भोलेनाथ ने परशुरामजी को इस गुफा में दिया धनुष - Parshuram Mahadev

भोलेनाथ ने परशुरामजी को इस गुफा में दिया धनुष - Parshuram Mahadev, इसमें कुम्भलगढ़ के जंगल में परशुराम महादेव गुफा मंदिर के बारे में जानकारी दी गई है।

Parshuram Mahadev

कुम्भलगढ़ के पास अरावली की पहाड़ियों के बीच समुद्र तल से 4000 फीट ऊँचाई पर एक गुफा में परशुराम महादेव का मंदिर है। ऐसी मान्यता है कि इस गुफा मंदिर का निर्माण भगवान परशुराम ने त्रेता युग में अपने फरसे से किया था।

ऐसा कहा जाता है कि अपनी माता की हत्या के पाप से मुक्ति के लिए मातृकुण्डिया नदी में स्नान करके परशुरामजी गुफा के रास्ते इस जगह पर आये थे।

इस गुफा में उन्होंने भोलेनाथ की तपस्या की जिसके बाद शिवजी ने प्रसन्न होकर उन्हें एक धनुष दिया। परशुरामजी ने इस धनुष को राजा जनक के पास रख दिया था।

जब भगवान राम ने राजा जनक की पुत्री सीता के लिए हुए स्वयंवर में इस शिव धनुष को तोड़ा था तब परशुरामजी वहां आये थे और बहुत नाराज हुए थे।

कहते हैं कि त्रेता युग से ही यह गुफा परशुराम महादेव गुफा के नाम से प्रसिद्ध है। इस गुफा की लम्बाई लगभग साढ़े तीन किलोमीटर बताई जाती है जिसका दूसरा छोर वैरों का मठ नाम की जगह पर है।

यह वही जगह है जहाँ से बनास नदी शुरू होती है और कहते हैं कि इस जगह पर ही परशुरामजी ने महाबली कर्ण को शिक्षा भी दी थी।

बारिश के मौसम में गुफा के अंदर और बाहर पानी बहने लग जाता है। शिवलिंग के ऊपर गोमुख जैसी आकृति से लगातार पानी गिरता रहता है जिससे पूरे साल भोलेनाथ का अभिषेक होता रहता है।

इस जगह पर हर साल सावन सुदी छठ से तीन दिवसीय मेले की शुरुआत होती है जिसमें लाखों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं।

ऐसा बताया जाता है कि पुराने समय में इस मंदिर तक पहुँचने का रास्ता काफी कठिन था। पुजारी केशवपुरी महाराज महीने में एक बार दीपक करने आते थे।


नवलपुरी महाराज ने 1952 में गुफा के अंदर माता पार्वती की प्रतिमा की स्थापना की। 1992 में मंदिर के विकास के लिए परशुराम महादेव सेवा मंडल ट्रस्ट बना जिसमें मंदिर तक जाने के लिए सड़क और सीढ़ियाँ बनवाकर रास्ते को आसान बनवाया।

गुफा मंदिर तक जाने के दो रास्ते हैं जिनमें एक मेवाड़ की तरफ से फूटा देवल होकर और दूसरा मारवाड़ की तरफ से कुंडधाम होकर है।

ध्यान रहे फूटा देवल से जाने पर पहाड़ से नीचे उतरना है जबकि कुंडधाम से जाने पर पहाड़ चढ़ना पड़ता है। वैसे दोनों तरफ से जाने का अपना एक अलग ही मजा है। फूटा देवल में आप कल्पवृक्ष के तो कुंडधाम में पानी से भरे कुंड देख सकते हैं।

परशुराम महादेव गुफा की मैप लोकेशन - Map location of Parshuram Mahadev Cave



परशुराम महादेव गुफा का वीडियो - Video of Parshuram Mahadev Cave



लेखक (Writer)

रमेश शर्मा {एम फार्म, एमएससी (कंप्यूटर साइंस), पीजीडीसीए, एमए (इतिहास), सीएचएमएस}

डिस्क्लेमर (Disclaimer)

इस लेख में शैक्षिक उद्देश्य के लिए दी गई जानकारी विभिन्न ऑनलाइन एवं ऑफलाइन स्रोतों से ली गई है जिनकी सटीकता एवं विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। आलेख की जानकारी को पाठक महज सूचना के तहत ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।
रमेश शर्मा

मेरा नाम रमेश शर्मा है। मैं एक रजिस्टर्ड फार्मासिस्ट हूँ। मेरी क्वालिफिकेशन M Pharm (Pharmaceutics), MSc (Computer Science), MA (History), PGDCA और CHMS है। मुझे पुरानी ऐतिहासिक धरोहरों को करीब से देखना, इनके इतिहास के बारे में जानना और प्रकृति के करीब रहना बहुत पसंद है। जब भी मुझे मौका मिलता है, मैं इनसे मिलने के लिए घर से निकल जाता हूँ। जिन धरोहरों को देखना मुझे पसंद है उनमें प्राचीन किले, महल, बावड़ियाँ, मंदिर, छतरियाँ, पहाड़, झील, नदियाँ आदि प्रमुख हैं। जिन धरोहरों को मैं देखता हूँ, उन्हें ब्लॉग और वीडियो के माध्यम से आप तक भी पहुँचाता हूँ ताकि आप भी मेरे अनुभव से थोड़ा बहुत लाभ उठा सकें। जैसा कि मैंने आपको बताया कि मैं एक रजिस्टर्ड फार्मासिस्ट भी हूँ इसलिए मैं लोगों को वीडियो और ब्लॉग के माध्यम से स्वास्थ्य संबंधी उपयोगी जानकारियाँ भी देता रहता हूँ। आप ShriMadhopur.com ब्लॉग से जुड़कर ट्रैवल और हेल्थ से संबंधित मेरे लेख पढ़ सकते हैं।

एक टिप्पणी भेजें

और नया पुराने