Bachpan Ki Befikri Poem, इसमें बचपन की बेफिक्री कविता के माध्यम से इंसान के बचपन को लेकर मन में उठती भावनाओं के बारे में जानकारी दी गई है।
बचपन की बेफिक्री कविता के बोल - Lyrics of Bachpan Ki Befikri Poem
न अपनो की चिंता, न परायों की फिकर
बात-बात पर इठलाकर बातें मनवाने का हठ
भोलेपन और मासूमियत में पूछे गए अनगिनत सवाल
उत्तर न मिलने पर बारम्बार वही पूछने का खयाल
यही बचपन की बेफिक्री और भोलापन है।
छुप-छुप कर घर से बाहर निकल कर माटी में खेलना
कपड़े गंदे करके घर लौटकर माँ की ड़ाँट खाना
वादा करना ऐसा नहीं होगा लेकिन फिर वही करना
माँ का हर बार नासमझ बनने का दिखावा करना
यही बचपन की बेफिक्री और भोलापन है।
तुतलाती आवाज में दोस्तों की शिकायत करके चिढ़ाना
दोस्तों से रूठना और वापस उनके साथ हँसना खेलना
अपनी माँ को दुनिया की सबसे अच्छी माँ बतलाना
माँ में ही और माँ के ही आसपास दुनिया को समझना
यही बचपन की बेफिक्री और भोलापन है।
स्कूल न जाने के लिए तरह-तरह के बहाने बनाना
कभी सिर दर्द, कभी पेट दर्द और कभी जीभ दिखाना
नित्य-कर्म के कामों में बेवजह अधिक समय लगाना
स्कूल में देरी हो जाने के आखिरी कारण की पैरवी करना
यही बचपन की बेफिक्री और भोलापन है।
न धन का मोह और न माया का लालच
न कोई फिक्र और न ही कोई चाहत
कोई चॉकलेट दिला दे तो वो देवदूत समान सुहावना
अगर चॉकलेट नहीं दिलाये तो यमदूत समान ड़रावना
यही बचपन की बेफिक्री और भोलापन है।
न जात का पता न धरम को जाने
हर इंसान को अपने जैसा ही इंसान माने
दोस्तों की दुनिया और खेल ही लगे सुहाने
केवल दोस्त और दोस्ती को दिल पहचाने
यही बचपन की बेफिक्री और भोलापन है।
जब से बचपन बीता है अब तो ये आलम है
ऐसा लगता है कि दुनिया में फिर से नया जनम है
सभी लोग दुनियादारी सिखाने में लगे हुए हैं
जाति, धर्म, बिरादरी के बारे में बतलाने लगे हैं
दुनिया के हिसाब से जीओगे तो समझदार कहलाओगे
अगर अपने हिसाब से जीओगे तो नासमझ बन जाओगे
मुझे अपने हिसाब से बच्चा बनकर जीना है
बचपन के उस अमृत को फिर से पीना है
मुझे बचपन की बेफिक्री और भोलापन में जीना है।
बचपन की बेफिक्री कविता का वीडियो - Video of Bachpan Ki Befikri Poem
अस्वीकरण (Disclaimer):
इस कविता की समस्त रचनात्मक सामग्री रमेश शर्मा की मौलिक रचना है। कविता में व्यक्त विचार, भावनाएँ और दृष्टिकोण लेखक के स्वयं के हैं। इस रचना की किसी भी प्रकार की नकल, पुनर्प्रकाशन या व्यावसायिक उपयोग लेखक की लिखित अनुमति के बिना वर्जित है।
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Poetry
