महाशीर मछलियों के लिए प्रसिद्ध झील - Badi Lake Udaipur

महाशीर मछलियों के लिए प्रसिद्ध झील - Badi Lake Udaipur, इसमें महाराणा राज सिंह द्वारा बनवाई गई उदयपुर की प्रसिद्ध बड़ी झील के बारे में जानकारी दी गई है।

Badi Lake Udaipur

उदयपुर के पास पहाड़ों के बीच में बनी बड़ी झील काफी खूबसूरत है। यह झील पिकनिक डेस्टिनेशन होने के साथ-साथ एक ऐसी शानदार प्राकृतिक जगह है जहाँ पर आकर लोग शांति और सुकून पाते हैं।

32 फीट भराव क्षमता वाली यह झील सवा तीन वर्ग किलोमीटर एरिया में फैली हुई है। झील की पाल की लंबाई 200 मीटर और चौड़ाई 18 मीटर है। पाल पर तीन कलात्मक छतरियाँ बनी हुई हैं।

पाल से झील में नीचे उतरने के लिए सीढ़ियाँ मौजूद है। इन सीढ़ियों के पास भी एक छतरी है जो झील के पूरा भरने पर पानी में डूब जाती है।

झील में विश्व प्रसिद्ध महाशीर मछलियाँ पाई जाती हैं। यह झील पूरे विश्व में महाशीर के लिए समर्पित दूसरा और भारत का एकमात्र संरक्षित क्षेत्र है जिसे महाशीर कन्जर्वेशन रिजर्व बनाया गया है।

इस झील और इसके आसपास कई फिल्मों की शूटिंग और प्री वेडिंग शूट होते रहते हैं। लोकल पब्लिक यहाँ पिकनिक मनाने के लिए आती रहती है।

इस झील को महाराणा राज सिंह (1652–1680) ने अपनी माता जनादे की याद में बनवाया था। झील का मूल नाम महाराणा राज सिंह की माता के नाम पर जनासागर या जयना सागर रखा गया जो बड़ी गाँव के पास में होने की वजह से समय के साथ बड़ी तालाब या बड़ी लेक हो गया।

झील के निर्माण में उस समय लगभग 6 लाख रुपए खर्च हुए थे। झील के निर्माण की शुरुआत 15 नवंबर 1664 में हुई और 31 जनवरी 1669 में यह बनकर तैयार हुई।

झील को बनाने के पीछे एक खास मकसद यह था कि युद्ध के समय में जब उदयपुर के लोग इस एरिया में आकर रहें तब उनके लिए पानी की आपूर्ति इस झील से हो।



लेखक (Writer)

रमेश शर्मा {एम फार्म, एमएससी (कंप्यूटर साइंस), पीजीडीसीए, एमए (इतिहास), सीएचएमएस}

डिस्क्लेमर (Disclaimer)

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रमेश शर्मा

नमस्ते! मेरा नाम रमेश शर्मा है। मैं एक रजिस्टर्ड फार्मासिस्ट हूँ और मेरी शैक्षिक योग्यता में M Pharm (Pharmaceutics), MSc (Computer Science), MA (History), PGDCA और CHMS शामिल हैं। मुझे भारत की ऐतिहासिक धरोहरों और धार्मिक स्थलों को करीब से देखना, उनके पीछे छिपी कहानियों को जानना और प्रकृति की गोद में समय बिताना बेहद पसंद है। चाहे वह किला हो, महल, मंदिर, बावड़ी, छतरी, नदी, झरना, पहाड़ या झील – हर जगह मेरे लिए इतिहास और आस्था का अनमोल संगम है। इतिहास का विद्यार्थी होने की वजह से प्राचीन धरोहरों, स्थानीय संस्कृति और इतिहास के रहस्यों में मेरी गहरी रुचि है। मुझे खास आनंद तब आता है जब मैं कलियुग के देवता बाबा खाटू श्याम और उनकी पावन नगरी खाटू धाम से जुड़ी ज्ञानवर्धक और उपयोगी जानकारियाँ लोगों तक पहुँचा पाता हूँ। एक फार्मासिस्ट होने के नाते मुझे रोग, दवाइयाँ, जीवनशैली और हेल्थकेयर से संबंधित विषयों की भी अच्छी जानकारी है। अपनी शिक्षा और रुचियों से अर्जित ज्ञान को मैं ब्लॉग आर्टिकल्स और वीडियो के माध्यम से आप सभी तक पहुँचाने का प्रयास करता हूँ। 📩 किसी भी जानकारी या संपर्क के लिए आप मुझे यहाँ लिख सकते हैं: ramesh3460@gmail.com

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