Jawani Ka Guroor Poem, इसमें जवानी का गुरूर नामक कविता के माध्यम से इंसान के जीवन में जवानी की दहलीज के जोश के कई पहलुओं के बारे में जानकारी दी है।
जवानी का गुरूर कविता के बोल - Lyrics of Jawani Ka Guroor Poem
जब बचपन बीते और लड़कपन जाने लगे
जब मन नए-नए अरमान सजाने लगे
जब सपने रंगीन और सुहाने लगे
जब रात-दिन अपना फर्क भुलाने लगे
यही जवानी का गुरूर है।
जब पढ़ाई के अलावा भी दुनिया नजर आने लगे
जब माता-पिता की बातें बेमानी सी लगने लगे
जब दिमाग की जगह दिल की बादशाहत चलने लगे
जब हर काम को दिल ही दिल में रखने लगे
यही जवानी का गुरूर है।
जब दोस्तों में नए इरादों के साथ-साथ नए सपने पलने लगे
जब कोई सही राह दिखाने की कोशिश करें तो खलने लगे
जब बातों-बातों में ही दिल बार-बार जलने लगे
जब दूसरों को देखकर हाथ मलने लगे
यही जवानी का गुरूर है।
जब दिल में इरादे चट्टान की तरह मजबूत होने लगे
जब मंजिल की तरफ कदम बढ़े और रुकने लगे
जब गिर गिरकर हर हाल में आगे बढ़ने लगे
जब किसी के सपने हमारी आँखों में पलने लगे
यही जवानी का गुरूर है।
जब खुद का साया खुद से ही बातें करने लगे
जब अपने साये में कोई और नजर आने लगे
जब खुद का साया अक्स बनकर सताने लगे
जब अपने साये से दूर भाग जाने का मन करे
यही जवानी का गुरूर है।
जब मन में लहरों की तरह उमंगें उठने लगे
जब दिल जो कहे वही करने का मन करने लगे
जब दिल धड़काने वाली खुशबु का अहसास होने लगे
जब सारी कायनात अपनी सी लगने लगे
यही जवानी का गुरूर है।
जब मन में नए-नए अरमान पलने लगे
जब किसी को देखकर धड़कनें तेज चलने लगे
जब किसी को छुप-छुप कर देखने का मन करने लगे
जब किसी को खुशी और उसके गम लेने का मन करने लगे
यही जवानी का गुरूर है।
जब सारी दुनिया दुश्मन सी लगने लगे
जब दुनिया से बगावत करने का दिल करने लगे
जब किसी पर जान लुटाने का दिल करने लगे
जब किसी के लिए सारी दुनिया से टकराने का दिल करने लगे
यही जवानी का गुरूर है।
जब गुरूर उतरने लगता है, तब सच्चाई सामने आती है
जब सुरूर का धुआँ हटने लगता है, तब दिल को दहलाती है
जब दिमाग को वापस सत्ता मिलती है तब दिल धक से रह जाता है
जो लुट चुका होता है उसकी भरपाई दिल कभी नहीं कर पाता है
दोस्तों जवानी को जिओ परन्तु गुरूर को मगरूर मत होने दो
अपनी मंजिलों को हासिल करने के पक्के इरादों को मत खोने दो।
यही जवानी का गुरूर है।
यही जवानी का गुरूर है।
यही जवानी का गुरूर है।
जवानी का गुरूर कविता का वीडियो - Video of Jawani Ka Guroor Poem
अस्वीकरण (Disclaimer):
इस कविता की समस्त रचनात्मक सामग्री रमेश शर्मा की मौलिक रचना है। कविता में व्यक्त विचार, भावनाएँ और दृष्टिकोण लेखक के स्वयं के हैं। इस रचना की किसी भी प्रकार की नकल, पुनर्प्रकाशन या व्यावसायिक उपयोग लेखक की लिखित अनुमति के बिना वर्जित है।
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Poetry
