जावर के जैन मंदिरों के अवशेष - Jain Mandir Jawar Udaipur, इसमें उदयपुर के पास जावर माइंस के अंदर मौजूद प्राचीन जैन मंदिरों की जानकारी दी गई है।
उदयपुर के जावर कस्बे में ईसा से पहले ही यानी दो हजार सालों से पहले ही चाँदी और जस्ते की माइनिंग शुरू हो गई थी। धीरे-धीरे यहाँ पर जैन व्यापारियों ने रहना शुरू कर दिया जिससे इस कस्बे का विकास हुआ।
समय के साथ इन व्यापारियों ने कई जैन मंदिरों का निर्माण करवाया जिनमें से कइयों के अवशेष आज भी जावर में मौजूद हैं।
इन मंदिरों में नॉर्थ बारोई खदान के पास पंचबलायती जैन मंदिर और पार्श्वनाथ मंदिर अपने समय के प्रसिद्ध मंदिर थे।
पंचबलायती मंदिर दिगम्बर जैन धर्म को समर्पित माना जाता है जिसके लंबे गर्भगृह में किसी समय पाँच जैन तीर्थंकरों की मूर्तियाँ थी जिनमें महावीर स्वामी, पार्श्वनाथ, नेमिनाथ, मल्लिनाथ और वसुपूज्य शामिल थे।
पंचबलायती जैन मंदिर के पास एक परिसर में पार्श्वनाथ जैन मंदिर के अवशेष मौजूद हैं। इस परिसर में दो मंदिर बने हैं जिनके शिखर और गर्भगृह अभी भी सुरक्षित हैं।
इन मंदिरों के सभामंडप नष्ट हो चुके हैं लेकिन सभामंडप के स्तम्भ अभी भी सुरक्षित हैं। पास ही एक चबूतरे पर कुछ स्तंभों और तोरण के अवशेष हैं।
पार्श्वनाथ मंदिर के सामने की तरफ सड़क के किनारे और उससे थोड़ा आगे एकदम जर्जर अवस्था में कुछ और जैन मंदिर मौजूद हैं। ये मंदिर इतने ज्यादा जर्जर हो चुके हैं कि कभी भी गिर सकते हैं।
इन मंदिरों के आसपास चारों तरफ घास और जंगली पौधे उग गए हैं जिनके अंदर आपको कई सुंदर प्रतिमाओं के अवशेष नजर आ जाएँगे।
लेखक (Writer)
रमेश शर्मा {एम फार्म, एमएससी (कंप्यूटर साइंस), पीजीडीसीए, एमए (इतिहास), सीएचएमएस}
डिस्क्लेमर (Disclaimer)
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