महाराणा कुंभा की बेटी ने बनवाया रामनाथ मंदिर - Ramnath Mandir Jawar in Hindi

महाराणा कुंभा की बेटी ने बनवाया रामनाथ मंदिर - Ramnath Mandir Jawar in Hindi, इसमें उदयपुर के जावर कस्बे में बने रामनाथ मंदिर के बारे में जानकारी है।

Ramnath Mandir and Kund Jawar

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जावर में मुख्य सड़क के किनारे पर एक प्राचीन मंदिर बना हुआ है जिसके पास एक बड़ा ही शानदार कुंड है। इस मंदिर को रामनाथ मंदिर, रामेश्वर मंदिर या रामास्वामी विष्णु मंदिर कहा जाता है।

भगवान विष्णु को समर्पित यह मंदिर नागर शैली में बना हुआ पंचायतन मंदिर है। मंदिर परिसर में कुल पाँच मंदिर बने हैं जिनमें सबसे बीच में मुख्य मंदिर और इसके चारों कोनों पर चार छोटे मंदिर बने हैं।

ये सभी मंदिर 34 मीटर लंबे और 26 मीटर चौड़े परिसर में बने हुए हैं जो चारदीवारी से सुरक्षित किया हुआ है। 

मुख्य मंदिर के चारों कोनों पर मौजूद ये छोटे मंदिर गणेशजी, सूर्य देव, महिषासुरमर्दिनी और शिव-पार्वती के हैं। इन मंदिरों की बाहरी दीवारों पर कई सुंदर प्रतिमाएँ उकेरी हुई हैं।

परिसर का मुख्य मंदिर भगवान त्रिविक्रम को समर्पित है जो भगवान विष्णु का वामन अवतार रूप है। मंदिर के सामने वाहन स्थल में एक छतरी में गरुड़ जी की प्रतिमा विराजित है। 

मुख्य मंदिर में गर्भगृह के साथ अंतराल, सभामंडप और अर्धमंडप मौजूद हैं। मंदिर का गुम्बदाकार सभामंडप 32 खंभों पर टिका हुआ है।

मंदिर में काले पत्थर का एक शिलालेख लगा हुआ जिस पर संस्कृत भाषा में मंदिर के निर्माण और रमाबाई के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी दी हुई है। देखभाल नहीं होने से यह शिलालेख अब टूट चुका है।


मंदिर के गर्भगृह में भगवान त्रिविक्रम की भव्य प्रतिमा मौजूद है। यह प्रतिमा काले पत्थर की है जिसे परेबा पत्थर कहा जाता है।

मंदिर के सामने ही एक सुंदर जल कुंड बना है जिसकी तुलना भगवान विष्णु के क्षीरसागर से की गई है।

इस जलकुंड कि लंबाई 67 मीटर, चौड़ाई 26 मीटर और गहराई 9 मीटर है। कुंड की दीवारों पर बनी ताखों में देवी देवताओं की मूर्तियाँ विराजित हैं।

कुंड की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसमें चाहे जितना भी पानी आ जाए लेकिन इसका जल स्तर इसकी ताखों में लगी मूर्तियों की कमर से ऊपर नहीं जाता है।

रामनाथ मंदिर का इतिहास - History of Ramnath Temple


रामनाथ मंदिर का निर्माण महाराणा कुंभा की पुत्री रमाबाई ने विक्रम संवत 1554 यानी 1497 ईस्वी में करवाया था। इस समय मेवाड़ पर महाराणा कुंभा के पुत्र और रमाबाई के भाई महाराणा रायमल का शासन था।

रमाबाई का विवाह जूनागढ़ के राजा मांडलिक चतुर्थ के साथ हुआ था। ऐसा बताया जाता है कि रमाबाई की अपने पति से कुछ अनबन हो गई थी जिस वजह उन्होंने पूरी जिंदगी इस मंदिर में गुजार दी।

आपको बता दें कि रमाबाई ने इस मंदिर के अलावा कुम्भलगढ़ में अपने पति मांडलिक के कुलदेवता भगवान दामोदर का मंदिर भी बनवाया था।

रामनाथ मंदिर कैसे जाएँ? - How to reach Ramnath Temple?


