Nahi Socha Tha Poem, इसमें नहीं सोचा था नामक शीर्षक से एक कविता है जिसमें एक भावुक इंसान के रिश्तों और जीवन की कशमकश के बीच के तनाव को बताया गया है।
नहीं सोचा था कविता के बोल - Lyrics of Nahi Socha Tha Poem
नहीं सोचा था,
कि जिंदगी में ऐसा दौर भी आएगा
जब जीवन अंधेरे में डूब जायेगा
कहीं भी उजाला नजर नहीं आयेगा
मन हद से ज्यादा आशंकित हो जायेगा
गुजरता, बीतता, एक-एक पल डराएगा
नहीं सोचा था,
कि जिंदगी में ऐसा दौर भी आएगा
जब कुछ भी समझ में नहीं आयेगा
मन हमेशा किसी सोच में डूबा रहेगा
मेहनत बेअसर, भाग्य रूठ जायेगा
सोना भी छुआ तो मिट्टी बन जायेगा
नहीं सोचा था,
कि जिंदगी में ऐसा दौर भी आएगा
जब घर और परिवार छूट जायेगा
जैसे अकेला आया था, वैसे अकेला रह जायेगा
उम्मीद और भरोसा, टूट के बिखर जायेगा
दिल किसी पर भी यकीन नहीं कर पायेगा
नहीं सोचा था,
कि जिंदगी में ऐसा दौर भी आएगा
जब जीवन के इस मोड़ पे भटकता रह जायेगा
जीने की चाहत से दूर होता जायेगा
तू अब तक समझ नहीं आया, आगे भी नहीं आयेगा
शायद यही तेरी किस्मत, तू यूँ ही गुजर जायेगा
नहीं सोचा था,
कि जिंदगी में ऐसा दौर भी आएगा
नहीं सोचा था,
कि जिंदगी में ऐसा दौर भी आएगा
नहीं सोचा था कविता का वीडियो - Video of Nahi Socha Tha Poem
अस्वीकरण (Disclaimer):
इस कविता की समस्त रचनात्मक सामग्री रमेश शर्मा की मौलिक रचना है। कविता में व्यक्त विचार, भावनाएँ और दृष्टिकोण लेखक के स्वयं के हैं। इस रचना की किसी भी प्रकार की नकल, पुनर्प्रकाशन या व्यावसायिक उपयोग लेखक की लिखित अनुमति के बिना वर्जित है।
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Poetry
