Meri Yaad Mein Aansu Poem, इसमें मेरी याद में आँसू नामक शीर्षक से जीवन के समाप्त होने के बाद अंतिम संस्कार के समय के माहौल के बारे में कल्पना की है।
मेरी याद में आँसू कविता के बोल - Lyrics of Meri Yaad Mein Aansu Poem
जीते जी जिन्हें मैं फूटी आँख न सुहाया
आज वो मेरी याद में आँसू बहा रहे हैं
जिन्होंने कभी हाथ मिलाने लायक न समझा
आज मुझे वो हाथ पकड़ के नहला रहे हैं।
मचा रहे हैं कोहराम और क्रंदन बनकर रुदाली
जिन्होंने आज तक समझा मुझे आवारा मवाली
समझकर एक बदनुमा दाग मुझको यूँ भुलाया
अपने आँचल की छाँव के लिए बहुत तरसाया।
बड़ी दूर दूर से सारे रिश्तेदार आ रहे हैं
अपनी उपस्थिति की जैसे कोई हाजिरी लगवा रहे हैं
कोई कहता है कि बहुत ही भोला और सीधा सादा था
कोई कहता है कि वो तो घर का एक उजाला था।
लोग बढ़ते गए और मजमा लगता गया
हर तरफ एक ही चर्चा थी कि वो चला गया
लोगों के चेहरों पे छाई हुई थी बनावटी उदासी
माहौल में छाई हुई थी एक अजीब सी बदहवासी।
वक्त गुजरने लगा और असलियत उजागर होने लगी
बदहवासी और उदासी न जाने कहा खोने लगी
जो लोग उदास थे वो कोनों में जाने लगे
मुझे भूलकर अपनी दुनिया में फिर खोने लगे।
सच है कि झूठ का लबादा ज्यादा टिकता नहीं
पर फिर भी झूठ के सामने सच कभी बिकता नहीं
जो दिखता है वही बिकता है यही दुनिया का दस्तूर है
झूठ को सच साबित करने में ज्यादातर सत्य ही मजबूर है।
लो मौसम ने ली अंगड़ाई और लगी बारिश भी होने
जैसे आसमान में घटाएँ भी लगी हो मैयत में रोने
कोई बोला कि जीते जी कुछ न किया और आज भी भिगो गया
जाते जाते भी ये बारिश की परेशानी खड़ी कर गया।
जो सर्दी में मरता तो अच्छा होता
कम से कम कोई मौसमी विघ्न तो न पड़ता
कोई कहने लगा कि सर्दी में मरने के हैं कई फायदे
ठण्ड नहीं लगती और जलती चिता से हाथ तापते।
जो बातें जीते जी समझ में न आई वो अब समझ में आ रही हैं
कौन अपना और कौन पराया है, हालत सब बतला रही हैं
खुश हूँ ये देखकर कि दिखावा ही सही, मेरे लिए रो तो रहे हैं
दुखी हूँ ये सोचकर कि हम अब चिर निद्रा में सो रहे हैं।
दुखी हूँ ये देखकर कि मेरी वजह से टूटे कई सपने
खुश हूँ ये सोचकर कि जैसे भी हो लेकिन है तो मेरे अपने
जो सम्मान मरने के बाद मिलता है वो अगर जीते जी मिले
जीवन सफल हो जाये और खुशियों के फूल हर तरफ खिले।
जीवन सफल हो जाये और खुशियों के फूल हर तरफ खिले।
मेरी याद में आँसू कविता का वीडियो - Video of Meri Yaad Mein Aansu Poem
अस्वीकरण (Disclaimer):
इस कविता की समस्त रचनात्मक सामग्री रमेश शर्मा की मौलिक रचना है। कविता में व्यक्त विचार, भावनाएँ और दृष्टिकोण लेखक के स्वयं के हैं। इस रचना की किसी भी प्रकार की नकल, पुनर्प्रकाशन या व्यावसायिक उपयोग लेखक की लिखित अनुमति के बिना वर्जित है।
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Poetry
