Jai Jai Rajasthan Poem, इसमें राजपूताना के रूप में राजस्थान के गौरवशाली इतिहास के साथ इसके वीरों और वीरांगनाओं के बारे में जानकारी दी गई है।
जय जय राजस्थान के बोल - Lyrics of Jai Jai Rajasthan Poem
रणबांकुरों की धरती है राजस्थान
इसमें पैदा हुए हैं कई वीर महान
झुकता था जिनके आगे जमाना
ऐसा था हमारा राजपूताना
इसी धरा पर सम्राट पृथ्वीराज ने
गोरी को धूल चटाई थी
आन, बान पर मिट गए
पर पीठ नही दिखाई थी
यहीं पर है गढ़ तो चित्तौड़गढ़
जिसमें मेवाड़ी तलवार लहराई थी
जाने किस मिट्टी से बने थे वो लोग
जिन्होंने हँसते-हँसते जान गवाई थी
मान मर्यादा की रक्षा के लिए
ऐसे-ऐसे काम कर जाते थे
कभी साके तो कभी जौहर करके
मिटा देते थे या मिट जाते थे
जहाँ कुम्भा ने संगीत और शिल्प को
ऊँचाई की बुलंदियों पर पहुँचाया
विजय स्तंभ और कुंभलगढ़ जैसी
बेमिसाल धरोहरों को बनवाया
जहाँ सांगा जैसा महायोद्धा हुआ
जिसने खाए युद्ध में 80 घाव
इसके आगे नही चलते थे
दुश्मनों के कोई भी दाव
यहाँ मीरा और करमेती जैसी जोगन हुई
और हुई पद्मिनी, कर्णावती जैसी रानियाँ
बेटे का बलिदान देने वाली पन्नाधाय हुई
घर-घर में गूँजती है जिनकी कहानियाँ
यहाँ वीर महाराणा प्रताप ने
स्वतंत्रता की अलख जलाई थी
अपने मान और सम्मान के लिए
महलों को ठुकराकर जंगल में रोटी खाई थी
यहाँ एक से बढ़कर एक हुए योद्धा
गोरा-बादल, जयमल-पत्ता और कल्लाजी
भामाशाह जैसा दानवीर हुआ
हुए रामसिंह, राणा पूंजा और मन्नाजी
यहाँ बलिदानी हाड़ी रानी ने
पति को कर्तव्य याद दिलाया था
पति चूंडावत ने जब मांगी सेनाणी
खुद शीश काटकर भिजवाया था
यहाँ है दुनिया का इकलौता ब्रह्मा मंदिर
और पुष्कर, लोहार्गल जैसे तीर्थस्थल
सांभर में नमक का विशाल समुन्दर
और दूर-दूर तक फैला हुआ मरुस्थल
यहाँ आकर ही महर्षि दयानंद सरस्वती
कालजयी ग्रंथ सत्यार्थ प्रकाश को रच गए
यहाँ आकर ही तो नरेन्द्रनाथ दत्त
विश्वप्रसिद्ध, स्वामी विवेकानंद बन गए
तो ये थी राजपूताने की गौरवशाली दास्तान
जो बनाती है इसे दुनिया में सबसे ज्यादा महान
हम राजस्थानियों के दिलों में है बस एक यही अरमान
सारी दुनिया हमारे साथ बोले, जय जय राजस्थान
जय जय राजस्थान का वीडियो - Video of Jai Jai Rajasthan Poem
अस्वीकरण (Disclaimer):
इस कविता की समस्त रचनात्मक सामग्री रमेश शर्मा की मौलिक रचना है। कविता में व्यक्त विचार, भावनाएँ और दृष्टिकोण लेखक के स्वयं के हैं। इस रचना की किसी भी प्रकार की नकल, पुनर्प्रकाशन या व्यावसायिक उपयोग लेखक की लिखित अनुमति के बिना वर्जित है।
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Poetry