अब हम बात करते हैं कि रामनाथ मंदिर कैसे जाएँ?

रामनाथ मंदिर उदयपुर के पास जावर कस्बे में नॉर्थ बारोई खदान से कुछ पहले मुख्य सड़क पर मौजूद है जिसकी उदयपुर रेलवे स्टेशन से दूरी लगभग 35 किलोमीटर है।

मंदिर तक बहुत बढ़िया सड़क बनी हुई है। यहाँ पर आप कार या बाइक से जा सकते हैं।

इस मंदिर तक जाने के लिए आपको उदयपुर-अहमदाबाद हाइवे पर लगभग 30 किलोमीटर दूर लेफ्ट साइड में टीडी बस स्टैन्ड तक जाना होगा।

इसके बाद टीडी बस स्टैन्ड से जावर रोड़ पर नॉर्थ बारोई खदान से पहले इस मंदिर तक जाना है।

आज के लिए बस इतना ही, उम्मीद है हमारे द्वारा दी गई जानकारी आपको जरूर पसंद आई होगी। कमेन्ट करके अपनी राय बताएँ।

इस तरह की नई-नई जानकारियों के लिए हमारे साथ बने रहें। जल्दी ही फिर से मिलते हैं एक नई जानकारी के साथ, तब तक के लिए धन्यवाद, नमस्कार।

रामनाथ मंदिर जावर की मैप लोकेशन - Map Location of Ramnath Mandir Jawar



रामनाथ मंदिर जावर का वीडियो - Video of Ramnath Mandir Jawar



रामनाथ मंदिर जावर की फोटो - Photos of Ramnath Mandir Jawar


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लेखक (Writer)

रमेश शर्मा {एम फार्म, एमएससी (कंप्यूटर साइंस), पीजीडीसीए, एमए (इतिहास), सीएचएमएस}

डिस्क्लेमर (Disclaimer)

इस लेख में शैक्षिक उद्देश्य के लिए दी गई जानकारी विभिन्न ऑनलाइन एवं ऑफलाइन स्रोतों से ली गई है जिनकी सटीकता एवं विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। आलेख की जानकारी को पाठक महज सूचना के तहत ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।
रमेश शर्मा

मेरा नाम रमेश शर्मा है। मैं एक रजिस्टर्ड फार्मासिस्ट हूँ। मेरी क्वालिफिकेशन M Pharm (Pharmaceutics), MSc (Computer Science), MA (History), PGDCA और CHMS है। मुझे पुरानी ऐतिहासिक धरोहरों को करीब से देखना, इनके इतिहास के बारे में जानना और प्रकृति के करीब रहना बहुत पसंद है। जब भी मुझे मौका मिलता है, मैं इनसे मिलने के लिए घर से निकल जाता हूँ। जिन धरोहरों को देखना मुझे पसंद है उनमें प्राचीन किले, महल, बावड़ियाँ, मंदिर, छतरियाँ, पहाड़, झील, नदियाँ आदि प्रमुख हैं। जिन धरोहरों को मैं देखता हूँ, उन्हें ब्लॉग और वीडियो के माध्यम से आप तक भी पहुँचाता हूँ ताकि आप भी मेरे अनुभव से थोड़ा बहुत लाभ उठा सकें। जैसा कि मैंने आपको बताया कि मैं एक रजिस्टर्ड फार्मासिस्ट भी हूँ इसलिए मैं लोगों को वीडियो और ब्लॉग के माध्यम से स्वास्थ्य संबंधी उपयोगी जानकारियाँ भी देता रहता हूँ। आप ShriMadhopur.com ब्लॉग से जुड़कर ट्रैवल और हेल्थ से संबंधित मेरे लेख पढ़ सकते हैं।

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