रातों का सूनापन कविता - Raaton Ka Soonapan Poem

Raaton Ka Soonapan Poem, इसमें रातों का सूनापन कविता के माध्यम से रिश्तों को लेकर एक लड़की के मन में उठती भावनाओं के बारे में जानकारी दी गई है।

Raaton Ka Soonapan Poem

रातों का सूनापन कविता के बोल - Lyrics of Raaton Ka Soonapan Poem


ये रातों का सूनापन, ये सन्नाटा
कब जाएगा मेरे मन से
कब तक चुराएगी नींदे मेरी
ये चिंताएँ।

क्यों सोचती हूँ उनके लिए
जिन्होंने मुझे तोड़ा है
आज मैं उन्हीं लोगों के लिए
व्याकुल हूँ
जिन्होंने मुझे यूँ इस हाल पे छोड़ा है।

क्या रिश्ते ऐसे होते हैं
जो अपनों को यूँ ठुकराते हैं
क्यूँ मुँह फेरा सबने मुझसे
मैंने तो परायों को भी अपना माना
दिए संस्कार माँ ने जो
उन सबको जी जान से निभाया।

जन्म लिया जिस घर में मैंने
छोड़ आई उन अपनों को
इस घर में आकर त्याग दिया
अपने सभी इच्छित सपनों को।


जो न किया माँ-बाप, भाई-बहन के लिए
सब कुछ किया इन परायों के लिए
कभी स्वीकारा नहीं दिल से इन्होंने
जिनको मैंने अपना माना।

क्या खता हुई मुझसे
ये समझ नहीं पाई हूँ
बहुत सी अनकही हरकतों से लगता है
मैं परायी थी और अभी भी पराई हूँ।

जब तक सर झुका कर
सारे आदेशों का पालन किया
तब तक सब खुश थे मुझसे
लेकिन जब मैंने जीना चाहा
तो सबने मुझको ठुकराया।

ऐसी जगह पर भी मुझे मिला
कोई एक मेरा अपना
जो हाथ पकड़ लाया घर में
वही समझता है मेरा सपना

उसने मुझे संबल देकर संभाला
इस रिश्ते को जी कर
मन को खुश कर लेती हूँ।
लेकिन फिर घबरा जाती हूँ

ये सोचकर
क्यों हो गए सभी पराये मुझसे
क्यों रिश्तों में खटास हुई
क्यों वापस नहीं मिल जाते हम
मिल जुल कर रहें सभी एक साथ
सही मायने में यही जीवन है।

यही सोचकर
रातों को मैं सो नहीं पाती हूँ
क्या बिखरे रिश्ते कभी वापस जुड़ पायेंगे
जो कर बैठे पराया मुझको

क्या कभी मुझे अपनाएँगे
मन बार-बार यही पूछता है कि
ये रातों का सूनापन, ये सन्नाटा
कब जाएगा मेरे मन से।

रातों का सूनापन कविता का वीडियो - Video of Raaton Ka Soonapan Poem



अस्वीकरण (Disclaimer):

इस कविता की समस्त रचनात्मक सामग्री रमेश शर्मा की मौलिक रचना है। कविता में व्यक्त विचार, भावनाएँ और दृष्टिकोण लेखक के स्वयं के हैं। इस रचना की किसी भी प्रकार की नकल, पुनर्प्रकाशन या व्यावसायिक उपयोग लेखक की लिखित अनुमति के बिना वर्जित है।
Ramesh Sharma

नमस्ते! मेरा नाम रमेश शर्मा है। मैं एक रजिस्टर्ड फार्मासिस्ट हूँ और मेरी शैक्षिक योग्यता में M Pharm (Pharmaceutics), MSc (Computer Science), MA (History), PGDCA और CHMS शामिल हैं। मुझे भारत की ऐतिहासिक धरोहरों और धार्मिक स्थलों को करीब से देखना, उनके पीछे छिपी कहानियों को जानना और प्रकृति की गोद में समय बिताना बेहद पसंद है। चाहे वह किला हो, महल, मंदिर, बावड़ी, छतरी, नदी, झरना, पहाड़ या झील, हर जगह मेरे लिए इतिहास और आस्था का अनमोल संगम है। इतिहास का विद्यार्थी होने की वजह से प्राचीन धरोहरों, स्थानीय संस्कृति और इतिहास के रहस्यों में मेरी गहरी रुचि है। मुझे खास आनंद तब आता है जब मैं कलियुग के देवता बाबा खाटू श्याम और उनकी पावन नगरी खाटू धाम से जुड़ी ज्ञानवर्धक और उपयोगी जानकारियाँ लोगों तक पहुँचा पाता हूँ। इसके साथ मुझे अलग-अलग एरिया के लोगों से मिलकर उनके जीवन, रहन-सहन, खान-पान, कला और संस्कृति आदि के बारे में जानना भी अच्छा लगता है। साथ ही मैं कई विषयों के ऊपर कविताएँ भी लिखने का शौकीन हूँ। एक फार्मासिस्ट होने के नाते मुझे रोग, दवाइयाँ, जीवनशैली और हेल्थकेयर से संबंधित विषयों की भी अच्छी जानकारी है। अपनी शिक्षा और रुचियों से अर्जित ज्ञान को मैं ब्लॉग आर्टिकल्स और वीडियो के माध्यम से आप सभी तक पहुँचाने का प्रयास करता हूँ। 📩 किसी भी जानकारी या संपर्क के लिए आप मुझे यहाँ लिख

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