पिछोला झील से जुड़ा है उदयपुर का इतिहास - Lake Pichola, इसमें उदयपुर की स्थापना और इसके इतिहास की गवाह पिछोला झील के बारे में जानकारी दी गई है।
झीलों की नगरी उदयपुर में एक ऐसी मानव निर्मित झील है जो ना केवल प्राकृतिक सुंदरता की मिसाल है बल्कि मेवाड़ राजवंश के गौरवशाली इतिहास से भी जुड़ी हुई है।
यह झील उदयपुर शहर की जीवनरेखा होने के साथ-साथ इसके इतिहास, संस्कृति और पर्यटन को सहेजने वाली एक धरोहर भी है। उदयपुर के गिर्वा में अरावली की पहाड़ियों से घिरी हुई यह झील सूर्योदय से सूर्यास्त तक अपनी बदलती छवियों से सभी को मंत्रमुग्ध कर देती है।
यह झील उदयपुर की सबसे बड़ी मानव-निर्मित पिछोला झील है जो लगभग 4 किलोमीटर लंबी और 3 किलोमीटर चौड़ी है। झील की भराव क्षमता 11 फीट है।
यह झील सीसारमा नदी के पानी से भरती है। सीसारमा नदी सीसारमा गाँव की तरफ से बहती हुई आती है जिसमें अमरजोक और बूझड़ा जैसी नदियाँ आकर मिलती हैं।
पिछोला झील रंग सागर, कुम्हारिया तालाब और स्वरूप सागर झील के जरिए फतेहसागर झील से जुड़ी हुई है। जब यह झील भर जाती है तब इसका पानी फतेहसागर झील में भेजा जाता है।
अगर हम पिछोला झील के इतिहास के बारे में बात करें तो पता चलता है कि इस झील का निर्माण किसी महाराणा ने नहीं बल्कि 14वीं शताब्दी में महाराणा लाखा के शासनकाल में पिच्छू नाम के एक बंजारे ने करवाया था।
झील को मुख्य रूप से पेयजल और सिंचाई के लिए बनाया गया और इसका नाम पास के पिछोली गाँव पर पिछोला रखा गया।
बाद में 16वीं शताब्दी में महाराणा प्रताप के पिता महाराणा उदय सिंह ने इस झील के किनारे पर राजमहल बनवाकर उदयपुर शहर की स्थापना की।
उदयपुर की स्थापना के बाद महाराणाओं ने झील के विकास के साथ इसके टापुओं और किनारे पर भव्य महलों का निर्माण करवाया।
अगर हम झील के बीच मौजूद टापुओं की बात करें तो इसमें चार टापू हैं जिनमें से एक पर महाराणा जगत सिंह द्वितीय ने जग निवास नाम का एक महल बनवाया था।
झील के बीच में तैरता हुआ यह महल व्हाइट मार्बल से बना हुआ है जो गर्मी के मौसम में राजपरिवार के रहने के काम आता था। अब इस महल में ताज लेक पैलेस होटल चलता है।
झील के दूसरे टापू पर जग मंदिर नामक महल हैं जिसका निर्माण महाराणा अमर सिंह के समय शुरू हुआ और महाराणा कर्ण सिंह के बाद उनके पुत्र महाराणा जगत सिंह के समय पूरा हुआ।
ये वही महल है जिसमें बादशाह जहांगीर का बेटा शहजादा खुर्रम अपने पिता से विद्रोह करने के बाद शरण लेकर रहा था।
यही शहजादा खुर्रम आगे चलकर मुगल बादशाह शाहजहाँ बना था। कहते हैं कि जग मंदिर महल की वास्तुकला से प्रभावित होकर ही शाहजहाँ ने ताजमहल बनवाया था।
तीसरे टापू पर मोहन मंदिर है जिसको महाराणा जगत सिंह ने बनवाया था और इसे गणगौर जैसे त्योहारों के काम में लिया जाता था।
चौथे टापू पर अर्सी विलास है जो पहले शस्त्रागार के काम में आता था लेकिन अब यह बर्ड सेंचुरी और सनसेट के लिए प्रसिद्ध है।
झील का सबसे मुख्य आकर्षण बोटिंग है जिसमें पूरी झील का एक बड़ा चक्कर लगवाया जाता है। बोटिंग करते समय सिटी पेलेस, जग मंदिर और जग निवास को आप बेहद करीब से देखते हैं।
झील के किनारे पर सिटी पेलेस के अलावा बागोर की हवेली, गणगौर घाट, माँजी घाट (अमराई घाट), प्रताप पार्क जैसी प्रसिद्ध जगह मौजूद हैं।
इसके साथ झील के पास कई देखने लायक जगह और हैं जिनमें दूध तलाई झील, माणिक्य लाल वर्मा और दीन दयाल उपाध्याय म्यूजिकल गार्डन, करणी माता मंदिर और रोपवे मुख्य है।
झील के पास नटनी का चबूतरा भी बना है जिसके बारे में कहा जाता है कि इसे एक नटनी की याद में बनवाया गया था जिसकी मौत रस्सी पर चलकर झील को पार करते समय हो गई थी।
पिछोला झील उदयपुर की आत्मा है, जो इसके इतिहास, संस्कृति और सौंदर्य का अनोखा संगम है। यदि आप उदयपुर आएँ, तो इसकी यात्रा जरूर करें।
पिछोला झील की मैप लोकेशन - Map location of Lake Pichola
पिछोला झील का वीडियो - Video of Lake Pichola
डिस्क्लेमर (Disclaimer)
इस लेख में शैक्षिक उद्देश्य के लिए दी गई जानकारी विभिन्न ऑनलाइन एवं ऑफलाइन स्रोतों से ली गई है जिनकी सटीकता एवं विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। आलेख की जानकारी को पाठक महज सूचना के तहत ही लें क्योंकि इसे आपको केवल जागरूक करने के उद्देश्य से लिखा गया है। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।
Tags:
Tourism