उज्जैन के महाकाल मंदिर की तरह उदयपुर के महाकालेश्वर - Mahakaleshwar Temple Udaipur, इसमें उदयपुर में नौ सौ साल पुराने महाकाल मंदिर की जानकारी दी गई है।
उदयपुर में फतहसागर झील के किनारे पर भोलेनाथ का एक ऐसा मंदिर है जिसका विधि विधान उज्जैन के महाकाल जैसा है। मंदिर में काले पत्थर का अपने आप प्रकट हुआ स्वयंभू शिवलिंग है।
महाकालेश्वर के नाम से प्रसिद्ध इस मंदिर में यह स्वयंभू शिवलिंग 900 साल से भी ज्यादा पुराना है। ऐसा कहा जाता है कि शिवभक्त संत गुरु गोरखनाथ ने भी इस शिवलिंग की पूजा की थी।
मंदिर कई कामों में उज्जैन के महाकाल मंदिर की तरह है। बताया जाता है कि इस मंदिर में भी उज्जैन की तरह ही काल गणना होती थी क्योंकि इस जगह से गृह नक्षत्र साफ दिखाई देते हैं।
मंदिर में काल गणना के लिए नवग्रह मंडल की स्थापना भी की गई है। मंदिर की एक खास बात ये है कि इसमें सुबह, दोपहर, शाम और रात के समय भोलेनाथ के अलग-अलग रंग और स्वरूप में दर्शन होते हैं।
सुबह मंगला दर्शन के समय बाल स्वरूप, दोपहर दर्शन में युवा स्वरूप, शाम के दर्शन में पूर्ण विग्रह स्वरूप और रात में वृद्ध स्वरूप में दर्शन देते हैं।
सफेद मार्बल से बने इस मंदिर के परिसर में अन्य देवताओं को समर्पित कई दूसरे छोटे मंदिर और भी हैं। मंदिर में संत भोलानाथ की जीवित समाधि और प्राचीन धूणा भी है।
मंदिर के पास एक गुफा बनी है जिसमें भगवान शिव के अनोखे दर्शन होते हैं। सावन में इस मंदिर से भोलेनाथ की शाही ठाठ बाट के साथ सवारी निकाली जाती है जिसमें भोलेनाथ को नगर भ्रमण कराया जाता है।
माना जाता है कि स्वयंभू शिवलिंग की पूजा अर्चना और जलाभिषेक काफी फलदाई होते हैं। अपनी भव्यता और धार्मिक महत्त्व के लिए प्रसिद्ध इस मंदिर में आने वाले सभी भक्तों की मनोकामनाएँ पूरी होती है।
उदयपुर में फतेहसागर के पास रानी रोड़ पर मौजूद महाकाल के इस मंदिर की रेलवे स्टेशन से दूरी लगभग 6 किलोमीटर है।
महाकालेश्वर मंदिर उदयपुर की मैप लोकेशन - Map location of Mahakaleshwar Temple Udaipur
महाकालेश्वर मंदिर उदयपुर का वीडियो - Video of Mahakaleshwar Temple Udaipur
लेखक (Writer)
रमेश शर्मा {एम फार्म, एमएससी (कंप्यूटर साइंस), पीजीडीसीए, एमए (इतिहास), सीएचएमएस}
डिस्क्लेमर (Disclaimer)
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