महाराणा प्रताप और मानसिंह में इस जगह हुई समझौता वार्ता - Udai Sagar Lake History

महाराणा प्रताप और मानसिंह में इस जगह हुई समझौता वार्ता - Udai Sagar Lake History, इसमें हल्दीघाटी युद्ध से पहले उदयसागर पर हुई वार्ता की जानकारी है।

Udai Sagar Lake History

उदयपुर की उदयसागर झील का निर्माण महाराणा उदय सिंह ने 1559 ईस्वी में शुरू करवाया था। झील के साथ ही उन्होंने उदयश्याम मंदिर और संकट मोचन हनुमान मंदिर भी बनवाया था।

कहते हैं कि बाँध के ऊपर बनी पहाड़ी पर एक सिद्ध संत निवास करते थे जिनकी प्रेरणा से ही महाराणा उदय सिंह ने बाँध के पास भेरुजी का मंदिर, डबोक में धूणी माता का मंदिर और नांदवेल में शिव मंदिर बनवाया था।

झील के गेट के पास नहर के बगल में महाराणा जगत सिंह ने महल बनवाया था। महाराणा राज सिंह के समय औरंगजेब ने झील के आसपास बने कुछ मंदिर तुड़वा दिए थे।

महाराणा फतह सिंह ने झील के पास लकड़वास गाँव की मेड़ी मगरी पर उदयनिवास महल और शिकार के लिए कुछ बुर्ज बनवाई थी। मेड़ी मगरी आहड़ सभ्यता का स्थल है जहाँ से आहड़ सभ्यता के मृदभाण्डों के अवशेष मिले हैं। 

उदय सागर झील की पाल ही वो जगह है जहाँ पर हल्दीघाटी के युद्ध से पहले 1573 ईस्वी में महाराणा प्रताप से समझौता करने के लिए आए आमेर के युवराज मानसिंह के लिए भोज का आयोजन हुआ।

इस भोज में महाराणा प्रताप की जगह उनके पुत्र कुँवर अमर सिंह आए थे। महाराणा प्रताप के नहीं आने पर मानसिंह काफी नाराज हुआ था।



लेखक (Writer)

रमेश शर्मा {एम फार्म, एमएससी (कंप्यूटर साइंस), पीजीडीसीए, एमए (इतिहास), सीएचएमएस}

डिस्क्लेमर (Disclaimer)

इस लेख में शैक्षिक उद्देश्य के लिए दी गई जानकारी विभिन्न ऑनलाइन एवं ऑफलाइन स्रोतों से ली गई है जिनकी सटीकता एवं विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। आलेख की जानकारी को पाठक महज सूचना के तहत ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।
रमेश शर्मा

नमस्ते! मेरा नाम रमेश शर्मा है। मैं एक रजिस्टर्ड फार्मासिस्ट हूँ और मेरी शैक्षिक योग्यता में M Pharm (Pharmaceutics), MSc (Computer Science), MA (History), PGDCA और CHMS शामिल हैं। मुझे भारत की ऐतिहासिक धरोहरों और धार्मिक स्थलों को करीब से देखना, उनके पीछे छिपी कहानियों को जानना और प्रकृति की गोद में समय बिताना बेहद पसंद है। चाहे वह किला हो, महल, मंदिर, बावड़ी, छतरी, नदी, झरना, पहाड़ या झील – हर जगह मेरे लिए इतिहास और आस्था का अनमोल संगम है। इतिहास का विद्यार्थी होने की वजह से प्राचीन धरोहरों, स्थानीय संस्कृति और इतिहास के रहस्यों में मेरी गहरी रुचि है। मुझे खास आनंद तब आता है जब मैं कलियुग के देवता बाबा खाटू श्याम और उनकी पावन नगरी खाटू धाम से जुड़ी ज्ञानवर्धक और उपयोगी जानकारियाँ लोगों तक पहुँचा पाता हूँ। एक फार्मासिस्ट होने के नाते मुझे रोग, दवाइयाँ, जीवनशैली और हेल्थकेयर से संबंधित विषयों की भी अच्छी जानकारी है। अपनी शिक्षा और रुचियों से अर्जित ज्ञान को मैं ब्लॉग आर्टिकल्स और वीडियो के माध्यम से आप सभी तक पहुँचाने का प्रयास करता हूँ। 📩 किसी भी जानकारी या संपर्क के लिए आप मुझे यहाँ लिख सकते हैं: ramesh3460@gmail.com

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