दाँत माता का चमत्कारी मंदिर - Dant Mata

दाँत माता का चमत्कारी मंदिर - Dant Mata, इसमें जयपुर के जमवारामगढ़ में पहाड़ी पर मौजूद दाँत माता के मंदिर के बारे में सम्पूर्ण जानकारी दी गई है।

Dant Mata

जयपुर के पास जमवारामगढ़ कस्बे में एक पहाड़ी पर सत्रह सौ साल से भी ज्यादा पुराना दाँत माता का बड़ा चमत्कारी मंदिर है।

इस मंदिर का निर्माण 1700 साल पहले सीहरा या सीर्रा राजवंश के राजा राव सींगोजी या सोंगोजी ने करवाया था तब से ये इस वंश के लोग माताजी को कुलदेवी के रूप में पूजते हैं।

आपको बता दें कि जमवारामगढ़ का प्राचीन नाम माँच नगर था जिस पर सीहरा राजवंश के मीणा राजाओं का शासन था।

माता का यह मंदिर 500 फीट ऊँचाई पर पहाड़ की चट्टानों के बीच एक तलहटी में विशाल शिला पर बना हुआ है। लोकल लैंग्वेज में पहाड़ी की इस तरह की तलहटी को दाँती कहते हैं। पहाड़ी की दाँती में होने के कारण इस मंदिर को दाँत माता के नाम से जाना जाने लगा।

दाँत माता नाम के पीछे ऐसी भी मान्यता है कि जब बच्चे के दाँत ठीक से नहीं निकलते हैं, तब माता के दरबार में आकर मन्नत मांगने से दाँत निकलने की मनोकामना पूरी हो जाती है।


नीचे से पहाड़ी के ऊपर मंदिर तक जाने के लिए टीनशेड से कवर्ड 400 सीढ़ियाँ चढ़नी पड़ती हैं। ऊपर मंदिर के गर्भगृह में माताजी अपने सुन्दर स्वयंभू स्वरूप में विराजमान हैं।

माताजी के इस जगह पर विराजित होने के पीछे ऐसी मान्यता है कि एक बार माता सोने के रथ पर सवार होकर पहाड़ी पर से जा रही थी।

जाते समय उन पर पशु चरा रहे कुछ ग्वालों की नजर पड़ गई जिस वजह से माताजी अपने रथ के साथ पहाड़ी में इस जगह पर विलीन हो गई और केवल रथ का ऊपरी आगे वाला हिस्सा ही बाहर रहा।

उस समय से ही माता के रथ के आगे के ऊपरी हिस्से की पूजा अर्चना माताजी के रूप में होती आ रही है। मतलब आज जो हम माता का स्वयंभू स्वरुप देखते हैं वो दरअसल माता के रथ के आगे का ऊपरी हिस्सा है।

मंदिर के आसपास का एरिया भी बहुत सिद्ध स्थान माना जाता है क्योंकि इस जगह पर कई संत महात्माओं ने माता की तपस्या करके कई तरह की सिद्धियाँ प्राप्त की है।

नीचे सीढ़ियों की शुरुआत वाली जगह के पास प्राचीन माँच नगर के सीहरा मीणा राजा, राव मेदा की घोड़े पर सवारी करते हुए की प्रतिमा है। इस जगह को मेदा मीणा का मंदिर भी कहते हैं।

नवरात्रों में माताजी का मेला लगता है जिसमें चैत्र नवरात्र की अष्टमी का मेला काफी बड़ा होता है और ये दाँत माता के मेले के नाम से प्रसिद्ध है।

दाँत माता मंदिर की मैप लोकेशन - Map location of Dant Mata Mandir



दाँत माता मंदिर का वीडियो - Video of Dant Mata Mandir



लेखक (Writer)

रमेश शर्मा {एम फार्म, एमएससी (कंप्यूटर साइंस), पीजीडीसीए, एमए (इतिहास), सीएचएमएस}

डिस्क्लेमर (Disclaimer)

इस लेख में शैक्षिक उद्देश्य के लिए दी गई जानकारी विभिन्न ऑनलाइन एवं ऑफलाइन स्रोतों से ली गई है जिनकी सटीकता एवं विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। आलेख की जानकारी को पाठक महज सूचना के तहत ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।
रमेश शर्मा

मेरा नाम रमेश शर्मा है। मैं एक रजिस्टर्ड फार्मासिस्ट हूँ। मेरी क्वालिफिकेशन M Pharm (Pharmaceutics), MSc (Computer Science), MA (History), PGDCA और CHMS है। मुझे पुरानी ऐतिहासिक धरोहरों को करीब से देखना, इनके इतिहास के बारे में जानना और प्रकृति के करीब रहना बहुत पसंद है। जब भी मुझे मौका मिलता है, मैं इनसे मिलने के लिए घर से निकल जाता हूँ। जिन धरोहरों को देखना मुझे पसंद है उनमें प्राचीन किले, महल, बावड़ियाँ, मंदिर, छतरियाँ, पहाड़, झील, नदियाँ आदि प्रमुख हैं। जिन धरोहरों को मैं देखता हूँ, उन्हें ब्लॉग और वीडियो के माध्यम से आप तक भी पहुँचाता हूँ ताकि आप भी मेरे अनुभव से थोड़ा बहुत लाभ उठा सकें। जैसा कि मैंने आपको बताया कि मैं एक रजिस्टर्ड फार्मासिस्ट भी हूँ इसलिए मैं लोगों को वीडियो और ब्लॉग के माध्यम से स्वास्थ्य संबंधी उपयोगी जानकारियाँ भी देता रहता हूँ। आप ShriMadhopur.com ब्लॉग से जुड़कर ट्रैवल और हेल्थ से संबंधित मेरे लेख पढ़ सकते हैं।

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