Main Hoon Vidyarthi Poem, इसमें मैं हूँ विद्यार्थी नामक शीर्षक से एक कविता है जिसमें विद्यार्थी जीवन की सोच को व्यंगात्मक तरीके से बताया गया है।
मैं हूँ विद्यार्थी कविता के बोल - Lyrics of Main Hoon Vidyarthi Poem
जय माँ भारती
मैं हूँ विद्यार्थी
आया शरण में तेरी
अरज तू सुन ले मेरी
देखते देखते साल चला गया
जाते जाते मुझे जला गया
इस साल मैं पढ़ नहीं पाया
मजे भी कर नहीं पाया
अब बेड़ा पार लगा दे माँ
मुझे पास करा दे माँ
जय माँ भारती
मैं हूँ विद्यार्थी
किससे करूँ मेरे मन की बात
दोस्त भी माथा पकड़े रोये दिन रात
मैं बोला यार मैं तो पढ़ नहीं पाया
वो बोला यार मैं भी पढ़ नहीं पाया
सारे बोले यार हम तो पढ़ नहीं पाए
कोरस में सारे रोये हाये हाये हाये,
रोने को याहू में बदलवा दे माँ
मुझे पास करा दे माँ
जय माँ भारती
मैं हूँ विद्यार्थी
लगा था इस साल
बिना पढ़े लिखे ही
पास हो जाऊँगा
लेकिन एग्जाम हुई तो
कुछ नहीं लिख पाऊंगा
अपना जादू चला दे माँ
मुझे पास करा दे माँ
जय माँ भारती
मैं हूँ विद्यार्थी
अगर एग्जाम हुई
डब्बा गोल हो जायेगा
तेरा ये भक्त
कहाँ मुँह छिपायेगा
दंडवत प्रणाम करके
नारियल चढ़ाऊंगा
अगरबत्ती जलाऊंगा
भक्ति की शक्ति दिखा दे माँ
मुझे पास करा दे माँ
जय माँ भारती
मैं हूँ विद्यार्थी
जय माँ भारती
मैं हूँ विद्यार्थी
मैं हूँ विद्यार्थी कविता का वीडियो - Video of Main Hoon Vidyarthi Poem
अस्वीकरण (Disclaimer):
इस कविता की समस्त रचनात्मक सामग्री रमेश शर्मा की मौलिक रचना है। कविता में व्यक्त विचार, भावनाएँ और दृष्टिकोण लेखक के स्वयं के हैं। इस रचना की किसी भी प्रकार की नकल, पुनर्प्रकाशन या व्यावसायिक उपयोग लेखक की लिखित अनुमति के बिना वर्जित है।
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Poetry
