दिशा बदलते शिवलिंग के पास शानदार झरना - Maleshwar Mahadev Waterfall

दिशा बदलते शिवलिंग के पास शानदार झरना - Maleshwar Mahadev Waterfall, इसमें सामोद के महारकलां में मौजूद मालेश्वर महादेव और आसपास के झरनों की जानकारी है।

Maleshwar Mahadev Waterfall

जयपुर में सामोद के पास महारकलां गाँव में अरावली की गोद में मौजूद मालेश्वर महादेव धाम सूर्य की दिशा में घूमने वाले स्वयंभू शिवलिंग के साथ बारिश के मौसम में बहते झरनों के लिए विशेष रूप से प्रसिद्ध है।

बताया जाता है कि यहाँ पर मौजूद स्वयंभू शिवलिंग हर छह महीने में सूर्य की गति के साथ अपनी दिशा बदल लेता है।

बरसात के मौसम में मंदिर के सामने एक झरना बहता है, जो सावन में श्रद्धालुओं को सबसे ज्यादा आकर्षित करता है।

ये झरना इस एरिया में बहने वाले सभी झरनों में सबसे बड़ा और मुख्य है। ऐसी मान्यता है कि इस झरने में स्नान करने से भोलेनाथ प्रसन्न होते हैं।

मंदिर के आसपास की पहाड़ियों में छोटे बड़े कुछ और झरने भी बहते हैं जिनमें से लक्ष्मीनारायण मंदिर के बगल से आगे जाने पर पहाड़ों की तलहटी में बहने वाला झरना देखने लायक है।

पहाड़ों के बीच बहते झरने और मंदिर के बगल में मौजूद चार प्राकृतिक कुंड इस जगह को देखने लायक बना देते हैं।

ये झरने नेचर लवर्स और तीर्थयात्रियों दोनों को काफी आकर्षित करते हैं इसलिए सावन के महीने में इस जगह पर शिवभक्तों के साथ मौज मस्ती करने वालों की भारी भीड़ लगी रहती है।


अगर हम इस जगह के इतिहास के बारे में बात करें तो यह जगह पौराणिक काल में राजा सहस्रबाहु की माहिष्मति नगरी का हिस्सा हुआ करती थी। मुगल काल में इस मंदिर को नुकसान भी पहुँचाया गया था।

मालेश्वर की प्राकृतिक सुंदरता ने बॉलीवुड को भी लुभाया है जिस वजह से इस जगह पर बटवारा, करण अर्जुन, दाता, लोहा, युगांधर, इतिहास, मेहंदी, मैदान-ए-जंग, बीस साल बाद, कोयला, सोल्जर, औजार जैसी फिल्मों की शूटिंग हुई है।

मालेश्वर महादेव धाम प्रकृति और आध्यात्म का एक अनोखा मिलन है जहाँ पर जाने से आपको शांति और सुकून के साथ महादेव का आशीर्वाद भी मिलता है।

मालेश्वर महादेव के झरने की मैप लोकेशन - Map location of Maleshwar Mahadev Waterfall



मालेश्वर महादेव के झरने का वीडियो - Video of Maleshwar Mahadev Waterfall



डिस्क्लेमर (Disclaimer)

इस लेख में शैक्षिक उद्देश्य के लिए दी गई जानकारी विभिन्न ऑनलाइन एवं ऑफलाइन स्रोतों से ली गई है जिनकी सटीकता एवं विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। आलेख की जानकारी को पाठक महज सूचना के तहत ही लें क्योंकि इसे आपको केवल जागरूक करने के उद्देश्य से लिखा गया है। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।
रमेश शर्मा

मेरा नाम रमेश शर्मा है। मैं एक रजिस्टर्ड फार्मासिस्ट हूँ। मेरी क्वालिफिकेशन M Pharm (Pharmaceutics), MSc (Computer Science), MA (History), PGDCA और CHMS है। मुझे ऐतिहासिक धरोहरों को करीब से देखना, इनके इतिहास के बारे में जानना और प्रकृति के करीब रहना बहुत पसंद है। मैं अक्सर किसी किले, महल, मंदिर, बावड़ी, छतरी, नदी, झरने, पहाड़, झील आदि के करीब चला जाता हूँ। मुझे अनजाने ऐतिहासिक तथ्यों की जानकारी देने के साथ ऐसी छोटी कविताएँ लिखने का भी शौक है जिनमें कुछ सन्देश छिपा हो। इसके अलावा, एक रजिस्टर्ड फार्मासिस्ट होने के नाते मुझे डिजीज, मेडिसिन्स, लाइफस्टाइल और हेल्थकेयर आदि के बारे में भी जानकारी है। अपनी शिक्षा और शौक की वजह से जो कुछ भी मैं जानता हूँ, मैं उसकी जानकारी ब्लॉग आर्टिकल और वीडियो के माध्यम से सभी को देता रहता हूँ। आप ShriMadhopur.com ब्लॉग से जुड़कर मेरे आर्टिकल पढ़ सकते हैं, साथ ही सभी सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर @ShriMadhopurWeb पर फॉलो भी कर सकते हैं।

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