर एक फकीर जलाल शाह रहा करते थे जिस वजह से इसे जलाल भाटा भी कहा जाता था।
बाद में जब नटनी की घटना घटी और यहाँ पर एक चबूतरा बना तो यह जगह नटनी के चबूतरे के नाम से ज्यादा प्रसिद्ध हो गई।
अब इस जगह को शापित यानि हॉन्टेड माना जाता है और ऐसा कहा जाता है कि इस जगह पर आज भी नटनी की आत्मा घूमती है।
लोककथाओं में उस नटनी का नाम गलकी बताया गया है लेकिन महाराणा को कुछ में महाराणा लाखा, कुछ में राव चुंडा और कुछ में महाराणा जवान सिंह बताया गया है।
यह घटना सदियों से चली आ रही लोक कथाओं पर आधारित है जिसका कोई ऐतिहासिक प्रमाण नहीं है। आपको जब भी पिछोला झील देखने का मौका मिले तो आप नटनी के चबूतरे को भी देख सकते हैं।
पिछोला झील में यह नटनी का चबूतरा झील की दक्षिण पश्चिम दिशा में जग मंदिर के थोड़ा आगे की तरफ बना हुआ है जिसे आप गूगल मैप में देख सकते हैं।
नटनी के चबूतरे की मैप लोकेशन - Map location of Natni ka Chabutra
नटनी के चबूतरे का वीडियो - Video of Natni ka Chabutra
डिस्क्लेमर (Disclaimer)
इस लेख में शैक्षिक उद्देश्य के लिए दी गई जानकारी विभिन्न ऑनलाइन एवं ऑफलाइन स्रोतों से ली गई है जिनकी सटीकता एवं विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। आलेख की जानकारी को पाठक महज सूचना के तहत ही लें क्योंकि इसे आपको केवल जागरूक करने के उद्देश्य से लिखा गया है। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।
Tags:
Tourism-In-Rajasthan