Dharam Ji Chale Gaye Poem, इसमें धरम जी चले गए नामक शीर्षक से हिन्दी सिनेमा के मशहूर कलाकार धर्मेन्द्र के फिल्मी जीवन के बारे में जानकारी दी गई है।
धरम जी चले गए कविता के बोल - Lyrics of Dharam Ji Chale Gaye Poem
मिट्टी की खुशबू से निकले थे वो,
सपनों की गठरी उठाए हुए...
हवा ने पूछा — “कहाँ चल दिए?”,
कहा — “नाम कमाने सपनों के शहर...”
रूह में सच्चाई, दिल में जुनून,
पर्दे पे जो बोले तो दुनिया थम जाए...
धरम जी चले गए...
पर आवाज़ उनकी अब भी गूँज जाए...
ओ धरम जी चले गए...
पर यादों में जिंदा हैं वो...
हर डायलॉग, हर मुस्कान में,
अब तक बसते हैं वो...
ओ धरम जी चले गए...
पर दिल से न गए कभी...
परदे पे हीरो थे,
ज़िंदगी में भी सच्चे वही...
शोले का वीरू, धरमवीर का धरम,
पर असल में वो सादगी का साज़ था...
हँसी में अपनापन, बातों में मिठास,
दिल ऐसा जो हर किसी के साथ था...
ज़माना बदला, पर अंदाज़ वही,
हर चेहरे पे उनका एहसास वही...
धरम जी चले गए...
पर रोशनी अब भी वहीं...
कभी खेतों की धूल में, कभी कैमरे की चमक में,
वो हीरो नहीं, एक इंसान थे...
जो हँसते थे दर्द में भी,
वो हर दिल का अरमान थे...
अब जहाँ भी रहो धरम जी,
आप हमारी जान हैं...
ओ धरम जी चले गए...
पर धड़कनों में हैं वो...
हर किरदार, हर लम्हे में,
अब तक जिंदा हैं वो...
ओ धरम जी चले गए...
पर नाम अमर रहेगा...
धरती से गए सही,
पर आसमान में चमकेगा...
हेमाजी की आँखों में आज भी चमक,
जब उनका नाम लिया जाता है...
बच्चों के लफ़्ज़ों में गर्व है,
जब “पापा” कहा जाता है...
इतना कुछ पा के भी,
वो शालीनता का सागर रहे...
धरम जी चले गए...
पर दिलों में सदा अमर रहे...
अब पर्दा गिर गया, पर कहानी अधूरी नहीं,
हर दृश्य में उनकी आत्मा पूरी सही...
जब भी कोई बोले “यारो…” तो लगे जैसे वो वहीं,
मुस्कुराते हुए कहें — “चलो, फिर मिलते हैं यहीं...”
धरम जी चले गए...
पर वक़्त से आगे बढ़ गए वहीं...
ओ धरम जी चले गए...
पर अमर रहेगी ये कहानी...
हर आँसू में, हर धुन में,
बसती है उनकी निशानी...
धरम जी चले गए...
पर आज भी लगते हैं यहीं...
क्योंकि जो दिलों में बस जाए,
वो मरता नहीं... वो मरता नहीं...
“धरम जी चले गए…”
“धरम जी चले गए…”
“पर यादों में रह गए…”
“धरम जी… धरम जी…”
धरम जी चले गए कविता का वीडियो - Video of Dharam Ji Chale Gaye Poem
अस्वीकरण (Disclaimer):
इस कविता की समस्त रचनात्मक सामग्री रमेश शर्मा की मौलिक रचना है। कविता में व्यक्त विचार, भावनाएँ और दृष्टिकोण लेखक के स्वयं के हैं। इस रचना की किसी भी प्रकार की नकल, पुनर्प्रकाशन या व्यावसायिक उपयोग लेखक की लिखित अनुमति के बिना वर्जित है।
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Poetry
