श्रीमाधोपुर का पारद शिवलिंग - Parad Shivling Shrimadhopur

श्रीमाधोपुर का पारद शिवलिंग - Parad Shivling Shrimadhopur, इसमें श्रीमाधोपुर के ब्रह्मचारी आश्रम में मौजूद पारद शिवलिंग के बारे में जानकारी दी गई है।

Parad Shivling Shrimadhopur

भारत में भगवान शिव के अनेक मंदिर और शिवलिंग भक्तों के लिए आस्था का केंद्र हैं। राजस्थान के श्रीमाधोपुर में ब्रह्मचारी आश्रम में पारदेश्वर महादेव मंदिर और विश्व प्रसिद्ध पारद शिवलिंग स्थित हैं।

पारद शिवलिंग आध्यात्मिक शांति और सकारात्मक ऊर्जा का केंद्र हैं जिसकी पूजा से जीवन के सभी क्षेत्रों में लाभ मिलता है।

**पारद शिवलिंग: एक अनूठा स्वरूप**

पारद शिवलिंग, पारे (Mercury) से निर्मित, एक शक्तिशाली और पवित्र शिवलिंग है। जटिल आयुर्वेदिक और वैदिक प्रक्रियाओं से द्रव पारे को ठोस शिवलिंग का रूप दिया जाता है।

शास्त्रों में पारद को भगवान शिव का बीज स्वरूप माना गया है। श्रीमाधोपुर का पारद शिवलिंग अपने अलौकिक स्वरूप के लिए प्रसिद्ध है।

इसके दर्शन से 12 ज्योतिर्लिंगों और 84 महादेवों का पुण्य मिलता है, जो भक्तों को सुख, समृद्धि, स्वास्थ्य और शांति प्रदान करता है।

**ब्रह्मचारी आश्रम: एक पवित्र स्थल**

श्रीमाधोपुर, राजस्थान का एक छोटा कस्बा, अपनी आध्यात्मिक विरासत के लिए जाना जाता है। ब्रह्मचारी आश्रम में पारदेश्वर महादेव मंदिर शांत और पवित्र वातावरण में स्थित है।

मंदिर में पारद शिवलिंग को "ॐ" के प्रतीक, रुद्राक्ष, चाँदी के नाग और फूलों से सजाया जाता है। श्री गणेश, माता लक्ष्मी और माता सरस्वती की मूर्तियाँ भी इस स्थान को और पवित्र बनाती हैं।


**पारद शिवलिंग का महत्व**

पारद शिवलिंग को शिवपुराण और उपनिषदों में भगवान शिव का निर्गुण स्वरूप माना गया है। इसके लाभ:

1. **आध्यात्मिक उन्नति**: भगवान शिव से सीधा संबंध और आंतरिक शांति।
2. **सुख-समृद्धि**: धन और ऐश्वर्य में वृद्धि।
3. **स्वास्थ्य लाभ**: शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार।
4. **नकारात्मक ऊर्जा का नाश**: सकारात्मक ऊर्जा का संचार।
5. **ग्रह दोष निवारण**: नवग्रहों के अशुभ प्रभाव से मुक्ति।
6. **संतान प्राप्ति**: संतान सुख की प्राप्ति।

**पारद शिवलिंग की पूजा विधि**

1. स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें, पूजा स्थल को गंगाजल से शुद्ध करें।
2. पारद शिवलिंग को चौकी पर स्थापित करें।
3. पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद, शक्कर) से स्नान कराएँ।
4. बेलपत्र, फूल, चंदन और रुद्राक्ष से सजाएं।
5. "ॐ नमः शिवाय" या "महामृत्युंजय मंत्र" का जाप करें।
6. धूप-दीप जलाएँ, फल-मिठाई का भोग लगाएँ।
7. कपूर से आरती कर पूजा समाप्त करें।

**पारदेश्वर महादेव मंदिर का इतिहास**

ब्रह्मचारी आश्रम में भगवान शिव की भक्ति को बढ़ावा देने के लिए पारद शिवलिंग स्थापित हुआ। महाशिवरात्रि और सावन में विशेष पूजा और मेले आयोजित होते हैं। मंदिर परिसर में रुद्राक्ष का पेड़ भी आकर्षण का केंद्र है।

**कैसे पहुँचे?**

श्रीमाधोपुर, सीकर जिले में जयपुर से 80 किमी दूर है। सड़क या रेल मार्ग से पहुंचा जा सकता है। निकटतम रेलवे स्टेशन श्रीमाधोपुर है, जहां से ऑटो या टैक्सी उपलब्ध है।

**हर हर महादेव!**

श्रीमाधोपुर के पारद शिवलिंग की मैप लोकेशन - Map location of Parad Shivling Shrimadhopur



श्रीमाधोपुर के पारद शिवलिंग का वीडियो - Video of Parad Shivling Shrimadhopur



डिस्क्लेमर (Disclaimer)

इस लेख में शैक्षिक उद्देश्य के लिए दी गई जानकारी विभिन्न ऑनलाइन एवं ऑफलाइन स्रोतों से ली गई है जिनकी सटीकता एवं विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। आलेख की जानकारी को पाठक महज सूचना के तहत ही लें क्योंकि इसे आपको केवल जागरूक करने के उद्देश्य से लिखा गया है। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।
रमेश शर्मा

मेरा नाम रमेश शर्मा है। मैं एक रजिस्टर्ड फार्मासिस्ट हूँ। मेरी क्वालिफिकेशन M Pharm (Pharmaceutics), MSc (Computer Science), MA (History), PGDCA और CHMS है। मुझे ऐतिहासिक धरोहरों को करीब से देखना, इनके इतिहास के बारे में जानना और प्रकृति के करीब रहना बहुत पसंद है। मैं अक्सर किसी किले, महल, मंदिर, बावड़ी, छतरी, नदी, झरने, पहाड़, झील आदि के करीब चला जाता हूँ। मुझे अनजाने ऐतिहासिक तथ्यों की जानकारी देने के साथ ऐसी छोटी कविताएँ लिखने का भी शौक है जिनमें कुछ सन्देश छिपा हो। इसके अलावा, एक रजिस्टर्ड फार्मासिस्ट होने के नाते मुझे डिजीज, मेडिसिन्स, लाइफस्टाइल और हेल्थकेयर आदि के बारे में भी जानकारी है। अपनी शिक्षा और शौक की वजह से जो कुछ भी मैं जानता हूँ, मैं उसकी जानकारी ब्लॉग आर्टिकल और वीडियो के माध्यम से सभी को देता रहता हूँ। आप ShriMadhopur.com ब्लॉग से जुड़कर मेरे आर्टिकल पढ़ सकते हैं, साथ ही सभी सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर @ShriMadhopurWeb पर फॉलो भी कर सकते हैं।

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