Kamedi Boli Tarmak Tu Tu Tu Poem, इसमें कमेड़ी बोली टरमक टूँ टूँ टूँ शीर्षक से सार्वजनिक जीवन से प्रेरित एक हास्यपूर्ण राजस्थानी कविता की जानकारी है।
कमेड़ी बोली टरमक टूँ टूँ टूँ कविता के बोल - Lyrics of Kamedi Boli Tarmak Tu Tu Tu Poem
कमेड़ी बोली टरमक टूँ टूँ टूँ
साँची बात खूँ,
अरे साँची बात खूँ खूँ खूँ
कमेड़ी बोली टरमक टूँ टूँ टूँ
अरे हे... हे हे
सवामणी में जीमबा गया, मोहल्ला का दो साडू
लाडू खाताँ धाँसी आगी, गला में फँसगो लाडू
अरे, साडू खाँस खल्डखल्ड खूँ खूँ खूँ
कमेड़ी बोली टरमक टूँ टूँ टूँ
साँची बात खूँ,
अरे साँची बात खूँ खूँ खूँ
कमेड़ी बोली टरमक टूँ टूँ टूँ
अरे हे... हे हे
रात में अल्डी घाल र सोगो, म्हेल टांग पर टांग
सुबह अंधेर ऊठगो, जद मुर्गों दीन्यो बांग
अरे, मुर्गों बोल्यो कुकड़क कूँ कूँ कूँ
कमेड़ी बोली टरमक टूँ टूँ टूँ
कमेड़ी बोली टरमक टूँ टूँ टूँ
साँची बात खूँ,
अरे साँची बात खूँ खूँ खूँ
कमेड़ी बोली टरमक टूँ टूँ टूँ
अरे हे... हे हे
गयो जोधपुर जूती ल्याबा, जूती देखी भोत
जूती थोड़ी कल्डी आगी, चालता आव मोत
अरे, जूती बोली चरमक चूँ चूँ चूँ
कमेड़ी बोली टरमक टूँ टूँ टूँ
कमेड़ी बोली टरमक टूँ टूँ टूँ
साँची बात खूँ,
अरे साँची बात खूँ खूँ खूँ
कमेड़ी बोली टरमक टूँ टूँ टूँ
कमेड़ी बोली टरमक टूँ टूँ टूँ कविता का वीडियो - Video of Kamedi Boli Tarmak Tu Tu Tu Poem
अस्वीकरण (Disclaimer):
इस कविता की समस्त रचनात्मक सामग्री रमेश शर्मा की मौलिक रचना है। कविता में व्यक्त विचार, भावनाएँ और दृष्टिकोण लेखक के स्वयं के हैं। इस रचना की किसी भी प्रकार की नकल, पुनर्प्रकाशन या व्यावसायिक उपयोग लेखक की लिखित अनुमति के बिना वर्जित है।
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Poetry
